दिवाली में होने वाले प्रदूषण से 5 तरीकों से बचे नहीं तो हो सकती है बड़ी समस्या 

दिवाली के त्यौहार आने से पहले लोगों के अंदर बहुत सी खुशियां रहती है दिवाली के दिन लोग आपस में मिल-बांट करके खुशियों के साथ मानते हैं लेकिन कई बार दिवाली के दिन होने वाली आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण पर थोड़ा सा बुरा प्रभाव पड़ता है इसके साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है  

 

दिवाली में होने वाले प्रदूषण से कैसे बचे

 

पटाखों के द्वारा निकाला हुआ धुआ हवा में मिलकर के हवा को प्रदूषित कर देता है और यह प्रदूषित हवा आपके अंदर कई बीमारियों के लक्षण पैदा करता है जिसमें से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, फेफड़े से संबंधित कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं इसके साथ-साथ आंखों और कानों को भी खतरा बना रहता है ,

तेज आवाज के साथ फटने वाले पटाखे कानों को बुरी प्रकार से प्रभावित कर सकते हैं, कई बार पटाखों से निकली चिंगारियां आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए दिवाली के दौरान आपको कुछ बातों को जरूर से जरूर मनाना चाहिए जिससे आप अपने स्वस्थ शरीर को सुरक्षित रखते हुए दीपावली जैसे पावन त्यौहार का आनंद उठा सकते हैं | 

 

आंखों को रखें सुरक्षित

दिवाली के दिन जब पटाखे फोड़े जाते हैं तब उनके अंदर से पटाखे में मौजूद रासायनिक तत्व जैसे सल्फर, फॉस्फोरस, पोटेशियम नाइट्रेट, कार्बन इत्यादि हवा में मिलकर के हवा को प्रदूषित कर देते हैं | और जब यह हवा आपकी आंख के संपर्क में आती है तो आंखों से पानी बहाने जैसी शिकायत या आंखों में जलन होने जैसी शिकायत होने लग जाती है,

इसलिए इन रसायनों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, कि अपने आंख को दिवाली के मौसम में दिन भर में 5 से 6 बार साफ एवं ठंडे पानी से जरूर धोएं और पटाखे फोड़ते वक्त चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें |

 

दिवाली के दिन कान को रखें सुरक्षित

पटाखे छुड़ाते वक्त अपने कानों में कॉटन के कपड़े या फिर रुई के टुकड़े को लगा करके रखना चाहिए, आप इयर प्लग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे पटाखों से उत्पन्न तीव्र ध्वनि को कम किया जा सकता है,
दीपावली के दिन फूटने वाले पटाखों से बहुत तेज आवाज होती है जिनकी तीव्रता कभी-कभी 70 से 80 डेसीबल या उससे ज्यादा की होती है, आपको यह बात पता होनी चाहिए की 60 डेसीबल से ज्यादा की ध्वनि इंसान को बहरा बना सकती है या आपके कान को बुरे तरीके से प्रभावित कर सकती है। 

 

दिवाली के दिन नंगे पांव ना रहे

दिवाली के दिन अक्सर छोटे बच्चे अपने जूते-चप्पल छोड़कर के नंगे पांव ही खुशी में नाचते दौड़ते रहते हैं, लेकिन आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि दीपावली के दिन अपने पैर को हमेशा जूते चप्पल के साथ रखें | पटाखों के बनाने में इस्तेमाल की गई रस्सी पटाखे के फूटने के बाद कुछ देर तक जलती रहती है ऐसे में अगर आपका पर जलती हुई रस्सी पर पड़ता है तो आपको नुकसान हो सकता है | 

 

हाथों में ग्लव्स पहन के रखें

पटाखे छुड़ाते वक्त कुछ पटाखे छोटे फ्यूज के होते हैं जिनको जलाते ही कभी-कभी हाथ में फूट जाते हैं, इसलिए कोशिश करें कि पटाखे छुड़ाते वक्त हाथों में ग्लव्स पहन के रखें, और ऐसे पटाखे छुड़ाने से बच्चे जिनके फ्यूज बहुत छोटे होते हैं, और ऐसे पटाखे बच्चों को गलती से भी ना दें अन्यथा बच्चे बहुत बड़ा नुकसान पहुंच सकते हैं |

दिवाली के दिन मास्क पहन कर रखें

दिवाली के दिन पटाखों से निकलने वाले हानिकारक रसायन के द्वारा होने वाले बुरे प्रभाव को टालने के लिए आपको मास्क जरूर पहनना चाहिए, पटाखे में मौजूद रसायन :-

सल्फर 
फास्फोरस 
पोटेशियम नाइट्रेट 
कार्बन 
साल्टपीटर   

 

दिवाली में होने वाले प्रदूषण से कैसे बचे

हवा में मिलकर के हवा को प्रदूषित कर देते हैं, और यह हवा जब हमारे नाक के द्वारा फेफड़ों तक पहुंचती है तब यह स्वास्थ्य संबंधित हानिकारक समस्याओं को जन्म दे सकती है, जैसे की अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पलमोनरी डिजीज, हृदय से संबंधित रोग, या फेफड़ों से संबंधित अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है, यह समस्या छोटे समय या फिर दीर्घकाल तक के लिए बनी रह सकती है | 

सांस लेने में तकलीफ होना

 इस दिन हवा में मौजूद प्रदूषण के कारण यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तब आप कोशिश करें ऐसे वातावरण में जाने की जहां पर एयर क्लीनर लगा हो, या फिर शहर से दूर साफ सुथरे वातावरण में जाने का प्रयास करें, यदि आपके घर में खिड़की और दरवाजे बहुत बड़े हैं तो उन्हें बंद करके रखें,
और इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन आप शारीरिक गतिविधि करने से बच्चे क्योंकि थकान के कारण आपको लंबी और गहरी सांस की जरूरत पड़ेगी, और ऐसे में आप प्रदूषित हवा को अपने अंदर अवशोषित कर लेंगे इसके दुष्परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं | 
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दिवाली के प्रदूषण से प्रभावित होने के लक्षण

दिवाली के दिन पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण यदि आपको

1 सांस लेने में कठिनाई 
2 खासी 
3 वायु मार्ग में सूजन 
4 सीने में दर्द 
5 गले में जलन 
6 बुखार 
7 उल्टी होना 
8 जी मिचलाना 
9 बहुत ज्यादा सर दर्द
10 कान में दर्द

दिवाली में होने वाले प्रदूषण से कैसे बचे

इत्यादि लक्षण दिखाई दें तो आपको नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए हो सकता है हो सकता है खराब वातावरण के चलते आपके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ा हो ऐसे वक्त में आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए | 

पटाखे में मौजूद रसायन और उनके बुरे प्रभाव

1 कॉपर:-  यह एक ऐसा तत्व है जो आपके स्वास्थ्य नाली को प्रभावित करता है 
2 लेड:- यह तत्व आपके नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचता है 
3 कैडमियम:- शरीर में मौजूद हीमोग्लोबिन को खून ले जाने से रोकता है जिसके कारण से एनीमिया के लक्षण दिख सकते हैं
4 जिंक:-  यह हमारे मस्तिष्क में उपस्थित मेडुला के फंक्शन को डिस्टर्ब कर सकता है जिसकी वजह से आपको फीवर या उल्टी की    शिकायत हो सकती है
5 सोडियम:- यह रसायनों में सबसे खतरनाक रसायन होता है हवा में मौजूद नमी से रिएक्ट करके यह जलता है इसलिए यदि इसकी मात्रा आपके शरीर के त्वचा पर लगी है तो आपको जलन महसूस हो सकती है  

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