भारत में उन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर अधिक देखने को मिला है जिनका जीवन शैली बिल्कुल छिपी हुई रहती है यह अपनी बीमारी के बारे में ना तो किसी से खुलकर के बात कर पाती हैं और ना ही समय रहते इसका इलाज कर पाती हैं ऐसे में बहुत सी महिलाओं को नहीं पता होता कि सर्वाइकल कैंसर क्या है (Cervical Cancer) जिसके चलते,
उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है, कुछ रिसर्च में यह पता चला है कि 2019 से लेकर 2020 तक लगभग 1,00,000 से अधिक महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर के कारण हुई है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है
सर्वाइकल कैंसर ( Cervical Cancer ) को बच्चेदानी का बाहरी भाग ( गर्भाशय ग्रीवा ) का कैंसर भी कहा जाता है, यह बच्चेदानी से होते हुए सर्विस कैनाल को भी प्रभावित करता है जिसे गर्भाशय ग्रीवा भी कहते हैं, समय रहते अगर सर्वाइकल कैंसर के लक्षण को पहचान करके इसका उपचार नहीं किया गया तो यह बच्चेदानी सहित महिलाओं के जननांग को बुरी तरह से प्रभावित करता है जिसमें बहुत अधिक खून का स्राव होता है और मरीज की मौत भी हो जाती है।
सर्वाइकल कैंसर के कारण क्या है?
सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) है यह एक प्रकार का वायरस है जो एक से अधिक यौन संबंध बनाने से फैलता है इस वायरस की संरचना डबल स्टैंडर्ड डीएनए ( dsDNA ) के रूप में होती है जो गर्भाशय में धस करके इसकी बाहरी परत पेरीमेट्रियम ( Perimetrium ) को प्रभावित करना शुरू करता है।
धीरे-धीरे यह यूटरस की मायोमैट्रियम ( Myometrium ) तक पहुंच जाता है उसके बाद जननांगों से रक्तस्राव होना शुरू हो जाता है, कुछ महिलाएं इसे मासिक धर्म समझकर के नजरअंदाज कर देती हैं लेकिन, अगर आपको ऐसा कुछ भी लगता है जो सामान्य नहीं है तो ऐसे में अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
हमारे शरीर में मौजूद सभी प्रकार की कोशिकाओं को किस प्रकार से विभाजित होना है, इसका कंट्रोल हमारी शरीर करती है लेकिन कैंसर की कोशिकाएं हमारी शरीर के कंट्रोल से बाहर होती हैं इसलिए वह मनमानी रूप से विभाजित होती हैं और घातक ट्यूमर का निर्माण करती हैं, आगे चलकर यही ट्यूमर सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेता है।
1. असुरक्षित शारीरिक संबंध
ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के प्रसारित होने का एक मुख्य कारण सुरक्षित शारीरिक संबंध भी होता है जो महिलाएं बिना किसी सुरक्षा या सफाई के एक से अधिक शारीरिक संबंध बनाती हैं उनको सर्वाइकल कैंसर होने गया खतरा सामान्य महिलाओं के मुकाबले अधिक होता है।
2. बुरी लत के कारण
कुछ महिलाएं स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन भी करती हैं जिसकी वजह से उनके शरीर में कार्सिनोजेन अर्थात कैंसर को उत्प्रेरित करने वाले कारक जमा होने लगते हैं, और जब मासिक धर्म आता है तब यह उत्प्रेरक सर्वाइकल कैंसर के होने का खतरा अधिक बढ़ा देते हैं।
3. अंदरुनी इंप्लांट
अभी तक किसी रिसर्च में यह बात साबित नहीं हो पाई है लेकिन ऐसा माना जाता है कि कुछ महिलाओं में कॉपर-टी के गलत इंप्लांट होने की वजह से भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि कॉपर-टी से जुड़ा हुआ धागा हमेशा जननांगों से बाहर निकला हुआ होता है जिसमें इन्फेक्शन आसानी से अंदर तक पहुंचाने का डर होता है इसलिए कॉपर टी के इस्तेमाल में साफ सफाई अति आवश्यक है।
4. मासिक धर्म में सफाई
आज भी हमारे देश में कई जगह महिलाएं एक साफ सुथरा पैड इस्तेमाल करने की बजाय गंदे कपड़े का इस्तेमाल मासिक धर्म के दौरान करती हैं, जिसकी वजह से न सिर्फ वायरस इन्फेक्शन का खतरा होता है बल्कि, बैक्टीरिया से होने वाले अनेकों संक्रमण का खतरा होता है जिसमें मूत्र नली का इन्फेक्शन ( UTI ) मुख्य रूप से शामिल है, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को समय-समय पर अपने पैड को बदलते रहना चाहिए साथ में साफ सफाई का उचित ख्याल रखना चाहिए।
5. अधिक गर्भधारण
कुछ लोगों की सोच यह होती है कि उनके जितने अधिक बच्चे होंगे उनका परिवार उतना खुश होगा लेकिन यह गलत है, ज्यादा बच्चे की चाहत में लोग अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता कर रहे हैं, जिसका खामियाजा सर्वाइकल कैंसर के रूप में भी भुगतना पड़ सकता है जी हां कई रिसर्च ने माना है कि तीन बच्चों से अधिक होने पर आजकल महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के होने का खतरा अधिक हो जाता है।
6. गर्भपात
कई महिलाएं अनचाहे गर्भ को हटाने के लिए किसी प्रशिक्षित डॉक्टर की सलाह के बिना बाजार में मिलने वाली गर्भपात की दवाओं को खा लेती हैं जिसकी वजह से उनका गर्भपात तो संभवत हो जाता है, लेकिन गर्भपात के दौरान अगर कोई अंश बच्चेदानी में रह जाता है तो वह सड़न पैदा करने के साथ-साथ सर्वाइकल कैंसर का कारण भी बन जाता है।
यदि गर्भपात 2 महीने से अधिक के शिशु का बिना किसी प्रशिक्षित डॉक्टर की देखरेख में होता है तो वह महिलाओं के जीवन को भी खतरे में डाल सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण कैसे पहचाने
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण आसानी से समझ में नहीं आते लेकिन जब हुमन पपिल्लोमावायरस ( HPV ) यह गंभीर रूप से संक्रमण फैला देते हैं तब इसके लक्षण थोड़े-थोड़े समय पर दिखाई देने शुरू हो जाते हैं और वक्त बितने के साथ यह अधिक हो जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से-
- शरीर के निचले हिस्से अर्थात पैरों में सूजन होना
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान सामान्य से अधिक दर्द होना
- मासिक धर्म खत्म हो जाने के बाद भी खून का बहना
- जननांगों के आसपास के हिस्सों में दर्द होना
- वजन कम होने के साथ भूख का कम होना
- हमेशा कमजोरी महसूस होना
- पेट के निचले हिस्से में कभी-कभी चुभन होना
- यूरिन पास करने पर जलन होना
- मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द होना
- हल्का-फुल्का बुखार का होना
क्या सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है
आज के दौर में कैंसर का उपचार काफी हद तक संभव है यदि इसे समय रहते पहचान लिया जाए, इसलिए यदि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत जांच करने के बाद उसका इलाज शुरू कर देना चाहिए, जितना जल्दी इलाज शुरू होगा मरीज का ठीक होना उतना अधिक संभव होगा,
सर्वाइकल कैंसर का इलाज सामान्य कैंसर की तरह ही होता है बस इसमें थोड़े बहुत बातों का ध्यान रखा जाता है, जैसे अगर कोई महिला शादीशुदा है और उसे पहले से बच्चे हैं तब ऐसी अवस्था में गर्भाशय को भी शरीर से अलग करके कैंसर की सर्जरी को किया जा सकता है, अगर महिला अविवाहित है और उसे अभी तक कोई बच्चा नहीं है तो ऐसे में कैंसर वाली कोशिकाएं कहां तक है उसे पहचान करके सर्जरी के द्वारा शरीर से अलग कर दिया जाता है।
सर्वाइकल कैंसर की सर्जरी मैं क्या होता है
जिस प्रकार सामान्य कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमो रेडिएशन और कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है इस तरह सर्वाइकल कैंसर में भी इन सब का इस्तेमाल किया जाता है, बस सर्जरी को विशेष ध्यान में रख करके किया जाता है जिसमें महिला के साथ-साथ उसके पति का भी निर्णय शामिल होता है, जो फैमिली प्लानिंग से संबंधित हो सकता है,
कुछ परिस्थितियों में सर्वाइकल कैंसर बहुत अधिक फैल चुका होता है तब महिलाओं को भविष्य में गर्भधारण करने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, या फिर वह कभी भी गर्भधारण करने की स्थिति में नहीं आ सकती इसलिए जनन अंगों से संबंधित किसी प्रकार का संदेह हो तो तुरंत प्रशिक्षित डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या गर्भनिरोधक गोलियों से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है
हां, गर्भनिरोधक गोलियां के अधिक सेवन से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है दरअसल गर्भनिरोधक गोलियां गर्भाशय को प्राकृतिक रूप से काम नहीं करने देती वह हार्मोन में बदलाव करके ओवुलेशन और फर्टिलाइजेशन मैं बदलाव करती हैं, जिसकी वजह से गर्भाशय की कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है और धीमे-धीमे वह कैंसर का रूप भी ले सकती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के रोकथाम के लिए टीकाकरण ( HPV Vaccine )
सर्वाइकल कैंसर के रोकथाम के लिए टीकाकरण ( एचपीवी वैक्सीन ) बहुत तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे कम उम्र की महिलाओं से लेकर अधिक उम्र की महिलाओं को भी इसका फायदा मिल रहा है, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि सिर्फ वैक्सीन लग जाने से आपको सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम नहीं हो सकता, इसके लिए आपको सही रूप से अपनी देखभाल करनी चाहिए ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) किसी भी रूप में आकर के संक्रमण कर सकता है, क्योंकि यह अपने जेनेटिक पदार्थ के साथ-साथ फिजिकल प्रॉपर्टीज और संरचना को बदलता रहता है।
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सर्वाइकल कैंसर क्या है / निष्कर्ष
- सर्वाइकल कैंसर किसी भी महिला में हो सकता है इसके लिए जरूरी है कि सभी महिलाएं
- अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखें
- मानसिक धर्म के दौरान साफ-सफाई का उचित ख्याल रखें कभी भी गंदे कपड़ों का इस्तेमाल न करें
- शारीरिक संबंध बनाते वक्त सफाई का विशेष ख्याल रखें
- एक से अधिक शारीरिक संबंध बनाने पर ह्यूमन पपलीमा वायरस का संक्रमण अधिक होता है
इसलिए संक्रमण को फैलने से रोकने वाले उपकरणों का इस्तेमाल शारीरिक संबंध बनाने के दौरान जरूर करें। और किसी भी प्रकार की असामान्य लक्षण दिखाई देने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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