हम सभी को कभी ना कभी किसी बड़े बुजुर्ग ने यह जरूर बोला है कि लौंग का फूल नहीं खाना चाहिए, परंतु लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए? इसका सही जवाब आज आपको इस लेख में मिलेगा जहां पर हम लौंग (Syzygium aromaticum) के अंदर मौजूद सभी केमिकल और उनके कार्य करने के तरीकों को जानेंगे जिससे हमें यह साफ-साफ समझ में आ जाएगा की लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए। इससे आप बिना किसी के बहकावे में आए खुद से अपना निर्णय ले सकेंगे आई विस्तार से जानते हैं लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए?
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लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए
लौंग के फूल (Clove flower) में पाए जाने वाला रसायन यूजेनॉल, कार्वेर्कोल, थायमोल, सिनामिक एसिड इत्यादि फायदा तो करते हैं। परंतु कुछ मामले में इनकी अधिकता हो जाने से शरीर में विषाक्त का कारण भी बन जाता है। जिसमें लिवर से संबंधित समस्याएं जैसे की मतली होना और उल्टी होना शामिल है। कुछ लोगों में एलर्जी तथा खून का अधिक पतला हो जाना भी शामिल है। कुछ मामलों में यह अपच, पेट दर्द और गैस्ट्रिक अल्सर का कारण भी बनता है जिसे पेप्टिक अल्सर के नाम से भी जाना जाता है यहां पढे अल्सर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय।
क्या सच में लौंग का फूल नुकसान करता है
हां, लौंग का फूल कुछ मामलों में नुकसान पहुंचा सकता है परंतु, यह प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य और शरीर के कार्य प्रणाली के ऊपर भी निर्भर करता है। कुछ लोगों के अंदर लौंग से होने वाले नुकसान को देखा जा सकता है, वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको लौंग खाने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता। नीचे बताए गए लक्षणों को देखकर के और उन्हें भली भांति समझ करके आप यह पता लगा सकते हैं, कि लौंग का फूल आपको नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं, जिससे आप इस बारे में और स्पष्ट हो पाएंगे कि लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए?
लौंग में पाए जाने वाले रसायन
नीचे लौंग में पाए जाने वाले सभी रसायन और उनके कार्य प्रणाली के बारे में बताया गया है इसके साथ ही अभी बताया गया है कि किसी विशेष रासायनिक यौगिक से आपको नुकसान पहुंच सकता है
कारण | रासायनिक घटक | प्रभाव |
उच्च मात्रा में सेवन | यूजेनॉल | विषाक्तता, जिगर की समस्याएँ |
एलर्जी | यूजेनॉल, कार्वेक्रोल | त्वचा रैश, खुजली |
रक्त पतला होना | यूजेनॉल | अधिक खून बहना |
पाचन तंत्र पर प्रभाव | यूजेनॉल, थायमोल | अपच, पेट दर्द |
1. यूजेनॉल (Eugenol)
यह लौंग का सबसे सक्रिय घटक है इसकी वजह से लौंग की अपनी एक अलग खुशबू और स्वाद होता है। यूजेनॉल एक जैविक यौगिक है, जो दालचीनी, जायफल तथा तुलसी जैसे विभिन्न पौधों में भी पाया जाता है। लौंग में पाए जाने वाला यूजेनॉल मुख्य रूप से सुगंध और स्वाद के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है। जिसका रासायनिक नाम 4 एलील 2 मेथाक्सीफिनोल है। आपको बता दें कि लौंग के तेल में 70 से 90% इज यूजेनॉल होता है।
और अक्सर लौंग के तेल को दांत से संबंधित बीमारियों को ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल में लिया जाता है, जैसे की दांत में कीड़ा लगने का घरेलू उपाय। यूजेनॉल का कार्य एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणु रोधक, एनाल्जेसिक प्रभाव, कीटनाशक तथा खाद्य परीक्षक के रूप में देखा जाता है। अपने एनाल्जेसिक प्रभाव के कारण ही लौंग के तेल का इस्तेमाल दांतों से संबंधित रोगों में किया जाता है।
क्योंकि लौंग में पाए जाने वाला यूजेनॉल एंटीबैक्टीरियल होता है, यह फंगस के संक्रमण को भी खत्म करने में मदद करता है, परंतु यदि अधिक मात्रा में यूजेनॉल का सेवन कर लिया जाए, तो यह लीवर को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। जिसकी वजह से मतली और उल्टी होने लग जाती है। कुछ लोगों में यूजेनॉल से एलर्जी भी देखी जाती है, जिसकी वजह से उनकी त्वचा पर खुजली तथा लाल चकत्ते दिखाई देने लगते हैं।
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स्वास से संबंधित मरीजों को सांस लेने में कठिनाई का सामना भी करना पड़ सकता है। जिन लोगों का खून पहले से पतला है उन लोगों को यूजेनॉल से विशेष सावधान रहना चाहिए, क्योंकि यह खून को पतला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नीचे यूजेनॉल के अंदर मौजूद गुणधर्म और उनके विवरण की तालिका दी गई है जिससे आपको समझने में अधिक आसानी होगी;
गुणधर्म | विवरण |
रासायनिक नाम | 4-एलील-2-मेथॉक्सीफिनोल |
आणविक सूत्र | C10H12O2 |
प्रमुख स्रोत | लौंग का तेल, तुलसी का तेल, दालचीनी का तेल, जायफल का तेल |
उपयोग | एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एनाल्जेसिक, कीटनाशक, खाद्य परिरक्षक |
दुष्प्रभाव | विषाक्तता, एलर्जी, रक्त पतला होना |
निवारण | सीमित मात्रा में सेवन, चिकित्सक से परामर्श, सुरक्षित भंडारण |
2. कार्वेर्कोल (Carvacrol)
लौंग में पाए जाने वाला कार्वेर्कोल है एक मोनाटेरपीन फिनोल है। जिसकी वजह से यह एंटीबैक्टीरियल गुणो से भरपूर होता है। यह थाइम (Thyme) और अजवाइन (Oregano) जैसे पौधों में भी पाया जाता है। इसकी खुशबू बहुत ही तीव्र होती है और यह कई औषधीय गुणो से भी भरपूर है। अक्सर कार्वेर्कोल का उपयोग खाद्य पदार्थ तथा सौंदर्य के सामानों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
इसका रासायनिक नाम 2 मेथाइल-5-(1-मेथाइलइथाइल) फिनोल है। यह विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया फंगस और वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद करता है, इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को नुकसान होने से भी बचाता है। यह सूजन कम करने में सहायक होता है शोधकर्ताओं ने पाया कि कार्वेर्कोल में कुछ प्रकार के कैंसर सेल की वृद्धि को रोकने का भी गुण पाया जाता है या यह कुछ प्रकार के कैंसर सेल की वृद्धि को रोक सकता है।
यदि हम लौंग के फूल या लौंग को अधिक मात्रा में खा लेते हैं तो यह हमारे पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता है जिसकी वजह से पेट में जलन गैस्ट्रिक अल्सर व अन्य प्रकार की पाचन समस्याएं हो सकती हैं इसलिए जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर है उन्हें पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए कुछ लोगों में एलर्जी के लक्षण जैसे त्वचा पर रस या खुजली भी हो सकती है,
यदि आपको इनमें से किसी भी प्रकार की समस्या है तो आपको पता चल गया होगा कि लौंग के फूल को क्यों नहीं खाना चाहिए। नीचे कार्वेर्कोल के अंदर मौजूद गुणधर्म और उनके विवरण की तालिका दी गई है जिससे आपको समझने में अधिक आसानी होगी:
गुणधर्म | विवरण |
रासायनिक नाम | 2-मेथाइल-5-(1-मेथाइलइथाइल)फिनोल |
आणविक सूत्र | C10H14O |
प्रमुख स्रोत | थाइम, अजवायन, सवोरी |
उपयोग | एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटी-कैंसर |
दुष्प्रभाव | पाचन तंत्र पर प्रभाव, एलर्जी, लिवर और किडनी पर प्रभाव |
निवारण | सीमित मात्रा में सेवन, चिकित्सक से परामर्श, सुरक्षित भंडारण |
3. थायमोल (Thymol)
कार्वेर्कोल की तरह थायमोल भी एक एंटीबैक्टीरियल एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणो से भरपूर होता है। जिसका रासायनिक नाम 2-आइसोप्रोपिल-5-मेथिलफिनोल है। चिकित्सा के क्षेत्र में थायमोल का इस्तेमाल त्वचा की देखभाल के लिए भी किया जाता है। थाइमोल की उच्च मात्रा हो जाने से यह हमारे तंत्रिका तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। नीचे थायमोल के अंदर मौजूद गुणधर्म और उनके विवरण की तालिका दी गई है जिससे आपको समझने में अधिक आसानी होगी:
गुणधर्म | विवरण |
रासायनिक नाम | 2-आइसोप्रोपिल-5-मेथिलफिनोल |
आणविक सूत्र | C10H14O |
प्रमुख स्रोत | थाइम, अजवायन, सवोरी |
उपयोग | जीवाणुरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीफंगल |
दुष्प्रभाव | पाचन तंत्र पर प्रभाव, एलर्जी, तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव |
निवारण | सीमित मात्रा में सेवन, चिकित्सक से परामर्श, सुरक्षित भंडारण |
4. सिनामिक एसिड (Cinnamic Acid)
सिनामिक एसिड एक प्रकार का कार्बाॅक्सीलिक एसिड है। जो एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणु रोधी गुणो के लिए जाना जाता है। यह दालचीनी और बाल्सम पेड़ में पाया जाता है। इसका इस्तेमाल कई प्रकार के औषधीय उत्पादन, खाद्य उत्पादन और सौंदर्य से संबंधित पदार्थों के उत्पादन में प्रयोग किया जाता है। इसका रासायनिक नाम 3-फेनाइलप्रोपेनोइक एसिड है। कई शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया की यह पाया है कि सिनामिक एसिड भी कुछ विशेष प्रकार के कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकता है।
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सिनामिक एसिड का इस्तेमाल खाद्य परीक्षक के रूप में भी किया जाता है, लौंग में पाए जाने वाले सिनामिक एसिड का इस्तेमाल त्वचा की देखभाल के लिए बनने वाले सौंदर्य उत्पादन में भी होता है। लौंग के अंदर पाए जाने वाले अन्य रसायनों की तरह से सिनामिक एसिड भी पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता है।
जिससे पेट में जलन गैस्ट्रिक अल्सर व अन्य प्रकार की पाचन से संबंधित समस्या हो सकती है वहीं कुछ लोगों में एलर्जी तथा तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव देखने को मिल सकता है। नीचे सिनामिक एसिड के अंदर मौजूद गुणधर्म और उनके विवरण की तालिका दी गई है जिससे आपको समझने में अधिक आसानी होगी;
गुणधर्म | विवरण |
रासायनिक नाम | 3-फेनाइलप्रोपेनोइक एसिड |
आणविक सूत्र | C9H8O2 |
प्रमुख स्रोत | दालचीनी, बाल्सम पेड़, कुछ फल और सब्जियाँ |
उपयोग | एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-कैंसर, खाद्य परिरक्षक |
दुष्प्रभाव | पाचन तंत्र पर प्रभाव, एलर्जी, तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव |
निवारण | सीमित मात्रा में सेवन, चिकित्सक से परामर्श, सुरक्षित भंडारण |
लौंग का फूल किसे नहीं खाना चाहिए
बहुत से लोगों को जानकारी के अभाव में यह नहीं पता होता कि लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए वैसे देखा जाए तो संपूर्ण लौंग की अधिकता हो जाने से हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, परंतु कुछ विशेष परिस्थितियों ऐसी हैं जहां पर लौंग का सेवन करना सही नहीं माना जाता है, इसलीये लोगो के मन में ये सवाल उठता है की लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए?
1. गर्भावस्था
गर्भावस्था में महिलाओं को लौंग का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए जैसा कि हमने ऊपर जाना की लौंग में किस प्रकार के रासायनिक तत्व पाए जाते हैं यह गर्भावस्था के दौरान महिला के अंदर गर्भपात या समय से पहले बच्चों के पैदा हो जाने का खतरा होता है।
2. स्तनपान (Feeding The Beast)
स्तनपान करने वाली महिलाओं को भी लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए यदि करना है तो बहुत सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि अभी तक इस बात का शोध जारी है कि स्तनपान करने वाली महिलाओं को लौंग का सेवन करना चाहिए या नहीं
3. खून पतला करने वाली दवाएं
जिन लोगों को पहले से खून पतला करने की दवा चल रही है ऐसे लोगों को लौंग अथवा लौंग के फूल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि लौंग में मौजूद रासायन खून को अधिक पतला कर सकता है, जिसकी वजह से शरीर के अंदरूनी अंगों में खून बहने की संभावना बढ़ सकती है।
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4. हीमोफीलिया
जिन लोगों को रक्तस्राव विकार जैसे की हिमोफीलिया है ऐसे लोगों को लौंग के फूल का सेवन नहीं करना चाहिए या लौंग का पूर्ण रूप से सेवन नहीं करना चाहिए यह खून के रिसाव की समस्या को बढ़ा सकता है।
5. गैस्ट्रिक या अल्सर रोगी
जिन लोगों को एसिडिटी, गैस या अल्सर की समस्या पहले से है ऐसे लोगों को लौंग का फूल या फिर फूल रहित लौंग को नहीं खाना चाहिए अन्यथा यह पेट में जलन व अल्सर की समस्या को अधिक बढ़ा सकता है। यहां पढे अल्सर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय।
6. खराब लीवर
जिन लोगों को लीवर से संबंधित समस्या है ऐसे लोगों को लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए यह लीवर से संबंधित अन्य समस्या को उत्पन्न कर सकता है, तथा मौजूदा समस्या को बढ़ा भी सकता है।
7. सर्जरी से पहले और बाद में
जिन लोगों की सर्जरी होनी है या हाल फिलहाल में हुई है जिनका घाव अभी तक नहीं भरा है, ऐसे लोगों को लौंग का सेवन भूल करके भी नहीं करना चाहिए क्योंकि यह खून को अधिक पतला कर सकता है, जिससे खून के बहाने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ यह सर्जरी के दौरान भी असुविधाजनक हो सकता है। ऐसे समय में आपको अपने घाव और टाकों की उचित देखभाल करनी चाहिए यहां पढ़ें सर्जरी के टाकों की देखभाल कैसे करें।
लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए?
लौंग का फूल व लौंग के सेवन से संबंधित कई मिथक हमारे समाज में फैला हुआ है जिनके बारे में हम नीचे जानेंगे
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1. क्या लौंग खाने से वजन बढ़ता है
नहीं, लौंग खाने से वजन नहीं बढ़ता बल्कि यह आपके वजन को कम करने में मदद कर सकती है। लौंग में थर्मोजेनिक गुणधर्म होते हैं जो हमारे शरीर के अंदर होने वाली रासायनिक प्रक्रिया मेटाबॉलिज्म को बढ़ा देते हैं, जिससे हमारे शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी जल जाती है फलस्वरुप यह वजन कम करने में मदद करती है।
2. लौंग का सेवन किसको नहीं करना चाहिए (लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए)
ज्यादातर लोगों का मानना है कि लौंग का सेवन सभी लोगों को करना चाहिए परंतु यह गलत है। लौंग का सेवन विशेष करके गर्भवती महिलाएं, बच्चों व लीवर से संबंधित समस्या से ग्रसित मरीजों को लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए। नीचे दी हुई तालिका में लौंग से जुड़े हुए अन्य मिथक और सच के बारे में दिया गया है, जिन्हें आप अपनी सुविधा के अनुसार पद और समझ सकते हैं;
मिथक | सच |
लौंग वजन बढ़ाती है | लौंग वजन कम करने में मदद कर सकती है। |
लौंग का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है | कुछ लोगों के लिए लौंग का अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। |
लौंग सिर्फ एक मसाला है | लौंग के औषधीय गुण भी हैं। |
लौंग का सेवन केवल भोजन में किया जा सकता है | लौंग का उपयोग तेल, पाउडर, और चाय के रूप में भी किया जा सकता है। |
लौंग खाने से दांत खराब होते हैं | लौंग का उपयोग दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। |
लौंग का सेवन केवल सर्दी और जुकाम में ही किया जाता है | लौंग का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। |
लौंग का सेवन करने से एलर्जी होती है | कुछ लोगों को लौंग से एलर्जी हो सकती है, लेकिन यह दुर्लभ है। |
लौंग का सेवन सिर्फ ताजे रूप में ही करना चाहिए | लौंग का सेवन सूखे, पाउडर, और तेल के रूप में भी किया जा सकता है। |
लौंग का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है | लौंग के औषधीय गुणों का वैज्ञानिक प्रमाण है। |
लौंग का सेवन केवल वयस्कों के लिए फायदेमंद है | लौंग का उपयोग बच्चों में भी किया जा सकता है, लेकिन सीमित मात्रा में। |
लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए -निष्कर्ष
लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए के इस लेख में हमने जाना की लौंग के अंदर वह कौन से केमिकल मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर पर प्रभाव डालते हैं। इन सभी के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त करने के बाद आपको स्पष्ट जवाब मिल गया होगा कि लौंग का फूल क्यों नहीं खाना चाहिए या फिर संपूर्ण लौंग को अधिक मात्रा में क्यों नहीं खाना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से प्रकृति में मौजूद मनुष्यों के खाने की चीजों की अधिकता भी नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा जरूरी नहीं की कोई चीज यदि स्वास्थ्य के लिए अच्छी हो तो उसे अधिक मात्रा में खाया जा सकता है, अच्छी चीजों की अधिकता भी नुकसानदायक हो सकती है।
मेडिको सूत्र (MedicoSutra) पर आने के लिए दिल से धन्यवाद, हम आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं,
कृपया अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।