गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान;1 गलती पड़ सकती है भारी; जाने सेवन के सही तरीके

गोरखमुंडी यह प्राचीन काल से एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में भी जानी जाती है, गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान के बारे में हम विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे लेकिन, इससे पहले हम गोरखमुंडी के पहचान के तरीकों के बारे में जान लेते हैं, ताकि आप सही प्रकार से गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान को समझ पाएं। गोरखमुंडी जिसे मुंडी या श्रावणी के नाम से भी जाना जाता है। 

गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान
गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान

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गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान

गोरखमुंडी का प्रयोग प्राचीन काल से विशेष रूप से मधुमेह, बवासीर, त्वचा रोग एवं शक्ति बढ़ाने जैसे अनेक कई प्रकार के बीमारियों का इलाज करने में किया जाता रहा है, जैसा कि हमने कहा गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान भी होते हैं, इसलिए गोरखमुंडी के कुछ नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। पूर्ण रूप से प्राकृतिक होने के बावजूद यदि इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 

मधुमेह में गोरखमुंडी का सेवन करना

मधुमेह के रोगी गोरखमुंडी के फायदे विशेष रूप से ले सकते हैं दरअसल गोरखमुंडी में ब्लड ग्लूकोस लेवल को नियंत्रित रखने वाले रासायनिक घटक पाया जाता है, जिसका नाम ग्लाइकोसाइड है यह शरीर में ब्लड ग्लूकोस लेवल को सामान्य रखता है। कई रिसर्च में यह पता चला है कि यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है।

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मधुमेह में गोरखमुंडी का सेवन कैसे करें

गोरखमुंडी के फूलों का कथा जिसकी मात्रा 8 से 10 मिली लीटर हो सकती है, का सेवन कर सकते हैं। यह दिन में एक से दो बार या फिर चिकित्सक के सलाह अनुसार सेवन कर सकते हैं, यदि इसका कड़ा उपलब्ध न हो तो गोरखमुंडी के चूर्ण को पानी या गाय के दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।

त्वचा रोग में गोरखमुंडी का फायदा

कई रिसर्च में पता चला है कि गोरखमुंडी त्वचा संबंधित रोग जैसे की एग्जिमा, सोरायसिस, सफेद दाग जैसे रोगों का इलाज करने में सक्षम माना गया है। दरअसल गोरखमुंडी में सैपोनिऩस नामक रासायनिक घटक पाया जाता है, जो एंटी बैक्टीरिया और एंटी फंगल होता है।

गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान
गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान

त्वचा रोग में गोरखमुंडी का उपयोग कैसे करें

त्वचा रोग में गोरखमुंडी का उपयोग इसकी पत्तियों का चूर्ण बनाकर के नीम की छाल के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें, और जहां पर त्वचा प्रभावित हो वहां पर दिन में एक से दो बार लगाये। यदि सफेद दाग से परेशान है तो सफेद दाग को दूर करने के लिए 50 ग्राम गोरखमुंडी चूर्ण को 25 ग्राम समुद्र शोष के साथ मिले और एक चम्मच पानी के साथ 24 घंटे में दो बार लें।

बवासीर में गोरखमुंडी का सेवन के फायदे

बवासीर में गोरखमुंडी के सेवन से सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्या दूर होती है और जिन मरीजों को मल त्याग करने में कठिनाई होती है उन्हें विशेष लाभ मिलता है।

बवासीर में गोरखमुंडी का सेवन कैसे करें ?

गोरखमुंडी की जड़ों और तना को धूप में अच्छे से सुखा लें, इसके बाद उसे महीन पाउडर के रूप में पीस लें, सेवन करने के लिए एक चम्मच शहद या छाछ के साथ प्रत्येक दिन सेवन करें, यदि आप बवासीर से परेशान है तो गोरखमुंडी आपके लिए विशेष लाभकारी साबित हो सकता है। बस आपको सही तरीके वह नियमित रूप से इसके इस्तेमाल करने की जरूरत है।

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आंखों के लिए गोरखमुंडी का सेवन

यदि आपकी आंख बार-बार लालिमा जैसी हो जाती है या आंखों से कम दिखाई देता है, ऐसी स्थिति में गोरखमुंडी का सेवन आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

आंखों के फायदे के लिए गोरखमुंडी का इस्तेमाल कैसे करें

आंखों के फायदे के लिए गोरखमुंडी का इस्तेमाल करने के लिए आपको तीन से चार ताजा गोरखमुंडी फूलों को दो चम्मच तिल के तेल में भिगोकर रोज सेवन करें, यदि आप चाहे तो गोरखमुंडी की काली को पानी के साथ निकल सकते हैं।

गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान
गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान

गठिया और जोड़ो का दर्द में गोरखमुंडी का फायदा

गोरखमुंडी का इस्तेमाल गठिया व जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए किया जाता है। दरअसल इसमें एक रासायनिक घटक जिसका नाम “एल्कलाॅइङ्स” है पाया जाता है यह सुजान रोधी और दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है। जिन लोगों को हमेशा जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है, ऐसे लोगों को गोरखमुंडी का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है गठिया के मरीज नियमित रूप से इसका इस्तेमाल विशेषज्ञ की सलाह अनुसार कर सकते हैं।

गठिया और जोड़ों के दर्द में गोरखमुंडी का इस्तेमाल कैसे करें

गठिया और जोड़ों के दर्द में गोरखमुंडी का इस्तेमाल तेल के रूप में किया जा सकता है, जहां पर आपको दर्द हो वहां गोरखमुंडी के तेल से दिन में दो से तीन बार हल्के हाथ मालिश करें, यदि आप और अधिक फायदा चाहते हैं तो एक चम्मच गोरखमुंडी चूर्ण को हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन कर सकते हैं।

मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए गोरखमुंडी का उपयोग

गोरखमुंडी का उपयोग पुरुषों की योन शक्ति को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इससे पुरुषों की नपुंसकता को दूर किया जा सकता है इसका नियमित उपयोग प्रजनन स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखने में विशेष लाभकारी हो सकता है|

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मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए गोरखमुंडी का इस्तेमाल कैसे करें

नपुंसकता में गोरखमुंडी के चरण का इस्तेमाल करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसके लिए एक से दो ग्राम गोरखमुंडी चूर्ण को रात में सोते वक्त गाय के दूध के साथ से वन कर सकते हैं।

गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान
गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान

गोरखमुंडी में क्या पाया जाता है

गोरखमुंडी में कई प्रकार के रासायनिक तत्व पाए जाते हैं, जिससे यह औषधि गुण से भरपूर हो जाता है। यहां नीचे रिसर्च के आधार पर एक विस्तृत सूची बताई गई है, जिनके साथ यह भी बताया गया है कि यह कौन से गुण, कौन से स्वास्थ्य लाभ को प्रदान करते हैं।

रासायनिक घटक
गुण
स्वास्थ्य लाभ
एल्कलॉइड्स
सूजन-रोधी, दर्द निवारक
दर्द से राहत, गठिया उपचार
फ्लेवोनॉइड्स
एंटीऑक्सीडेंट
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा
सैपोनिन्स
जीवाणुरोधी, कवकनाशी
संक्रमण और त्वचा रोगों का उपचार
आवश्यक तेल
मूत्रवर्धक, रोगाणुरोधी
गुर्दा स्वास्थ्य, डिटॉक्सिफिकेशन
टैनिन्स
कसैला, सूजन-रोधी
पाचन में सुधार, घाव भरना
स्टेरॉयड्स
हार्मोनल संतुलन
यौन स्वास्थ्य को बढ़ाता है
ग्लाइकोसाइड्स
रक्त शर्करा नियंत्रक
रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करता है

 

गोरखमुंडी की पहचान क्या है?

गोरखमुंडी प्रत्येक वर्ष उगने वाला पौधा है जिसका जीवन चक्र 1 साल का होता है। इसकी अधिकतम ऊंचाई 40 से 60 सेंटीमीटर तक होती है। अक्सर यह जमीन पर भी फैला हुआ मिलता है, इसमें बैगनी कलर के फूल और तीखी गंध मिलती है। कुछ यूनानी चिकित्सा में इसका वर्णन किया गया है, जैसे कि मिर्गी और पीलिया के इलाज में गोरखमुंडी। विशेष रूप से भारत के हिमाचल प्रदेश और दक्षिण भारत में पाया जाता है, नीचे दिए गए गोरखमुंडी कि इमेज को देखकर के आप आसानी से पहचान सकते हैं सकते हैं। 

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