एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए: एंडोस्कोपी टेस्ट करवाने के बाद खाने-पीने के तरीके को बदलने की हिदायत दी जाती है ऐसे में एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए यह एक बड़ा सवाल है इसके बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि जिस मरीज का एंडोस्कोपी टेस्ट (Endoscopy Test) हुआ है उसका मौजूदा स्वास्थ्य कैसा है और उसकी शारीरिक प्रतिक्रिया कैसी है।
एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए (Endoscopy ke baad kya khana chahiye)
एंडोस्कोपी टेस्ट के बाद हल्का ठंडा पानी पीना आरामदायक हो सकता है। एंडोस्कोपी (Endoscopy) कराने के बाद डॉक्टर से खाने पीने के लिए आवश्य पूछे क्योंकि हर व्यक्ति का स्वास्थ्य और शारीरिक प्रतिक्रिया अलग होती है, यहां तक की एंडोस्कोपी का प्रकार भी अलग होता है।
1. पानी पीना
एंडोस्कोपी के बाद हल्का ठंडा पानी पीने की अनुमति अक्सर मरीजों को डॉक्टर के द्वारा दी जाती है एंडोस्कोपी करते वक्त शरीर की कुछ कोशिकाएं एंडोस्कोपी ट्यूब की वजह से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और हल्का जलन महसूस होती है इसलिए डॉक्टर की अनुमति से हल्का ठंडा पानी पीना आपको आराम दिला सकता है।
2. हलका आहार
एंडोस्कोपी के बाद मरीज को हल्के आहार का सेवन करना चाहिए जिससे खाने को पचाने में आसानी होती है। हल्के आहार के रूप में आप दाल, सूप, उबली सब्जियां और खिचड़ी खा सकते हैं।
3. सूप और योगर्ट
जिन लोगों को यह नहीं पता की एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए वे लोग सूप और योगर्ट को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। दरअसल सूप और योगर्ट पेट में मौजूद खाने को आसानी से पचने में मदद करता है और पाचन प्रक्रिया को तेज करने में भी मदद करता है।
4. फल और सब्जियां
यदि आप डॉक्टर से पूछना भूल गए हैं की एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए तो आप उबली हुई हरी सब्जियां खा सकते हैं परंतु बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से इसके बारे में जरूर बात करें, कुछ लोगों को हरी सब्जियां खाने पर जलन महसूस हो सकती है।
5. हल्का गर्म खाना
जिन लोगों का एंडोस्कोपी टेस्ट मुख से होता है उनको हल्का गर्म खाना खाना चाहिए जिससे वह आसानी से मुंह में चलाया जा सके जैसे की दाल, रोटी और उबली हुई सब्जियां।
एंडोस्कोपी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए (Endoscopy ke baad kya nahi khana chahiye)
एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके बारे में डॉक्टर से संपर्क करना बहुत आवश्यक है, क्योंकि एंडोस्कोपी एक जटिल प्रक्रिया होती है और एंडोस्कोपी के कई प्रकार होते हैं इसलिए डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है फिर भी यहां पर कुछ परहेज बताए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।
1. तला हुआ भोजन
एंडोस्कोपी के बाद तला हुआ खाना खाने से बचना चाहिए क्योंकि एंडोस्कोपी के दौरान शरीर के अंदरुनी उतको पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इस दौरान अधिक तेल वाली चीज नुकसान कर सकती हैं।
3. अल्कोहल
एंडोस्कोपी के बाद गलती से भी अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए अल्कोहल हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत नुकसानदायक होता है यह ओएसोफैगस से लेकर पेट की सबसे ऊपरी परत म्यूकोसा को बुरी तरह से प्रभावित करता है। एंडोस्कोपी के बाद यह पाचन से संबंधित और भी नलियों को प्रभावित कर सकता है। यहां तक की यह लीवर के लिए भी नुकसानदायक होता है अधिक अल्कोहल के सेवन से लिवर खराब हो जाता है।
2. तीखा
जिन लोगों को यह नहीं पता की एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए उन्हें तीखा गलती से भी अपने आहार में शामिल नहीं करना चाहिए ऐसा करने से मरीज के शरीर में जलन और दर्द की समस्या हो सकती है।
4. धूम्रपान
एंडोस्कोपी के बाद धूम्रपान नहीं करना चाहिए क्योंकि एंडोस्कोपी करते वक्त ओएसोफैगस और अन्य नलियों में ऊतक प्रभावित होते हैं इस दौरान सिगरेट या बीड़ी का धुआं अधिक नुकसान पहुंचता है।
5. कैफ़ीन
एंडोस्कोपी टेस्ट के के बाद कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए कैफीन के अधिक सेवन से पेट में एसिड का बनाना शुरू हो जाता है और कब्ज, गैस की समस्या उत्पन्न हो जाती है। (और अधिक पढ़ें: पाद से जुड़े स्वस्थ रहने के रहस्य )
एंडोस्कोपी खाली पेट होता है क्या?
हां, एंडोस्कोपी खाली पेट होता है इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं इसके साथ एंडोस्कोपी के प्रकार पर भी निर्भर करता है कि एंडोस्कोपी खाली पेट होनी है या नहीं।
एंडोस्कोपी खाली पेट क्यों होती है (Endoscopy khali pet kyu hoti hai)
एंडोस्कोपी का खाली पेट करने के कई फायदे हैं जिस जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर की सुविधा और सही निरीक्षण शामिल है यहां हम कुछ कारण की बात करेंगे, जिसके लिए एंडोस्कोपी को खाली पेट किया जाता है
1. उल्टी होना
पेट में खाना होने की वजह से एंडोस्कोपी के दौरान उल्टी हो सकती है इसलिए एंडोस्कोपी को खाली पेट किया जाता है। वहीं यदि मरीज के पेट में तरल पदार्थ अधिक मात्रा में है तो यह एंडोस्कोपी करने के दौरान फेफड़ों के एल्वीओलाई (Alveoli) में जमा हो सकता है, जिससे एक गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है कुछ कारण में निमोनिया भी हो सकती है यहां तक की यह एक जानलेवा स्थिति भी बन सकता है इसलिए एंडोस्कोपी का खाली पेट होना आवश्यक है।
2. सही निरीक्षण
खाली पेट होने की वजह से एंडोस्कोपी करने के दौरान शरीर के अंदर अंगों की सही और स्पष्ट रूप से जांच हो पाती है पेट में खाने की मौजूदगी एंडोस्कोपी को सही प्रकार से होने में बाधित करती है जिसमें मुख्य रूप से पेट की एंडोस्कोपी शामिल है।
एंडोस्कोपी कैसे होती है (Endoscopy kaise hoti hai)
एंडोस्कोपी करने के लिए डॉक्टर एक विशेष प्रकार का यंत्र इस्तेमाल करता है जिसे एंडोस्कोप बोलते हैं यह एक लंबा पाइप की तरह होता है जिसकी लंबाई 1 फुट से लेकर 1 मीटर या उससे अधिक की हो सकती है। एंडोस्कोप की पाइप में एक हाई डेफिनेशन का कैमरा और प्रकाश के लिए लाइट लगी होती है जो पेट के अंदरूनी भाग में साफ-साफ दिखाई देने के लिए जिम्मेदार होती है। एंडोस्कोपी एक प्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा किया जाता है जिसका पूर्ण रूप से नियंत्रण डॉक्टर के हाथों में होता है।
एंडोस्कोपी टेस्ट कब किया जाता है (Endoscopy test kab kiya jata hai)
एंडोस्कोपी टेस्ट का प्रयोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निरीक्षण मैं किया जाता है। जिसे सामान्य आंखों और बिना उपकरण की सहायता से नहीं देखा जा सकता, एंडोस्कोपी मुख्य रूप से अंदरूनी अंगों की की जाती है, एंडोस्कोपी का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर के किस हिस्से का और किस प्रकार का परीक्षण होना है। और साथ में एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखा जाता है।
1. पेट का अल्सर (Peptic Ulcer)
एंडोस्कोपी का उपयोग पेट का अल्सर पता करने के लिए किया जाता है दरअसल अल्सर में पेट की सबसे अंदरुनी परत के ऊतक में घाव बनने लग जाता है ज्यादातर मामलों में यह हमारी छोटी आंत के पहले हिस्से जिसे डुओेडिनम कहा जाता है उसको प्रभावित करता है एंडोस्कोपी के द्वारा ट्यूब को मुंह से होते हुए हाथ के छोटे हिस्से तक पहुंचाया जाता है उसके बाद अल्सर की मौजूदा स्थिति को देखकर के डॉक्टर उचित उपचार करता है। (और अधिक जाने: कहीं टॉयलेट सीट की वजह से तो नहीं हो रही बीमारियां )
2. इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD)
इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज मुख्य रूप से पाचन तंत्र से संबंधित बीमारी है यह आंतों में सूजन व अन्य प्रकार के रोग जैसे आंतों में मल का चिपकना, क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) या फिर अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) को पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
4. कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)
कोलोरेक्टल कैंसर का पता लगाने के लिए कोलोनोस्कोपी की जाती है, जो की एंडोस्कोपी का ही एक प्रकार है। कोलोनोस्कोपी में एंडोस्कोप को गुदा मार्ग के रास्ते से बड़ी आंत और मलाशय के अंतिम सिरे तक ले जाया जाता है, इस प्रकार की कोलोनोस्कोपी में कोलोरेक्टल कैंसर के अलावा पॉलिप्स और आंतों की अन्य समस्याओं में भी इस्तेमाल किया जाता है।
5. फेफड़ों की बीमारियों में
जिन लोगों को फेफड़े से संबंधित बीमारियां होती हैं उनके शरीर एंडोस्कोपी होती है जो नाक किया मुंह के द्वारा की जाती है। इस प्रकार की एंडोस्कोपी को फेफड़ों में संक्रमण, फेफड़े का कैंसर, ट्यूमर इत्यादि जांच के लिए किया जाता है।
6. किडनी स्टोन (Kidney Stone )
इस प्रकार के एंडोस्कोपी में मूत्र मार्ग के द्वारा एंडोस्कोपी को शरीर के अंदर डाला जाता है जिसका मुख्य कार्य मूत्राशय के कैंसर और संक्रमण का पता लगाना होता है इसकी मदद से किडनी के स्टोन का भी पता लगाया जाता है।
7. अंदरूनी अंगों में खून का रिसाव
कुछ गंभीर परिस्थितियों में जैसे की एक्सीडेंट होना, जहरीले पदार्थ का खाना, बाहरी आघात या फिर कुछ अंदरूनी कारणों की वजह से शरीर के अंदर खून का रिसाव होने लग जाता है जिसका सही पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी की मदद ली जाती है।
एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए -निष्कर्ष
बहुत से लोगों को या नहीं पता होता की एंडोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए यह लेख उन लोगों की मदद करने के लिए “डॉक्टर आदित्य” के द्वारा लिखा गया है जिसमें सामान्य प्रकार की परहेज और खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है, प्रत्येक मनुष्य का स्वास्थ्य और शारीरिक क्षमता अलग-अलग होती है इसलिए एंडोस्कोपी से पहले और बाद में किस पदार्थ का सेवन करना चाहिए इसके बारे में डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।
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