मल का कठोर होना बवासीर के मरीज तथा पाचन संबंधी समस्या से ग्रसित लोगों को बहुत तकलीफ देता है इसलिए मल को मुलायम करने के उपाय जरूर पता होना चाहिए, क्योंकि मल के कठोर होने से लोगों का पेट साफ नहीं होता और यह बवासीर के मरीज को बहुत कष्ट देता है इसलिए अगर आपको बवासीर है या फिर पाचन संबंधी समस्या है जिससे आपका मल कठोर हो जाता है तो मल को मुलायम करने के उपाय जो की बिल्कुल आसान है उसे करके मल को नरम बनाया जा सकता है
कठोर मल को मुलायम करने के उपाय जानने से पहले आपको यह समझना होगा कि हमारे शरीर में मल का निर्माण कैसे होता है? और वह कौन से कारण होते हैं जिससे कठोर मल बनता है? अगर आप इस पूरे प्रक्रिया को समझ जाएंगे तो आप अपने जीवन शैली में बदलाव करके मल त्याग संबंधी समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
मल को मुलायम करने के उपाय ( How can I reduce hard stools )
मल को मुलायम और नरम करने के लिए अनेक प्रकार के तरीके होते हैं मगर हम उन तरीकों के बारे में बात करेंगे जो हमेशा से कारगर साबित होते हैं बवासीर के मरीज और कब्ज से राहत पाने के लिए आप इसे अपना सकते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि इन तरीकों के दुष्प्रभाव बिल्कुल ना के बराबर होते हैं।
मल को नरम करने के लिए हमें क्या खाना चाहिए?
कठोर मल को नरम करने के लिए हमें प्रत्येक दिन ऐसे भोजन करने चाहिए जिनके अंदर प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं यह फाइबर हमारे मल को अच्छी प्रकार से जकड़ करके रखते हैं जिसकी वजह से मल त्याग करने में आसानी होती है वहीं फाइबर का सेवन करते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें कि ऐसे खाद्य पदार्थों को चुनें जिसमे फाइबर के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में पानी भी मौजूद हो जिससे आपका मल नरम भी बनेगा और आसानी से शरीर से बाहर निकल जाएगा, जैसे गेहूं, बाजरा, दाल, चना, गाजर, अमरूद, पतिता इत्यादि
सही तरीके से पानी पिए
बहुत से लोग दिन में पानी तो बहुत अधिक पीते हैं, मगर उन्हें पानी पीने की सही तरीका नहीं पता होते हैं जिसकी वजह से पानी उनके शरीर में सही प्रकार से काम नहीं कर पाता, अगर कठोर मल को नरम करना है तो हमेशा गर्म पानी चाय की तरह घुट-घुट करके पीना चाहिए और ध्यान रहे की पानी को हमेशा बैठकर के पीना चाहिए, खड़े होकर पानी पीने से कई प्रकार का दुष्प्रभाव शरीर के ऊपर पड़ता हैं
क्या गर्म पानी मल को नरम करता है?
हां, गर्म पानी मल को नरम करता है गर्म पानी हमारे पेट में जाते ही बहुत तेजी से अवशोषित ( Absorb ) होने लगता है, हम जो भी पानी पीते हैं उस पानी का अधिकांश भाग हमारी छोटी आंत में अवशोषित होता है, इसलिए हम यदि गर्म पानी पीते हैं तो वह पहले से ही हमारे शरीर के अंदरुनी तापमान के लगभग बराबर होता है
जिसकी वजह से हमारे शरीर को तापमान बराबर करने में कम ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है, और पानी जल्दी से अवशोषित होने लगता है साथ ही पानी गर्म होने की वजह से हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म को बढ़ा देता है, और हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों का बाहर निकलना शुरू हो जाता है, इसी क्रियाविधि में मल त्याग भी शामिल है छोटी आंत में जल्दी से अधिक पानी पहुंचने की वजह से मल नरम हो जाता है।
लैट्रिन को पतला कैसे करें
लैट्रिन को पतला करने के लिए आपको प्रत्येक दिन सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू का रस, काला नमक और भुनी हुई अजवाइन का पाउडर मिला करके पीना चाहिए, यह आपके कठोर मल को मुलायम बना देता है और लैट्रिन को पतला भी करता है जिससे आपको मल त्याग करने में आसानी होती है। (और अधिक पढ़ें: सुबह की अच्छी आदतें; जो किसी चमत्कार से कम नहीं )
1. दही और हल्दी का सेवन
मल को मुलायम करने के उपाय में एक कारगर तरीका दही और हल्दी पाउडर का मिश्रण भी है, जब आपको मल सख्त होने की शिकायत हो या मल बहुत ज्यादा सुख जाता हो जिससे मल त्याग करते वक्त बहुत कठिनाई होती है तो आपको प्रत्येक दिन खाना खाने के 1से 2 घंटे बाद थोड़ी सी मात्रा में दही लेकर उसके साथ आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिक्स कर लें अगर इसमें थोड़ी सी मात्रा में काला नमक भी मिला लें तो यह और भी फायदेमंद साबित होगा, मिक्स करने के बाद आप इसे खा लें हफ्ते में तीन से चार बार इसे आजमाने की कोशिश करें इससे आपको मल को मुलायम करने में आसानी होगी।
2. भीगे हुए चने
जिन लोगों का मल सख्त हो जाता है उन लोगों को भीगे हुए चने सुबह खाली पेट जरूर खाने चाहिए आप इन चनों में सलाद के रूप में गाजर, टमाटर और धनिया पत्ते को जरूर मिला लें और नमक के रूप में काले नमक का इस्तेमल करें, भीगे हुए चने पेट में जल्दी से पच जाते हैं और मुलायम मल के रूप में शरीर से बाहर निकल जाते हैं और अपने साथ अन्य खाद्य पदार्थों के मल को भी शरीर से बाहर करने में मदद करते हैं, भीगे हुए चने आंतों में मल का चिपकना जैसी समस्या को भी दूर रखता है।
3. चिया के बीज ( Chia Seeds )
जिन लोगों का मल कठोर होता है और कठोर मल की शिकायत लंबे समय से चली जा रही है तो, आपको प्रत्येक दिन रात में सोने से पहले थोड़ी सी मात्रा में चिया के बीजों का सेवन जरूर करना चाहिए, इसके लिए आप चिया के बीजों को सुबह पानी में भिगो दें कुछ समय बाद यह एक जेली के रूप में बदल जाता है, आप इसे जिस पानी में भिगोए है उसी पानी के साथ सेवन कर सकते हैं।
4. एलोवेरा जूस
मल को मुलायम करने के उपाय में एलोवेरा जूस एक मुख्य भूमिका निभाता है प्रत्येक दिन सुबह खाली पेट आप एलोवेरा जूस को भी एक गिलास हल्की गुनगुने पानी में मिलकर के सेवन कर सकते हैं, एलोवेरा के अंदर मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाते हैं
सबसे पहले इसके अंदर मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और पाचन संबंधी सभी समस्या को खत्म करते हैं वहीं इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर करने में मदद करते हैं इसलिए यदि आपका मल कड़ा होता है तो उसे नरम और मुलायम करने के लिए एलोवेरा जूस का इस्तेमल कर सकते हैं।
कठोर मल का कारण क्या है? ( Reason of hard stool in hindi )
कठोर मल का मुख्य कारण हमारे शरीर में पानी की कमी का होना है वैसे देखा जाए तो मल का कठोर होना कई कारण से होता है जिसमें मुख्य रूप से फास्ट फूड तथा अत्यधिक कैफीन युक्त पदार्थ का सेवन है कई बार हम ऐसे पदार्थ का सेवन करते हैं जिसकी वजह से हमारा शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है फल स्वरुप हमारी छोटी आंत पानी की कमी को पूरा करने के लिए हमारे मल में मौजूद अतिरिक्त जल को अवशोषित कर लेती हैं जो कठोर मल का कारण बनता है।
(और अधिक पढ़ें: पाचन तंत्र मजबुत करना है तो ध्यान में रखो 5 बात : पाचन शक्ति बढ़ेगी जल्दी से
लैट्रिन टाइट हो तो क्या करें
लैट्रिन टाइट होने पर सबसे पहले आपको जितना हो सके उतना हल्का गुनगुना गर्म पानी पीना चाहिए यह मल को मुलायम करने के लिए आवश्यक माना जाता है लैट्रिन टाइट होने पर कभी भी अधिक दबाव लगा करके मल त्याग नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमारे गुदा द्वार मैं मौजूद त्वचा की पतली परत को नुकसान पहुंचता है और वह धीमे-धीमे बवासीर का कारण भी बन सकता है इसलिए लैट्रिन टाइट हो तो सबसे पहले ऐसे उपाय करने हैं जिससे मल को मुलायम किया जा सके अगर आपको अधिक समस्या लग रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मल कैसे बनता है / मल के सख्त होने का कारण
हम जिस भी पदार्थ को खाते हैं उसके अंदर मौजूद जरूरी पोषक तत्व चार से 6 घंटे के बाद हमारे शरीर के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है उसके बाद बचा हुआ पदार्थ से मल बनता है, जब हम भोजन करते हैं तब वह छोटे-छोटे टुकड़ों में हमारे दांतों के द्वारा कुचल करके खाने की नली जिसे ओसोफागस ( Oesophagus ) कहते हैं के द्वारा हमारे पेट मैं पहुंचता है,
पेट में पहुंचने के बाद खाने में हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( HCL ) और एंजाइम अच्छी प्रकार से मिल जाता है, जिसे मिलाने के लिए हमारे पेट में एक विशेष प्रकार की हलचल होती है जिसे हम पेरीस्टाल्सिस मोमेंट कहते हैं, कुछ घंटे बाद यह पेट से होते हुए छोटी आंत के पहले हिस्से में पहुंचता है जिसे हम डुओडेनम ( Deodinum ) कहते हैं,
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इसके बाद यह छोटी आंत के जंजुलुम और इलियम वाले हिस्से में पहुंचता है, जहां पर इसमें मौजूद पोषक तत्व, मिनरल्स, विटामिन और पानी को अवशोषित कर लिया जाता है और उसे खून में मिला दिया जाता है, इस प्रक्रिया को हम असिमिलेशन कहते हैं इसके बाद बचा हुआ पदार्थ हमारी बड़ी आंत में पहुंचता है,
जिसमें मौजूद प्रोबायोटिक व पाचन संबंधी क्रियाओं में मदद करने वाले बैक्टीरिया मौजूद होते हैं उस हिस्से सिकम बोलते हैं इसके बाद यह बचा हुआ पदार्थ हमारी बड़ी आंत से होते हुए गुदा द्वार तक आ जाता है, और जब अधिक मल इकट्ठा हो जाता है तब हमारे शरीर में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर मोटर के द्वारा मस्तिष्क को मल त्याग करने की सूचना भेजता है जिससे हमें मल त्याग करने का एहसास होता है।
मल को मुलायम करने के उपाय निष्कर्ष
तेजी से लोगों की बदलती जीवन शैली व खान-पान के तरीकों की वजह से पाचन संबंधी समस्याओं का उत्पन्न होना आम बात हो गई है, इसी में एक समस्या मल को मुलायम करने की भी है, इसलिए यदि किसी को मल के कठोर होने व कब्ज की शिकायत है तो वह ऊपर बताए गए तरीकों को विशेषज्ञ की सलाह में इस्तेमल करके देख सकता है, अपने स्वास्थ्य और सहूलियत के हिसाब से टॉयलेट सीट के प्रकार को चुनना चाहिए, मल त्याग कोई बहुत गंभीर समस्या नहीं होती लेकिन अगर यह अधिक समय तक रहती है तब निश्चित रूप से किसी गंभीर समस्या का रूप ले सकती है इसलिए विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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