टाइफाइड से ग्रसित मरीज को कभी-कभी चाय पीने की तलब उठती है ऐसे में सवाल यह उठता है कि टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं ज्यादातर विशेषज्ञ की माने तो टाइफाइड में चाय की थोड़ी सी मात्रा पीने से कोई विशेष नुकसान नहीं होता, लेकिन वही अगर आप कैफीन से भरपूर चाय की अत्यधिक मात्रा को का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको अनेक प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती है।
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं (Typhoid mein chai pina chahiye ya nahi)
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं इसका सीधा जवाब है हां, आप चाय पी सकते हैं लेकिन चाय की मात्रा बहुत सीमित होनी चाहिए विशेषज्ञ की की माने तो टाइफाइड से ग्रसित मरीजों को प्रतिदिन पीने वाली चाय को पीने के बजाय उन्हें हर्बल चाय पीने की सलाह दी जाती है जो स्वास्थ्य के नजरिए से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है हर्बल चाय प्रकृति में मौजूद औषधि गुना वाले पौधों के इस्तेमाल से बनाई जाती है जो हमारे लिए फायदेमंद होती है।
टाइफाइड में कौन सी हर्बल चाय पीना चाहिए
टाइफाइड मैं हर्बल चाय का पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है हर्बल चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मिनरल्स और न्यूट्रिशन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं इसके साथ वह हमारे शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करते हैं जिससे हम रोगों से जल्दी छुटकारा पा जाते हैं टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं इसके आधार पर
यहां पर पांच प्रकार की हर्बल चाय के बारे में बताया गया है जैसे कि पुदीना की चाय, अदरक और नींबू की चाय, कैमोमाइल की चाय, लैवेंडर की चाय, गुड़हल की चाय, ग्रीन टी, तुलसी की चाय इत्यादि है जो टाइफाइड के मैरिज डॉक्टर से पूछ करके पी सकते हैं।
टाइफाइड में किसकी चाय पीना चाहिए
यहां नीचे कुछ हर्बल चाय के बारे में बताया गया है जो मरीज के विभिन्न परिस्थितियों के ऊपर निर्भर करता है प्रत्येक मरीज की शारीरिक क्षमता, स्वास्थ्य और किए जाने वाला उपचार अलग-अलग होता है। इसलिए किसी भी प्रकार की हर्बल चाय को अपने डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह जरूर ले।
टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के द्वारा होने वाला एक प्रकार का घातक बुखार है, यदि किसी व्यक्ति को टाइफाइड हो जाता है तो उसे डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह और उपचार करवाना चाहिए, अपने आहार में किसी भी प्रकार का बदलाव करने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
1. पुदीना चाय (Peppermint Tea)
टाइफाइड के मरीज यदि पुदीने की चाय पीते हैं तो उसमें मौजूद मेंथॉल पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है इसके साथ यह पेट दर्द को भी काम करने में मददगार साबित हो सकता है पुदीना चाय के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन जैसे कि विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई, और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पुदीने में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे अनेक मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारी शरीर के संपूर्ण विकास और अलग-अलग तरह के कार्य विधि में सहयोग करते हैं।
पुदीना चाय बनाने की विधि
पुदीना चाय बनाने के लिए एक पतिला में पानी को गर्म कर लें, इसके बाद उस गर्म पानी में कुछ पुदीना की हरी पत्ती को डालें 5 से 7 मिनट तक हल्की आंच पर इसे उबलने दे, जब अच्छे से उबल जाए तब इसे छान करके पी सकते हैं।
2. अदरक और नींबू की चाय (Ginger-Lemon Herbal Tea)
अदरक और नींबू की चाय ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में तथा बड़े हुए वजन को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होता है अदरक और नींबू की चाय के पीने से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है अदरक के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता पाई जाती है जो मरीज के शरीर के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होती है।
अदरक और नींबू की चाय में कुछ मिनरल जैसे कि पोटेशियम मैग्नीशियम और फास्फोरस पाए जाते हैं, टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं यह इस बात से और बेहतर समझ में आएगा कि नींबू और अदरक की चाय में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जो हमारे शरीर में वायरस के द्वारा होने वाले संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
अदरक और नींबू की चाय बनाने की विधि
टाइफाइड में पीने वाली चाय बनाने के लिए एक चम्मच कटे हुए अदरक, और एक चम्मच नींबू के रस को एक कप पानी में मिला करके बनाया जाता है। इसके लिए आप सबसे पहले पानी को गर्म करें जब पानी गर्म हो जाए तो उसमें अदरक और नींबू के रस को मिला ले और दो से तीन मिनट तक गर्म होने दें इसके बाद चाय को छान करके पिया जा सकता है।
3. कैमोमाइल चाय (Chamomile Tea)
कैमोमाइल चाय पीने के अनेक फायदे होते हैं यह नींद की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत दिला सकती है कैमोमाइल चाय पीने से स्ट्रेस कम होता है और पेट दर्द तथा गैस संबंधी समस्या से भी आराम मिलता है, यदि कोई मरिज कैमोमाइल चाय को पीता है तो इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
कैमोमाइल चाय के अंदर मौजूद Chamazulene एक पावरफुल एंटी-इन्फ्लेमेटरी कारक है जो शरीर में उत्पन्न हुए दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है, इसके अंदर टेरपेनॉइड भी पाया जाता है जो एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंट्री माइक्रोबॉयल गुना से भरपूर होता है वही कैमोमाइल चाय में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं यह चाय आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी अहम भूमिका निभाती है, कैमोमाइल चाय पीने से पहले मरीज को अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए कुछ लोगों को यह चाय नुकसान पहुंचा सकती है।
कैमोमाइल चाय बनाने की विधि
कैमोमाइल चाय बनाने के लिए आपको एक चम्मच के मोबाइल का फूल और एक कप पानी की जरूरत पड़ेगी सबसे पहले पानी को हल्की आंच पर गर्म करें इसके बाद पानी में कैमोमाइल के फूल को डाल करके 5 से 7 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें इसके बाद इसे छान करके पी सकते हैं।
4. लैवेंडर चाय (Lavender Tea)
लैवेंडर की चाय उन मरीजों को अधिक फायदा पहुंचा सकती है जिन्हें माइग्रेन, स्ट्रेस तथा गले में इरिटेशन जैसी समस्या होती है। इसके अलावा लैवेंडर की चाय इनसोम्निया के मरीजों को भी विशेष रूप से लाभ पहुंचती है, लैवेंडर की चाय पीने से नींद ना आने की समस्या दूर करने में मदद मिलती है।
लैवेंडर के अंदर लेनेलाल (Linalool) नामक एक प्राकृतिक रिलैक्सेंट (Natural Relaxant) है यह मानसिक तनाव और बेचैनी को कम करने में मदद करता है। लैवेंडर की चाय को अपने डाइट में शामिल करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए।
लैवेंडर चाय बनाने की विधि
लैवेंडर की चाय बनाने के लिए आपको एक चम्मच लैवेंडर के फूल और एक कप पानी की जरूरत पड़ेगी सबसे पहले पानी को गर्म करें और उसके अंदर लैवेंडर के फूल को डालकर 5 से 10 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें जब उबल जाए तो चाय को छान करके पिया जा सकता है।
5. गुड़हल की चाय (Gudhal Tea)
हर्बल चाह हमें गुड़हल की चाय भी मानी जाती है इस चाय को पीने से विटामिन मिनरल्स मिलते हैं गुड़हल में मौजूद एंथोसाइएनिन एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर की सुरक्षा करने में मदद करता है। टाइफाइड के मरीज को गुड़हल की चाय पीने की सलाह नहीं दी जाती है गुड़हल की चाय पीने से पहले आपको अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
गुड़हल की चाय बनाने की विधि
गुड़हल की चाय बनाने के लिए आपको गुड़हल के ताजे फूल और एक कप पानी की जरूरत पड़ेगी सबसे पहले पानी को हल्की आंच पर गर्म करें जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें गुड़हल के फूल को डालकर 5 से 10 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें इसके बाद छान करके इसे पिया जा सकता है गुड़हल की चाय उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह से पीना चाहिए।
टाइफाइड में परहेज
टाइफाइड के मरीजों को हमेशा साफ और सादा खाना खाने की सलाह दी जाती है, और आसपास की सफाई का उचित ध्यान रखना चाहिए, टाइफाइड के मरीजों को तलब पर नियंत्रण रखना चाहिए टाइफाइड के मरीजों को चटपटी चीजों से परहेज करना चाहिए। मीट, मांस और अंडे जैसी चीजों का सेवन ना करना भी अच्छा माना जाता है।
टाइफाइड के मरीजों को अधिक मात्रा में चाय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि चाय के अंदर मौजूद कैफीन की मात्रा शरीर में अधिक होने पर उलझन और अनिद्रा जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। कैफीन की अधिक मात्रा पाचन से संबंधित समस्या भी उत्पन्न कर सकती है जिससे बनने वाला मल कठोर हो जाता है (और पढ़ें:- मल को मुलायम कैसे करें)
टाइफाइड को जल्दी ठीक करने के लिए सलाह
- टाइफाइड बैक्टीरिया के द्वारा होने वाला एक संक्रमण है जिसके लिए उचित देखभाल बहुत आवश्यक है अन्यथा यह गंभीर रूप से नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- टाइफाइड के मरीजों को डॉक्टर के संपर्क में हमेशा बने रहना चाहिए।
- एंटीबायोटिक का सही समय और सही तरीके से डॉक्टर के परामर्श से जरूर खाना चाहिए।
- पीने वाले पानी को हमेशा साफ रखें कोशिश करें कि पानी पीने से पहले उसे उबलने जिससे उसके अंदर मौजूद बैक्टीरिया और विषैला तत्व खत्म हो जाए।
- सादा खाना, खाना चाहिए आप साधारण रूप से बने हुए भोजन को ग्रहण कर सकते हैं जिसमें तेल की मात्रा कम होनी चाहिए।
- आप अपने हाथों को समय-समय पर धुलेटी रहे क्योंकि टाइफाइड के बैक्टीरिया हाथों से होते हुए आपके अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं।
टाइफाइड के मरीजों को कच्चे भोज्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए यह आपको और बीमार कर सकता है क्योंकि कच्चे पदार्थ में बैक्टीरिया आसानी से अलग नहीं होते जो यदि यह बैक्टीरिया टाइफाइड के मरीज के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो उसके कमजोर प्रतीक्षा तंत्र की वजह से और अधिक बीमारी पैदा कर सकते हैं।
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं -निष्कर्ष
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं इस बात का सही जवाब आपको विशेषज्ञ डॉक्टर से अवश्य लेना चाहिए वैसे तो साधारण चाय को थोड़ी सी मात्रा में पीने से कोई विशेष नुकसान नहीं होता लेकिन यदि आप इसकी अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह निश्चित रूप से आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है इसलिए यदि किसी टाइफाइड से ग्रसित मरीज को इस बात का संसार है कि टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं तो उसे अपने डॉक्टर से जाकर के व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना चाहिए और अपने खाने-पीने के तौर तरीकों के बारे में भी सलाह लेनी चाहिए।
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कृपया अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
धन्यवाद