आंतों में मल का चिपकना; जानें सभी कारण और 5 घरेलू उपाय, Aanto me mal ka chipakna

आंतों में मल का चिपकना आजकल एक आम समस्या सी हो गई है यह किसी भी उम्र के व्यक्ति या महिला को हो सकती है, आंतों में मल का चिपकना यदि समय रहते ठीक नहीं किया गया तो यह पाचन से संबंधित अन्य प्रकार की गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। आंतों में मल का चिपकना आपकी शारीरिक विकास और मानसिक विकास में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसके वज़ह से शरीर में कमजोरी वह अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, जिनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे और साथ में उन तरीकों को जानेंगे जिन्हें अपनाने से आंतों को स्वस्थ रख सकते हैं। 

आंतों में मल का चिपकना, Aanto me mal ka chipakna
आंतों में मल का चिपकना, Aanto me mal ka chipakna

आंतों में मल का चिपकाना

आज के दौर में आधुनिक युग बहुत तेजी से बदल रहा है जिससे लोगों के खान-पान के तौर तरीकों में तेजी से बदलाव आया है बहुत से लोग अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना अत्यधिक तली-भुनी, ज्यादा तेल वाले खाद्य पदार्थ, मैदा से बनाने वाले फास्ट फूड और कुकीज, ज्यादा मसालेदार भोजन इत्यादि का सेवन बिना किसी रोक-टोक के खा रहे हैं जिसकी वजह से आंतों में मल का चिपकना जैसी शिकायत देखने को मिलती है।

1. अधिक तेल वाले खाद्य पदार्थ

अधिक तेल वाले पदार्थ अक्सर हमारी आंतों में जाकर चिपक जाते हैं या फिर वह बिना सही प्रकार से पचे शरीर से बाहर निकल जाते हैं, कुछ परिस्थितियों में अधिक तेल वाली चीजे हमारे पेट में जाने के बाद एंजाइम और एसिड में अच्छे से मिक्स नहीं हो पाती हैं। यही वजह है कि ज्यादा तेल वाला खाना आसानी से नहीं पचता है, जबकि एंजाइम और एसिड पानी वाले पदार्थ में अच्छे से मिक्स हो करके पाचन में मदद करते हैं।

2. मैदा से बना भोजन

मैदे से बना भोजन आंतों में मल का चिपकना जैसी समस्या का एक बड़ा वजह माना जाता है, मैदे से बने खाद्य पदार्थ जब ओएसोफैगस से होते हुए हमारे पेट के तीसरे हिस्से यानी कि पाइलोरिक (Pyloric) में पहुंचता है, तब हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) और डाइजेस्टिव एंजाइम ( Ptyalin enzyme) खाने में मिक्स होने का प्रयास करते हैं,

मैदे का सर्फेस टेंशन हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एंजाइम के साथ अच्छे से मिक्स नहीं होने देता, इसके साथ वह पेट में होने वाले पेरीस्टाल्सिस मूवमेंट को भी प्रभावित करता है जिससे मैदे से बना भोजन अच्छे से पच नहीं पता और वह आंतों में चिपक जाता है।

3. फास्ट फूड

फ़ास्ट फ़ूड आंतों में मल चिपकना जैसी समस्या का एक बड़ा कारण माना जा सकता है फास्ट फूड के बनाने के तौर तरीके वैदिक तरीकों से बहुत अलग होते हैं फास्ट फूड बनाने में अधिक ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है जिससे भोजन में मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल और विटामिन की गुणवत्ता खराब हो जाती है,

यह खाने में भी स्वास्थ्यवर्धक नहीं होते और यह खाने के बाद कब्ज, उल्टी, दस्त, गैस, और डकार इत्यादि जैसी समस्या को जन्म देते हैं, जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है उनको यह समस्या अधिक होती है। (और अधिक पढ़ें: पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए क्या करें)

4. तला-भुना भोजन

तला -भुना भोजन भी हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। जब हम अधिक मसालेदार भोजन करते हैं तब मसाले में मौजूद गर्मी हमारे शरीर की अंदरूनी गर्मी से तालमेल नहीं बैठा पाती है जिसकी वजह से अपच, दस्त, और उल्टी होना जैसी शिकायत देखने को मिलती है, अधिक तला-भुना भोजन खाने से आंतों में मल का चिपकना जैसी शिकायत भी दिखाई दे सकती है।

आंतों में मल चिपकने का लक्षण

आंतों में मल का चिपकना का लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं साधारण तौर पर यह लक्षण सामान्य पाचन संबंधित विकार के लगते हैं परंतु यदि ध्यान से देखा जाए तो यह आंतों में मल का चिपकना का लक्षण भी हो सकता है।

  • पेट में अधिक गैस बनना
  • बिना खाना खाए पेट का फुला रहना
  • मल त्याग में कठिनाई होना
  • एक बार में पेट साफ नहीं होता
  • कुछ समय अंतराल पर पेट में दर्द होना
  • बार-बार बाथरूम जाने की इच्छा होना
  • खाना खाने के पहले या बाद में जीमिचलाना
  • मल में अधिक बदबू आना
  • मल का चिपचिपा होना
  • मुंह में छाला पड़ना
आंतों में मल का चिपकना, Aanto me mal ka chipakna
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आंतों में मल चिपकने से होने वाली बीमारी

आंतों में मल का चिपकना से होने वाली बीमारी कई प्रकार की हो सकती है जिसमें मुख्य रूप से पेट में हानिकारक बैक्टीरिया और फीता कृमि का अधिक हो जाना शामिल है आंतों में मल चिपकने से पाचन की प्रक्रिया पूर्ण रूप से नहीं हो पाती है जिसकी वजह से शारीरिक कमजोरी, ऊर्जा की कमी, किसी काम में मन ना लगना, पेट दर्द इत्यादि बीमारी हो सकती है।

आंतों में सूजन

बड़ी आंत में सूजन, अल्सरेटिव कोलाइटिस यह शुरुआती दौर में बड़ी आंत के कोलन वाले हिस्से में होता है आपकी जानकारी के लिए बता दें की बड़ी आंत के तीन हिस्से होते हैं जिनका नाम कोलन, सिक्कम और रेक्टम होता है। यह आंत की सबसे बाहरी परत सिरोसा को प्रभावित करता है कुछ लोगों में यह अनुवांशिकी के कारण भी हो जाता है, वहीं कुछ लोगों को अन्य बाहरी कारणो की वजह से ऐसा होता है, जिसका सही तरीके से पता लगाया जाना अभी बाकी है या हमारी जानकारी में नहीं है।

कुछ गंभीर स्थिति में मल त्याग करते वक्त मल में खून का आना भी शुरू हो जाता है यदि ऐसा कोई लक्षण दिखे तो आपको फौरन नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

छोटी आंत में सूजन

छोटी आंत पाचन तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है हमारे शरीर का लगभग आधे से ज्यादा खाद्य पदार्थ छोटी आंत में पचता है छोटी आंत के तीन हिस्से होते हैं: डुओेडिनम (Deodinum) जेजुनम (Jejunum) और ईलियम (Elium) तीन से चार घंटे का समय बीतने के बाद भोजन पेट से होता हुआ आंत के पहले हिस्से डुओेडिनम(Deodinum) तक पहुंचता है,

उसके बाद यह जेजुनम और ईलियम में माइक्रोविल्लाई के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है यहां पर अवशोषित किए गए पोषक तत्व हमारे खून में मिल जाते हैं जिससे हमें शारीरिक शक्ति और अन्य कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा मिलती है। छोटी आंत में मल का चिपकना एक गंभीर समस्या हो सकता है इसलिए आपको विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

आंतों में मल का चिपकना, Aanto me mal ka chipakna
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आंतों में मल का चिपकना कैसे रोके

आंतों में मल का चिपकना रोकने के लिए आपको अपने खाने में अत्यधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और आंतों की सफाई के लिए एक्सरसाइज और योगा प्रतिदिन करना चाहिए, शरीर में पानी की कमी होने की वजह से आंतों की सफाई सही प्रकार से नहीं हो पाती है, एक स्वस्थ मनुष्य को प्रत्येक दिन तीन से चार लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं/ घरेलू उपचार

  • आंतों को स्वस्थ रखने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां दाल चना रोटी पपीता अमरूद केला इत्यादि खा सकते हैं।
  • रात में सोने से पहले या सुबह नाश्ते के वक्त भीगे हुए चने 50 से 100 ग्राम की मात्रा में गुड़ के साथ खाएं।
  • भुने हुए 20 से 30 ग्राम चने को थोड़े से गुड़ के साथ जरूर खाएं।
  • सुबह नाश्ते में पका हुआ पपीता जरूर शामिल करें।
  • अमरूद का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ आंतों मैं मल का चिपकना भी दूर करता है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के साथ-साथ पाचन शक्ति को मजबूत करने के साथ आंतों को स्वस्थ रखती हैं।
  • गर्मियों के मौसम में ककड़ी और खीरे का इस्तेमाल सलाद के रूप में जरूर करें।

आंतों में मल का चिपकना किस जांच के द्वारा पता चलता है 

आंतों में मल का चिपकना एक गंभीर समस्या हो सकती है इसलिए यदि आपको ऊपर बताए गए किसी प्रकार का लक्षण दिखाई देता है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए आंतों में मल का चिपकना जांचने के लिए निम्नलिखित प्रकार की जांच उपयोग में ली जाती है:

  1. सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी)
  2. एरिथ्रोसाइट अवसादन दर (ईएसआर)
  3. बेरियम एनीमा
  4. सीबीसी
  5. मल कैलप्रोटेक्टिन या लैक्टोफेरिन
  6. एंटीबॉडी परीक्षण (खून की मदद से)

कुछ अलग परिस्थितियों में आंतों से संबंधित जांच के लिए और भी तरीके की जांच की जाती है यह जांच डॉक्टर के परामर्श पर की जाती हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. सीटी स्कैन
  2. बाहर से एंडोस्कोपी
  3. कैप्सूल परीक्षण
  4. एमआर एंटरोग्राफी
  5. एमआरआई
आंतों में मल का चिपकना, Aanto me mal ka chipakna
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आंतों में मल का चिपकना -निष्कर्ष

मेडिको सूत्र (MedicoSutra) की टीम ने जब डॉक्टर आदित्य से बात की तो यह पता चला कि साधारण तौर पर आंतों में मल का चिपकना गलत खानपान और खराब जीवन सहेली के कारण से होता है। अधिक तेल वाली चीज और फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए सादा भोजन स्वास्थ्य के नजरिए से बहुत बेहतर माना जाता है,

यह आपको स्वस्थ रखने के लिए संपूर्ण जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने की क्षमता रखता है। सभी लोगों को प्रतिदिन 15 से 20 मिनट एक्सरसाइज और योग के लिए जरूर निकालना चाहिए संपूर्ण रूप से शरीर को स्वस्थ रखने में एक्सरसाइज और योग का विशेष महत्व है।

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