मिर्गी का अचूक इलाज: कई रिसर्च का मानना है कि साधारण तौर पर मिर्गी (अपस्मार) का दौरा 10 से 25 वर्ष की आयु के लोगों को अधिक आता है, ऐसे में मिर्गी का अचूक इलाज मदद कर सकता है ज्यादातर मिर्गी का इलाज विशेषज्ञ की देखरेख में होना चाहिए। कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर की अनुपस्थिति हो या इलाज में देरी हो तब नीचे बताए गए घरेलू तरीके मिर्गी का अचूक इलाज हो सकता है, और साथ में बात करेंगे मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज संभव है या नहीं, यदि हाँ तो कैसे?
करवट में लेटना (Lying on side)
जिस मरीज को मिर्गी (Epilepsy) का दौरा पड़ा हो उसे तुरंत दाएं या बाएं तरफ करवत करके लिटा दिन ऐसा करने से रोगी के मुख से निकलने वाला विषैला जाग आसानी से निकल जाता है और रोगी को थोड़ा आराम मिलता है।
तीव्र गंध (Strong odor)
मिर्गी (अपस्मार) का दौरा आने पर मरीज अचेत अवस्था में चला जाता है ऐसे में उसे तीव्र गंध वाले पदार्थ को नाक के पास ले जाकर के सुघाना चाहिए तीव्र गंध की वजह से रोगी तुरंत बेहोशी से बाहर आ जाता है। इसके लिए अमोनिया, चुना तथा नौसादर को समान अनुपात में मिला करके सुघाना चाहिए।
शरीफे का रस (Custard apple juice)
मिर्गी का दौरा आने पर जब मरीज बेहोश हो जाता है तब उसे होश में लाने के लिए शरीफे के ताजे पत्ते को पानी में पीस करके उसकी कुछ बूंद को मरीज के नाक में डालें ऐसा करने से मरीज तुरंत होश में आ जाता है।
आंक (मदार) की जड़
यदि बार-बार मिर्गी का दौरा आता है तो मरीज को मिर्गी का अचूक इलाज खास मदद करता है, इसके लिए आंक की जड़ को साफ पानी से धुलने के बाद उसे धूप में सुखा लें, जब आंक की जड़ पूरे तरीके से सुख जाए तब उसे पाउडर के रूप में पीस लें, तत्पश्चात इसे बकरी के दूध में मिलकर के एक कांच की सीसी में पास रखें, जब मिर्गी (Epilepsy) का दौरा पड़े तब इसे मरीज को सुघा देने से तुरंत होश आता है।
तुलसी का पत्ता (Use of Tulsi Leaves for Epilepsy)
तुलसी का पत्ता और कपूर का मिश्रण ग्रामीण क्षेत्रों में मिर्गी का अचूक इलाज माना जाता है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर यदि मरीज बेहोश हो जाता है, तब तुलसी के ताजा हरे पत्ते को कपूर के साथ समान अनुपात में पीसकर के सुघाए एक से दो बार सुघाने के बाद मरीज होश में आ जाता है।
मिर्गी का अचूक इलाज (Mirgi ka achuk ilaj)
मिर्गी का दौरा मरीज को किसी भी वक्त आ जाता है ऐसे में उसे कुछ घरेलू उपाय को करते रहना चाहिए जिससे मिर्गी के दौरे को नियंत्रित किया जा सके मिर्गी के प्रकार अलग-अलग होते हैं इसलिए कुछ उपाय डॉक्टर की निगरानी में अवश्य करें
मिर्गी के लिये काला तिल और लहसुन
लहसुन मिर्गी के इलाज में ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है, इसके लिए 10 ग्राम लहसुन को 25 से 30 ग्राम काले तिल में मिलकर के कुछ दिनों तक खाएं ऐसा करने से मिर्गी का दौरा बार-बार आना कम हो सकता है।
शंखपुष्पी
प्रकृति में पाई जाने वाली शंखपुष्पी औषधि मस्तिष्क के लिए वरदान के रूप में मानी जाती है, यह विशेष रूप से याददाश्त को तेज करती है। इसके साथ यह मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाती है, प्रत्येक दिन शंखपुष्पी का 40 ग्राम रस और चार रत्ती कूट का चूर्ण इन दोनों को अच्छे से मिला लें इसके बाद इसे शहर के साथ मरीज को चटाएं।
अजवाइन और काला नमक
मिर्गी के दौरे को कम करने के लिए 3 ग्राम अजवाइन 2 ग्राम काला नमक और नीम की 3 से 4 छोटी कलियां पानी की मदद से घोट करके सेवन करें ऐसा कुछ दिनों तक करने से मिर्गी जल्दी ठीक हो सकती है।
नींबू का रस और हींग
मिर्गी के रोगी को आधे नींबू के रस में एक चुटकी से थोड़ा सा काम हींग घोल करके पिलाना चाहिए ऐसा करने से मिर्गी के रोगी को आराम मिलता है। यदि हींग ना मिले तो 5 ग्राम खीरे के रस में एक आधा नींबू के रस को निचोड़ करके सेवन करें।
प्याज का रस
प्याज का रस मिर्गी के मरीज को जल्दी आराम पहुंचता है इसके लिए आप लगभग एक चम्मच प्याज के रस को आधे गिलास पानी में मिलकर के मरीज को पिलाएं यह मिर्गी का अचूक इलाज माना जाता है।
सेब और पपीते का रस
शहतूत के ताजा 20 ग्राम पत्ते का रस 10 ग्राम सेब और 10 ग्राम पपीते के रस को एक साथ मिलकर मरीज को कुछ दिनों तक पिलाए ऐसा करने से मरीज को बार-बार मिर्गी आने से आराम मिल सकता है।
मिर्गी का अचूक इलाज एक्यूप्रेशर विधि से कैसे करें
मिर्गी का अचूक इलाज एक्यूप्रेशर विधि के द्वारा भी किया जा सकता है। यदि किसी मरीज को मिर्गी का दौरा बार-बार पड़ता है तो जब उसे मिर्गी का दौरा पड़े उस वक्त नाक के थोड़े से नीचे और ऊपरी होठों के बीच में जो हल्का सा गड्ढा होता है उस पर दबाव डालें, ऐसा करने से रोगी तुरंत होश में आ जाता है। जब मिर्गी का दौर आता है तब मरीज के पैर के तलवे पर बीचो-बीच 3 से 5 सेकंड तक प्रेशर डालें इसी प्रकार हाथ की हथेली के बीचो-बीच 3 से 5 सेकंड तक हल्का दबाव डालें ऐसा करने से मरीज जल्दी होश में आ सकता है।
मिर्गी के मरीज के लिए सावधानियां
मिर्गी के मरीज को विशेष सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि मिर्गी के आने का कोई निश्चित वक्त नहीं होता यह किसी भी वक्त आ सकती है इसलिए आपको कुछ सावधानियां हमेशा रखनी चाहिए;
- मिर्गी के रोग में मरीज को मौसमी फल और सलाद जरूर खाना चाहिए।
- अत्यधिक तलि-भुनी चीजों से दूर रहें।
- तीखा और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए
- खाने में ज्यादातर उबली हुई सब्जियां विशेष लाभदायक होती हैं
- सुबह खाली पेट प्रतिदिन लहसुन की कुछ कलियों को चबाकर के हल्का गुनगुना पानी जरूर पिए
- सुबह की सुरुआत अच्छी करे और स्वसन से जुड़े योग जरूर करें
- मानसिक शांति बनाए रखें
- किसी भी प्रकार की उत्तेजना से बचें
- ड्राइविंग को मना करें
- हमेशा शरीर पर हल्के कपड़े पहन कर रखें
- अधिक तनाव वाले कपड़े पहनने से बचें
- शरीर का वजन कम रखें
- मेडिटेशन जरूर करें
- आग और पानी वाली जगह से हमेशा दूर रहें
- शोरगुल वाले इलाकों में अकेले ना जाएं
- घर से बाहर जाते हुए बड़े बुजुर्गों को जरूर बताएं
- अधिक धूप और अधिक ठंडी में बाहर ना निकले
- किसी भी प्रकार की दवा का सेवन हमेशा डॉक्टर से पूछ करके करें
- केटोजेनिक आहार शामिल करें
मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज
एनसीबीआइ (NCBI-NIH) की रिपोर्ट के मुताबिक मिर्गी जड़ से खत्म की जा सकती है। लगभग 16% ऐसे मरीज पाए गए जिनकी मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज हुआ था यह विशेषज्ञ की देखरेख में हुआ था जिसमें से 32% लोगों में मिर्गी का दौरा सिर्फ 10% बचा था और 56% ऐसे लोग थे जिनमें मिर्गी का दौर लगभग 50% बचा था।
विशेषज्ञ का ऐसा मानना है कि यदि माता-पिता या एक देखरेख करने वाला यदि सही प्रकार से देखरेख करता है तो बाकी बचे हुए 50% को भी बहुत कम किया जा सकता है। जारी रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार जॉन्स हॉपकिन्स अस्पताल में 150 मिर्गी से ग्रसित रोगियों के ऊपर शोध किया गया लगभग तीन प्रतिशत रोगियों में मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज कारगर सिद्ध हुआ।
क्या मेडिटेशन करने से मिर्गी का दौरा कम होता है
हां, मेडिटेशन करने से मिर्गी का दौरा कम होता है दरअसल मिर्गी के लिए तनाव का अधिक होना एक मुख्य कारक माना जाता है। यदि मानसिक तनाव अधिक है तब मिर्गी का दौरा बार-बार आता है ऐसे में मरीज को अपने मंन को शांत रखना चाहिए और प्रत्येक दिन मेडिटेशन करना चाहिए।
मिर्गी का इलाज कितने साल तक चलता है
मिर्गी का इलाज सामान्य तौर पर 2 साल से लेकर 5 साल तक या उससे अधिक भी हो सकता है परंतु इसमें पूरे विश्वास के साथ यह नहीं कहा जा सकता कि मिर्गी जड़ से खत्म की जा सकती है। मिर्गी पर नियंत्रण पाने के लिए रोगी को मानसिक रूप से बहुत मजबूत होना पड़ता है, इसके साथ उसे अपने खाने-पीने और जीवन शैली के तौर तरीकों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ती है।
क्या मिर्गी पूरी तरीके से ठीक हो सकती है
हां, मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज यदि विशेषज्ञ की देखरेख में किया गया है तो इस बात की संभावना है कि मिर्गी जड़ से खत्म हो सकती है, परंतु ऐसा थोड़ा कम होता है।
मिर्गी कितनी बार आती है
यदि किसी को मिर्गी का दौरा पहली बार आया है या ऐसा लगता है कि यह मिर्गी का दौरा हो सकता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि यह मिर्गी का दौरा हुआ तो इसका सफल इलाज समय रहते किया जा सकता है, मिर्गी का दौरा आना निश्चित नहीं होता यह अनेक कारणो की वजह से हो सकती है साधारण तौर पर यह देखा गया है कि अचानक से तापमान में परिवर्तन तथा अधिक उत्तेजना में मिर्गी का दौरा आता है।
मिर्गी का रोग कैसे होता है
मिर्गी का रोग अक्सर उन लोगों को होता है जिनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होता, या फिर किसी बाहरी आघात के कारण से सर में लगी गहरी चोट भी हो सकती है।
क्या मिर्गी छूने से फैलती है
नहीं, मिर्गी छूने से नहीं फैलती है परंतु यदि आप किसी मरीज की मदद कर रहे हैं जिसे मिर्गी का दौरा आया हुआ है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है मरीज के शरीर में होने वाली अकड़न और अधिक वजन होने से आपको नुकसान पहुंच सकता है।
अचानक मिर्गी आ जाए तो क्या करें
यदि किसी मरीज को अचानक मिर्गी आ जाती है तो उसे कुछ पल के लिए फ्री छोड़ दें, कोशिश करें कि उसके सर के नीचे कम ऊंचाई वाली तकिए को लगा दें जिससे मरीज के सर में चोट ना लगे और उसके आसपास की रखी हुई वस्तुओं को दूर कर दें।
मिर्गी के मरीज को क्या खाना चाहिए
सामान्य तौर पर मिर्गी के मरीज को संतुलित आहार प्रणाली को अपनाना चाहिए यहां नीचे कुछ खाद्य पदार्थों का विवरण दिया गया है जिन्हें आप विशेषज्ञ की अनुमति से अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं:
मिर्गी के मरीजों के लिए केटोजेनिक आहार, चार्ट
सब्जियां | नेट कार्ब्स (प्रति 100 ग्राम) |
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पालक | 1.4 ग्राम |
लेट्यूस | 1.2 ग्राम |
ज़ुकीनी | 3 ग्राम |
ब्रोकोली | 4 ग्राम |
फूलगोभी | 3 ग्राम |
ककड़ी | 3.6 ग्राम |
शिमला मिर्च (हरी) | 2.9 ग्राम |
बैंगन | 3 ग्राम |
मिर्गी के मरीजों के लिए फल, चार्ट
फल | नेट कार्ब्स (प्रति 100 ग्राम) |
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एवोकैडो | 2 ग्राम |
रसभरी | 5 ग्राम |
स्ट्रॉबेरी | 6 ग्राम |
ब्लैकबेरी | 5 ग्राम |
नारियल | 6 ग्राम |
लेमन (जूस) | 6 ग्राम |
मिर्गी का अचूक इलाज -निष्कर्ष
विशेषज्ञ की सलाह, एनसीबीआई की रिपोर्ट और डॉक्टर आदित्य से बात करने पर यह पता चला कि मिर्गी एक ऐसी बीमारी है यदि, उसका उचित देखरेख किया जाए तो मिर्गी का अचूक इलाज सही सिद्ध हो सकता है, परंतु 100% मिर्गी का ठीक होना अभी के समय में बहुत कम है। प्रत्येक मिर्गी के मरीज को यह प्रयास करना चाहिए कि उसकी मिर्गी जल्दी से ठीक हो जाए और अपनी मानसिक स्थिति को हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए।
सकारात्मक विचार आपकी शारीरिक समस्या को जल्दी ठीक करने में खास मदद करते हैं, मिर्गी का अचूक इलाज के इस लेख में बताए गए तरीके कुछ हद तक कारगर सिद्ध हो सकते हैं तथा कुछ तरीके ऐसे हैं जिन्हें अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
मेडिको सूत्र (MedicoSutra)पर आने के लिए धन्यवाद हम आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं
कृपया अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
धन्यवाद