पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के उपाय बहुत होते हैं परंतु उनमें से कुछ खास ऐसे उपाय होते हैं जिनके प्रयोग से पेट का अल्सर जड से खत्म करने में मदद मिलती है, साधारण तौर पर पेट का अल्सर होने पर मरीजों को दर्द, जलन और बार-बार पेशाब लगने जैसी समस्या शामिल होती है, पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के उपाय अपनाने से पहले एक बार विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करे।

पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के उपाय
ज्यादातर लोग पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीके का इस्तेमाल करना उचित समझते हैं, यदि आप भी प्राकृतिक तरीके से पेट के अल्सर को ठीक करना चाहते हैं जिसे पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है तो नीचे बताए गए तरीके पेप्टिक अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
आंवला
दरअसल आंवला में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुड़ पाए जाते हैं आंवला के अंदर मौजूद प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल से बचाते हैं और पेट की भित्तियों को मजबूती प्रदान करते हैं, आंवला में हेलीकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है जो पेप्टिक अल्सर के प्रमुख कारण में से एक माना जाता है।
एंटी इन्फ्लेमेटरी गुड़ के कारण वाला पेट की सूजन और जलन को कम करने में भी मदद करता है, इसके साथ आंवला यह सुनिश्चित करता है कि आपके पेट में एसिड का पीएच अस्तर संतुलन में बना रहे जिससे आपका पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।
पेट के अल्सर को ठीक करने के लिए आंवला का सेवन कैसे करें
पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए आंवला जूस आंवला पाउडर आंवला मुरब्बा या फिर आंवला कैप्सूल का इस्तेमाल किया जा सकता है परंतु ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसका सेवन सही मात्रा में और डॉक्टर की देखरेख में करना चाहिए ।
सेवन करने की क्रिया विधि
1. आंवले का जूस यदि ताजा आंवला से बना करके पिया जाए तो वह अधिक फायदा करता है बाजार में मिलने वाले रेडीमेड आंवला जूस की तुलना में। फिलहाल यदि आप आंवले का जूस बनाना चाहते हैं तो आप ताजा आंवला को तोड़कर उसे अच्छी प्रकार से साफ कर ले इसके बाद उन्हें जूसर में डाल करके अच्छी प्रकार से जूस निकाल ले प्रत्येक दिन सुबह खाली पेट एक कप आंवला जूस का सेवन कर सकते हैं, यह आपके पेट को ठंडक प्रदान करता है और सूजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2. वहीं यदि आप आंवला पाउडर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो प्रत्येक दिन एक चम्मच आंवला पाउडर एक गिलास पानी में मिलाकर रात को सोते समय या सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं, यह आपकी पेट की भित्तियो को मजबूत करता है और अल्सर को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
3. यदि आप आवाले का मुरब्बा का सेवन करना चाहते हैं तो प्रत्येक दिन 1 से 2 आवाले का मुरब्बा खा सकते हैं यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पेट के एसिडिटी को नियंत्रित रखता है, परंतु जिन लोगों को शुगर की शिकायत है उन्हें आवाले का मुरब्बा नहीं खाना चाहिए।

4. यदि आप आंवला को कैप्सूल या टैबलेट्स के रूप में लेना चाहते हैं तो इसे अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए, बिना डॉक्टर की परामर्श से लिए जाने वाला वाला कैप्सूल नुकसान कर सकता है।
मुलेठी (Licorice)
मुलेठी विश्व प्रसिद्ध एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे पेप्टिक अल्सर के इलाज में साधारण तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद मुख्य सक्रिय तत्व जिसका नाम ग्लाइसीर्रिजिन (Glycyrrhizin) है। मुलेठी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं मुलेठी के सेवन से पेट की जलन कम होती है, और पेप्टिक अल्सर मे संक्रमण को बढ़ाने वाले बैक्टीरिया को भी नियंत्रित करती है।
मुलेठी का सेवन विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है जैसे कि मुलेठी का पाउडर, मुलेठी की चाय, मुलेठी का जूस, मुलेठी का टेबलेट इत्यादि जिनकी क्रियाविधि नीचे बताई गई है:
सेवन करने की क्रियाविधि
1. मुलेठी का पाउडर सेवन करने के लिए एक चम्मच मुलेठी का पाउडर हल्के गुनगुने पानी में जिसकी मात्रा लगभग एक गिलास के बराबर होनी चाहिए, अच्छी प्रकार से मिक्स करके दिन में दो बार सुबह और शाम को पी सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार यह पेप्टिक अल्सर के लक्षणों को कम करता है और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है।
2. यदि मुलेठी की चाय पीना चाहते हैं तो सबसे पहले एक कप पानी उबाले, इसके बाद उसमें एक चम्मच मुलेठी की जड़ डालें अब इस पानी को 5 से 10 मिनट तक धीमी आंच पर उबाले, इसके बाद इसे छान करके चाय की तरफ सिप-सिप करके पिए, यह पेट की सूजन को कम करने में मदद करता है।
3. यदि आप मुलेठी का जूस पीना चाहते हैं तो 1 से 2 बूंद मुलेठी का जूस एक गिलास पानी में मिलकर इस दिन में दो बार या फिर डॉक्टर की सलाह अनुसार सेवन कर सकते हैं।
4. मुलेठी का टेबलेट या कैप्सूल डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए यह सेवन करने में अन्य तरीकों की तुलना में आसान होता है। परंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि मुलेठी का सेवन अधिक मात्रा में करने से हाई ब्लड प्रेशर (High BP) वाले मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, इसके साथ कई अन्य प्रकार की समस्याएं भी हो सकती है। अधिक समय तक मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए इसके लिए डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है,
यदि आप किसी अन्य प्रकार की दवा ले रहे हैं तो इस परिस्थिति में भी डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। गर्भवती महिला और स्तनपान करने वाली महिलाएं मुलेठी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर से जरूर संपर्क करें। यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर, (उच्च रक्तचाप), किडनी की बीमारी या फिर हृदय से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारी है तो बिना चिकित्सक के परामर्श के मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए।

गिलोय
गिलोय एक ऐसी औषधि है जिसे अमृता या गुड्डची के नाम से भी जाना जाता है। यह आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। जिसके अनेक प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और इम्यूनो माड्यूलेटरी गुण होते हैं जो पेप्टिक अल्सर को जड़ से खत्म करने में मददगार हो सकते हैं,
यह पेट की सूजन को कम करने में भी मदद करता है। गिलोय का सेवन विभिन्न रूप से किया जा सकता है जिसमें मुख्य रूप से गिलोय का रस, गिलोय की चाय, गिलोय का पाउडर और गिलोय का कैप्सूल शामिल है, नीचे उपयोग करने की क्रियाविधि और सावधानी बरतने वाली बातों के बारे में बताया गया है:
पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए गिलोय का सेवन कैसे करें
1. गिलोय का रस का सेवन करने के लिए ताजा गिलोय की टहनी को साफ पानी से धुलने के बाद इस छोटे-छोटे टुकड़े में काट ले अब इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर इसे पीस ले, जब गिलोय पूरी तरीके से पीस जाए तब इसे महीन कपड़े की मदद से छान करके रस को अलग कर ले, अब प्रत्येक दिन सुबह खाली पेट 20 से 30 मिली लीटर गिलोय का रस पीना फायदेमंद साबित हो सकता है। यह पेट की सूजन को कम करता है पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करने में मदद करता है।
2. यदि आप गिलोय की चाय पीना चाहते हैं तो इसके लिए गिलोय की टहनी को छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर 5 से 10 मिनट तक एक कप पानी में धीमी आंच पर उबाले, इसके बाद इसे छान करके दिन में एक से दो बार सेवन करें, यह पेप्टिक अल्सर के लक्षण को कम करने के साथ-साथ अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए भी मददगार साबित हो सकता है।
3. यदि आप गिलोय के पाउडर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तब आधा चम्मच गिलोय का पाउडर हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में एक से दो बार सेवन कर सकते हैं।
4. यदि आप गिलोय का कैप्सूल या टैबलेट इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए यदि आप गिलोय का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तब आपको पाचन तंत्र से संबंधित समस्या भी हो सकती है।
अधिक समय तक गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए, यदि आप किसी प्रकार की अन्य दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करने वाली महिलाएं गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर से जरूर परामर्श करें, यदि आपको मधुमेह है या हृदय से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
शतावरी
शतावरी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे अनेक प्रकार के औषधि रूप में प्रयोग किया जाता है। यह पेप्टिक अल्सर के इलाज में भी उपयोगी साबित हो सकती है, शतावरी का सेवन अल्सर को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकता है इसके लिए शतावरी का अनेक प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि शतावरी चूर्ण, शतावरी की चाय और शतावरी कैप्सूल इत्यादि जिनके प्रयोग की क्रियाविधि नीचे बताई गई है:
पेट के अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए शतावरी का सेवन कैसे करें
1. यदि आप शतावरी चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए एक चम्मच शतावरी चूर्ण को एक गिलास गर्म पानी में खाने से आधे घंटा पहले दिन में एक से दो बार पिए, यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पेट की सूजन को कम करता है।
2. शतावरी की चाय बनाने के लिए हमें शतावरी के जड़ का पाउडर की जरूरत होगी लगभग एक चम्मच शतावरी की जड़ का पाउडर 5 से 10 मिनट तक पानी में उबले ध्यान रहे पानी की मात्रा एक कप होनी चाहिए, इसके बाद इसे छान कर चाय की तरह पी सकते हैं, यह पेट की सूजन को कम करता है।
3. यदि आप शतावरी का कैप्सूल या टैबलेट इस्तेमाल करना चाहते हैं तो डॉक्टर से सलाह अवश्य ले, शतावरी का इस्तेमाल करने में मुख्य सावधानियां को भी ध्यान में रखना चाहिए जैसे कि शतावरी की सही मात्रा और लंबे समय तक सेवन न करना, इसके साथ यदि आपको किसी अन्य प्रकार की दवा चलती है तब आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के शतावरी का सेवन न करें।
अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें
- अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए हमें अपने खाने-पीने के तौर तरीकों में विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए जिसमें मुख्य रूप से है अल्सर के मरीजों को तीव्र मसालेदार और ज्यादा तली भुनी हुई चीजों से परहेज करना चाहिए।
- अल्सर के मरीजों को अधिक तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि अधिक तनाव लेने से पाचन तंत्र की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है।
- प्रत्येक दिन ताजा फल और ताजी सब्जियां खाना चाहिए जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- प्रत्येक दिन काम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए यह हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी सही रूप से कार्य करने और शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियो को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है।
- खाना खाने का एक निश्चित समय रखें अल्सर के मरीजों को अक्सर यह सलाह दी जाती है कि उन्हें भूखे पेट नहीं रहना चाहिए और खाना खाने का समय बिल्कुल निर्धारित होना चाहिए।
- अल्सर के मरीजों को कुछ व्यायाम करने की सलाह भी दी जाती है परंतु किसी भी प्रकार के व्यायाम को दैनिक जीवन में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

पेट का अल्सर कैसे होता है
पेट का अल्सर जिसे पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है यह पेट की भित्ति में होने वाली एक प्रकार की बीमारी है जो पेट के अधिशोषक या आंत के अधिशोषक (डुओेडिनम) वाले क्षेत्र में घाव के रूप में दिखाई देता है यह आमतौर पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) और पेप्टिक जड़ों (पेट की ऊतकों की अपेक्षाकृत अस्थिरता) के कारण होता है,
यह आमतौर पर हेलीकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया या नौशाखीज संक्रमण के कारण भी होता है जो पेट की आंत के ऊतकों को भी नुकसान पहुंचता है इसके अतिरिक्त जो लोग अधिक धूम्रपान करते हैं, अधिक दवा खाते हैं, लंबे समय से बुखार है या फिर जिस व्यक्ति का ब्लड शुगर अधिक होता है ऐसे व्यक्ति को अल्सर होने का खतरा अधिक होता है।
पेट के अल्सर के मुख्य लक्षण क्या है
- पेट के अल्सर होने पर मरीज को कई प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिम पेट में दर्द होना एक मुख्य लक्षण है ऐसे मरीज में पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द होता है यह दर्द अक्सर खाना खाने के बाद रात के समय या भूखे पेट होने की वजह से भी हो सकता है।
- जलन का होना: अक्सर जिन लोगों के पेट में अल्सर होता है उन्हें पेट में जलन का अनुभव भी होता है।
- अल्सर के मरीजों को बार-बार उल्टी होने की शिकायत भी होने लग जाती है।
- अल्सर होने पर कुछ मरीजों में बहुमूत्रता यानी बार-बार पेशाब लगने की शिकायत भी देखने को मिलती है जिससे मरीज को बार-बार पेशाब लगने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।
- खून की उल्टी होना: जब अल्सर गंभीर रूप से हो जाता है तब खून की उल्टी होने लग जाती है यह स्थिति बहुत ही घातक हो सकती है इसलिए समय रहते तुरंत उपचार करना चाहिए।
- पेट में अल्सर होने पर अन्य प्रकार के लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे भूख की कमी, वजन का कम होना, थकावट, खांसी या फिर नींद का कम आना भी शामिल हो सकता है।
अल्सर के मरीजों के लिए आहार योजना
अल्सर के मरीजों के लिए आहार योजना बहुत महत्वपूर्ण है, इसमें उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो पेट को आराम दें, सूजन को कम करें, और पाचन तंत्र को सुधारें। नीचे एक टेबल दी गई है जिसमें अल्सर के मरीजों के लिए उपयुक्त खाद्य पदार्थ और उनके सेवन का तरीका शामिल है, खासकर फलों पर ध्यान दिया गया है।
| खाद्य पदार्थ | सेवन का तरीका | लाभ |
| केला | सुबह के नाश्ते में या स्नैक के रूप में | पेट की परत को कवर करता है और एसिडिटी को कम करता है |
| पपीता | सुबह या दोपहर के खाने में | पाचन में सुधार करता है और पेट की सूजन को कम करता है |
| सेब | छिलके के साथ, दिन में किसी भी समय | फाइबर से भरपूर, पेट को ठंडक प्रदान करता है |
| नाशपाती | दोपहर के खाने में या स्नैक के रूप में | फाइबर से भरपूर और पेट की जलन को कम करता है |
| तरबूज | सुबह या दोपहर में | पानी की उच्च मात्रा, हाइड्रेशन बनाए रखता है और पेट को ठंडक देता है |
| खीरा | सलाद में शामिल करें, दिन में किसी भी समय | हाइड्रेटिंग और पेट की सूजन को कम करता है |
| गाजर | सलाद में, जूस के रूप में | एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, पेट की सेहत के लिए अच्छा |
| संतरा | संतरे का रस, सुबह के समय | विटामिन C से भरपूर, इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है (ध्यान रखें कि ज्यादा एसिडिक न हो) |
| नारियल पानी | दिन में किसी भी समय | हाइड्रेटिंग और पेट की जलन को कम करता है |
| शहद के साथ गुनगुना पानी | सुबह खाली पेट | पेट को ठंडक पहुंचाता है और हीलिंग प्रोसेस को तेज करता है |
नीचे एक टेबल दी गई है जिसमें अल्सर के मरीजों के लिए उपयुक्त सब्जियाँ और उनके सेवन का तरीका शामिल है।
| सब्जी | सेवन का तरीका | लाभ |
| गाजर | सलाद में, उबालकर, सूप में | एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, पाचन में सुधार |
| शकरकंद | उबालकर, भूनकर | पाचन के लिए अच्छा, फाइबर से भरपूर |
| पालक | सलाद में, उबालकर, सूप में | आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर, सूजन कम करता है |
| ब्रोकली | उबालकर, स्टीम करके | विटामिन C और K से भरपूर, पाचन सुधारता है |
| कद्दू | सूप में, भूनकर | फाइबर और विटामिन A से भरपूर, पेट को ठंडक देता है |
| खीरा | सलाद में, सैंडविच में | हाइड्रेटिंग, पेट की सूजन कम करता है |
| लौकी | सूप में, उबालकर, सब्जी में | पाचन के लिए अच्छा, पेट को ठंडक देता है |
| तुरई | उबालकर, सब्जी में | हल्का और पचने में आसान |
| चुकंदर | सलाद में, सूप में, उबालकर | फाइबर से भरपूर, पाचन सुधारता है |
| हरी बीन्स | उबालकर, स्टीम करके | फाइबर और विटामिन्स से भरपूर, पाचन में सहायक |
अल्सर में खाने का तरीका
- सलाद:
- ताजे और कच्चे सब्जियों का सलाद बनाएं। इसमें गाजर, खीरा, मूली, पालक आदि शामिल करें।
- एक चुटकी नमक और नींबू का रस मिलाकर सेवन करें।
- लंच या डिनर के साथ सलाद खाएं।
- सूप:
- सब्जियों का सूप बनाएं जैसे कि कद्दू का सूप, लौकी का सूप, ब्रोकली सूप आदि।
- हल्के मसाले और नमक के साथ सूप को स्वादिष्ट बनाएं।
- लंच या डिनर के साथ सूप पिएं।
- उबालकर या स्टीम करके:
- सब्जियों को उबालकर या स्टीम करके खाएं। इसमें ब्रोकली, हरी बीन्स, फूलगोभी आदि शामिल करें।
- थोड़े से जैतून के तेल और हल्के मसाले मिलाकर स्वादिष्ट बनाएं।
- लंच या डिनर के साथ सेवन करें।
- भुनी हुई सब्जियाँ:
- सब्जियों को हल्का भूनकर खाएं जैसे शकरकंद, कद्दू आदि।
- थोड़े से जैतून के तेल और हल्के मसाले मिलाकर भूनें।
- लंच या डिनर के साथ सेवन करें।

क्या अल्सर में दही खाना चाहिए
अल्सर के मरीजों को दही का उपयोग सावधानी पूर्ण करना चाहिए, लेकिन यह मरीज के स्थिति के ऊपर भी निर्भर करता है दही में प्रोबायोटिक होते हैं जो पेट को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं साधारण तौर पर दही की हल्की सी मात्रा पाचन को ठीक करने में मदद कर सकती है, परंतु यदि आप दही की अधिक मात्रा लेते हैं तब यह पेट में जलन जैसी समस्या को उत्पन्न कर सकता है।
अल्सर में गुड़ खाने के फायदे
अल्सर के मरीज यदि गुड़ का सेवन करते हैं तो यह उनके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है क्योंकि गुड़ में अनेक पोषक तत्व होते हैं जैसे कि आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक इत्यादि शामिल होते हैं गुड़ में प्राकृतिक चीनी होती है जिससे पेट की सूजन कम होती है और यह आपकी भूख को भी बढ़ा सकता है,
मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करने से पेट में जलन की समस्या भी हो सकती है इसलिए गुड का सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरुर करना चाहिए।
अल्सर में चावल खाना चाहिए या नहीं
अल्सर के मरीज चावल का सेवन कर सकते हैं परंतु अधिक मात्रा में चावल का सेवन करने से बचना चाहिए विशेष रूप से ब्राउन राइस, जीरा राइस और दलिया जैसे अन्य प्रकार के चावल पेप्टिक अल्सर के मरीज के लिए सही हो सकते है। कुछ लोगों को अधिक मात्रा में चावल खाने से पेट में गैस बन सकती है जिससे उन्हें पेट में जलन या दर्द भी महसूस हो सकता है, इसलिए यदि आपको जलन या दर्द महसूस हो तब चावल नहीं खाना चाहिए। कुछ मामले में पाद शरीर से बाहर न निकलने पर गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
अल्सर को जड़ से खत्म करने के उपाय -निष्कर्ष
अल्सर के मरीजों को डॉ आदित्य के द्वारा यह सलाह दी जाती है कि उन्हें समय रहते अल्सर के लक्षणों को पहचान करके अल्सर को जड़ से खत्म करने के उपाय को आजमाना चाहिए। यदि घरेलू उपाय करने से किसी प्रकार का आराम ना मिले तो जितना जल्दी हो सके विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि अल्सर समय के साथ और भी घातक होता चला जाता है इसलिए अल्सर का सही इलाज बहुत जरूरी है।
मेडिको सूत्र (MedicoSutra) पर आने के लिए धन्यवाद
हम आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं, कृपया अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।






