पाद के कितने प्रकार होते हैं; 100% आपको नहीं पता हैं, जाने पादने से जुड़ी गंभीर बिमारी, Know your Fart

हर इंसान पाद जरूर छोड़ता है ऐसे में सवाल उठता है कि पाद के कितने प्रकार होते हैं हम उनके बारे में विस्तार से जानेंगे लेकिन उससे पहले पाद के बारे में थोड़ी बहुत समझ को बदलना जरूरी है, अक्सर भरी महफिल में लोगों को इसलिए भी शर्मिंदा होना पड़ जाता है कि जाने अनजाने में उनकी पाद निकल जाती है,

और वह खुद को छुपाने की बहुत कोशिश करते हैं मगर तब उन्हें नोटिस कर लेते हैं लोगों के बीच में गलती से पाद का निकल जाना आपको तब और अधिक शर्मिंदा कर देता है जब आपकी पाद में बहुत बदबू आता है, ऐसे में आसपास के लोगों को आपके पास बैठने में हिचकिचाहट होती है।

पाद के कितने प्रकार होते हैं ( Type of Fart )

पाद के कितने प्रकार होते हैं
पाद के कितने प्रकार होते हैं

पाद के कितने प्रकार होते हैं (Paad kitne prakar ke hote hain) 

पाद लगभग 10 प्रकार के होते हैं ऐसा बहुत से लोगों का मानना है मगर इस बात का कोई रिसर्च या प्रमाण नहीं है कि पाद के कितने प्रकार होते हैं दरअसल किसी मनुष्य का पाद किस प्रकार निकलता है, यह उसके स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कई रोचक जानकारियां हमें देता है जिसे हमें नजर अंदाज नहीं करना चाहिए चाहे मनुष्य के अंदर बहुत अधिक पाद बनता हो या फिर बिल्कुल ना के बराबर पाद बनता हो दोनों ही परिस्थितियों में उसे अपने पाद के बारे में समझाना बहुत जरूरी है।

1. दौड़ते हुए पाद का आना

कई बार जो गैस हमारे हाथ और पैरों में एकत्रित हो जाती है वह पाद के रूप में दौड़ते वक्त शरीर से बाहर आती है कभी-कभी इसे कंट्रोल करना भी मुश्किल होता है इसलिए इसे रनिंग पाद भी बोलते हैं।

2. असमंजस वाला पाद

असमंजस वाला पाद कई लोगों को वास्तविक रूप से परेशान कर देता है, इस परिस्थिति में लगता है कि पाद आने वाला है परंतु कभी-कभी लोगों को ऐसी शंका होती है कि पाद के साथ मल भी आ जाएगा, इसलिए इस पाद के प्रकार को असमंजस वाला पाद कहा जाता है।इस प्रकार का पाद उन लोगों के लिए बहुत ही खराब होता है जिनका पाचन तंत्र खराब होता है, मल त्याग करने में भी तकलीफ होती है दिन में कई बार मल त्याग करने के लिए जाना पड़ता है, फिर भी पेट साफ नहीं होता है यहां पढ़ें- पाचन तंत्र को मजबूत करने के तरीके

3. बिना आवाज वाली पाद

इस प्रकार की पाद अक्सर उन लोगों को आती है जिनका पाचन तंत्र खराब होता है, और खाना अच्छे से नहीं पचता है ऐसी पाद की अक्सर यह विशेषता होती है कि यह बदबूदार होती है, इसलिए अक्सर अपने ध्यान दिया होगा कि जब बिना आवाज के कोई हमारे बीच पाद देता है तो हमें अक्सर बदबू का सामना करना पड़ता है और मजे की बात यह है कि इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेता।

4. तेज आवाज के साथ पाद का आना

जिन लोगों को तेज आवाज के साथ पाद आती है उन लोगों को पाचन तंत्र से संबंधित समस्याओं का सामना काम करना पड़ता है, ऐसे लोगों का पेट साफ होता है और उनके पाद में बदबू बहुत कम होती है या ना के बराबर होती है, इसलिए यदि आपको एक बार में तेज आवाज के साथ पाद आती है तो उसे रोकना नहीं चाहिए बल्कि खुलकर के पेट की गैस को निकलने देना चाहिए। 

5. मल त्याग करते हुए पाद का आना

मल त्याग करने के लिए हमारे बड़ी आंत के रेक्टम वाले हिस्से में माल एकत्रित रहता है, इसलिए जब हम कभी मल त्याग करने के लिए बैठते हैं तब मल त्याग करने से पहले या फिर मल त्याग के बाद पाद निकलता है, यह इसलिए होता है कि हमारे पेट में माल के साथ-साथ मौजूद अतिरिक्त गैस भी बाहर निकल जाए, साथ में कभी-कभी यह गैस मल को बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त प्रेशर बनाने का भी कार्य करती है। अगर आपको मल त्याग करने मैं परेशानी है तो यह पढ़ें- मल को मुलायम करने के उपाय; पूरे जीवन मल त्याग आराम से होगा 5 आसान घरेलू उपाय 

पाद को रोकने से क्या होता है?

हमारे शरीर में बनने वाली गैस को निकालने के लिए पाद का आना बहुत जरूरी है यदि आप पाद को रोकते हैं तो वह बाहर न निकाल करके आंतों में फंसी रह जाती है और फिर वह धीमे-धीमे शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कि हाथ पैर सर पीठ कमर और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द का कारण बनती है,

कुछ लोग अपने पाद को जाने अनजाने में रोक देते हैं कभी-कभी वह मजबूर होते हैं कि लोगों के बीच में पाद छोड़ने पर उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन आपको बता दें पाद को रोकना बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है।

पाद के कितने प्रकार होते हैं

पाद के कितने प्रकार होते हैं
पाद के कितने प्रकार होते हैं

ज्यादा पाद आने का कारण

 ज्यादा पाद आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं यदि आप लगातार बिना रुके पानी पीते हैं, तेजी से खाना खाते हैं, ऐसा कोल्ड ड्रिंक पीते हैं जिसके अंदर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है, या फिर आपका पाचन तंत्र स्वस्थ नहीं होता है ऐसी स्थिति में ज्यादा पाद आना स्वाभाविक होता है पूरे दिन में दो से तीन बार पाद का आना सामान्य बात होती है इसके लिए हमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है। 

पाद के कितने प्रकार होते हैं

पाद कितने प्रकार के होते हैं
पाद के कितने प्रकार होते हैं

पाद कैसे बनता है?

खाने को पचाने के लिए हमारे शरीर में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) खाने को जलाने का काम करता है, इसके फल स्वरुप हमें पर्याप्त ऊर्जा मिलती है, इस प्रक्रिया में भी थोड़ा-बहुत पाद बनता है और कभी-कभी अधिक ज्यादा कोल्ड ड्रिंक पीने की वजह से भी अधिक पाद बनता है,

कभी-कभी कुछ बाहरी उत्पाद जैसे की मूली, काला नमक, पेट साफ करने वाले चूर्ण के कारण भी पाद बनता है। हमारे खाने के तरीके से भी पाद का बनना निर्भर करता है, यदि हम आराम से चबा चबा करके खाने को नहीं खाते हैं तब वह पेट में गैस बनाने का कारण बनता है।

पादने से क्या लाभ होता है?

पादने से आपके पेट में मौजूद अतिरिक्त गैस को बाहर निकलने में मदद मिलती है, जिससे आपका पेट फुला हुआ महसूस नहीं होता है और दर्द भी नहीं होता है, पादने से हाथ और पैर में दर्द नहीं होता है क्योंकि कुछ लोगों के हाथ और पैर में दर्द होने का कारण अतिरिक्त गैस का जमा हो जाना भी होता है, इसलिए ऐसे लोगों को हाथ-पैर व शरीर की मसाज करने पर गैस निकलती है और आराम मिलता है।

पाद के कितने प्रकार होते हैं

पाद कितने प्रकार के होते हैं
पाद के कितने प्रकार होते हैं

क्या पाद का बनना जरूरी है?

प्रकृति में मौजूद सभी जीव जिनके अंदर पाचन क्रिया होती है, उनके अंदर पाद जरूर बनता है इसलिए पाद का बनाना जरूरी है, और उससे भी जरूरी है पाद का बाहर निकलना।

पाद रोकने के नुकसान क्या है?

पाद रोकने के अनेक नुकसान हो सकते हैं सबसे पहले यह आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, अधिक मात्रा में पाद रोकने से यह शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे- हाथ, पैर, कमर, पीठ और सर में दर्द का कारण भी बनता है, कभी-कभी ज्यादा पाद रोकने की वजह से उल्टी होने जैसी शिकायत भी देखी जा सकती है, इसलिए हमें कभी भी पाद को नहीं रोकना चाहिए।

सुबह-सुबह पाद का निकलना

कुछ लोगों को सुबह-सुबह पाद निकालने की समस्या होती है लेकिन, आपको बता दें इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है पूरी रात आपके पेट में पाचन संबंधी प्रक्रिया चलती रहती है, जिसके फल स्वरुप पैदा होने वाली गैस सुबह आपके जागने पर शरीर से बाहर निकल जाती है, कभी-कभी यह पाद हल्की नींद में होने पर भी निकल जाती है इसलिए सुबह पाद का आना ज्यादातर मामलों में अच्छा माना जाता है, जो यह संकेत देता है कि आपको लैट्रिन करने जाना चाहिए। पाद के कितने प्रकार होते हैं

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पाद में कौन सी गैस निकलती है?

पाद में निकलने वाली गैस में मुख्य रूप से नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन और कुछ मात्रा में ऑक्सीजन भी होती है, कभी-कभी बाद में सल्फर की मात्रा अधिक हो जाने की वजह से भी पाद में बदबू आती है, इसलिए जो लोग अपने आहार में ऐसा भोजन करते हैं जिसमें सल्फर की मात्रा अधिक होती है, उनके पाद में अधिक बदबू आती है कुछ भोजन जैसे की प्याज, मीट, अंडा इत्यादि खाने से पाद में बदबू को बढ़ावा मिलता है।

दिन में कितनी बार पादना चाहिए?

किसी इंसान को दिन में कितनी बार पाद आता है यह उसके स्वास्थ्य के ऊपर निर्भर करता है, सामान्य तौर पर दिन में 5 से 10 बार पाद आता है, वहीं कुछ डॉक्टर का मानना है कि 10 से 15 बार पाद का आना भी समान्य बात होती है लेकिन, अगर आपको अत्यधिक गैस बनने की समस्या है तो विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क जरुर करना चाहिए।

पाद के कितने प्रकार होते हैं – निष्कर्ष

प्रकृति में मौजूद सभी जीव-जंतु और मनुष्य चाहे वह छोटे हो या फिर बड़े सभी के अंदर गैस बनती है और पाद निकलती है, इसलिए हमें पाद को लेकर के शर्मिंदा नहीं होना चाहिए बल्कि, जब अधिक गैस बने तो हमें खुलकर के पादना चाहिए ऐसा करने से आप स्वस्थ रहेंगे और होने वाली कई बीमारियों से बचे रहेंगे,

लोग आपके पादने पर थोड़ी बहुत हंसी मजाक जरूर कर सकते हैं लेकिन, वास्तविकता सबको पता है कि पाद हर किसी को आता है इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य को नजर में रखते हुए पाद आने पर शर्मिंदा नहीं होना चाहिए, वहीं अगर आपको अपने पाद आने से किसी प्रकार की समस्या है तो बेझिझक डॉक्टर से संपर्क जरुर करना चाहिए।

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