महिला बवासीर के लक्षण, कारण और 10 घरेलू इलाज; Piles in Women Early Signs

महिला बवासीर के लक्षण, कारण और 10 घरेलू इलाज ; Piles in Women Early Signs; महिला बवासीर के लक्षण अक्सर शर्म या लापरवाही के कारण अनदेखे कर दिए जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति गंभीर हो जाती है। अगर आपको भी मल त्याग के दर्द, गुदा क्षेत्र में खुजली, सूजन या खून आने जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो यह लेख (महिला बवासीर के लक्षण) आपके लिए है। यहाँ हम महिलाओं में बवासीर के प्रारंभिक लक्षणों से लेकर इसके कारण, जरूरी पोषण और प्रभावी घरेलू उपायों तक की पूरी जानकारी विस्तार से देंगे।

महिला बवासीर के लक्षण, कारण और 10 घरेलू इलाज ; Piles in Women Early Signs
महिला बवासीर के लक्षण, कारण और 10 घरेलू इलाज ; Piles in Women Early Signs

बवासीर, जिसे पाइल्स (Piles) भी कहते हैं, वास्तव में गुदा के अंदर और बाहर की नसों में सूजन है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को गर्भावस्था, प्रसव और मासिक धर्म जैसे विशेष शारीरिक चरणों के कारण इसकी आशंका अधिक होती है। इस लेख को पूरा पढ़कर आप न सिर्फ इस समस्या को बेहतर ढंग से समझ पाएंगी, बल्कि इससे निपटने के व्यावहारिक तरीके भी सीख पाएंगी।

Table of Contents

बवासीर (Piles) क्या है?

बवासीर कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक शारीरिक स्थिति है। हमारे गुदा मार्ग और मलाशय के निचले हिस्से में रक्त वाहिकाओं का एक जाल होता है। जब ये रक्त वाहिकाएं असामान्य रूप से फूल जाती हैं, तन जाती हैं या उनमें सूजन आ जाती है, तो उन्हें बवासीर कहा जाता है। यह स्थिति पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है, लेकिन महिलाओं में इसके होने के कुछ विशेष कारण होते हैं।

 

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महिला बवासीर के लक्षणों को मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  1. आंतरिक बवासीर (Internal Piles): यह गुदा के अंदर होता है और आमतौर पर दर्द रहित होता है, लेकिन इसमें मल त्याग के दौरान ताजा लाल खून आ सकता है।
  2. बाहरी बवासीर (External Piles): यह गुदा के बाहर की त्वचा के नीचे विकसित होता है। इसमें दर्द, सूजन और बैचेनी अधिक होती है।

महिलाओं में बवासीर के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Piles in Women)

महिला बवासीर के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं और हर महिला में अलग-अलग तरह से नजर आ सकते हैं। आइए इन लक्षणों को विस्तार से समझते हैं।

मल त्याग के दौरान खून आना (Bleeding During Bowel Movements)

यह महिला बवासीर के लक्षण का सबसे आम और प्रमुख लक्षण है। आमतौर पर खून लाल और ताजा होता है। यह मल के साथ, टॉयलेट पेपर पर या फिर टॉयलेट पॉट में टपकता हुआ दिखाई दे सकता है। यह लक्षण आंतरिक बवासीर की ओर इशारा करता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि मल में खून आना अन्य गंभीर बीमारियों का भी संकेत हो सकता है, इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

गुदा के आसपास खुजली या जलन (Itching or Burning Sensation)

गुदा के आसपास के क्षेत्र में लगातार खुजली या जलन होना भी महिला बवासीर के लक्षण में शामिल है। जब बवासीर के मस्से बाहर की ओर आते हैं, तो वे एक तरल पदार्थ रिसाव करते हैं, जिससे आसपास की त्वचा में जलन और खुजली पैदा होती है।

गुदा क्षेत्र में दर्द या परेशानी (Pain or Discomfort)

खासकर बाहरी बवासीर में गुदा के आसपास तेज दर्द, चुभन या बेचैनी हो सकती है। यह दर्द बैठते समय, चलते-फिरते या मल त्याग के दौरान और बढ़ सकता है। अगर बवासीर के मस्से के अंदर खून का थक्का (Thrombosis) जम जाए, तो दर्द अचानक और असहनीय हो सकता है।

महिला बवासीर के लक्षण

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गुदा के बाहर सूजन या गांठ महसूस होना (Swelling or Lump)

गुदा के बाहर एक या एक से अधिक नरम या दर्दनाक गांठें महसूस होना बाहरी बवासीर का स्पष्ट लक्षण है। कभी-कभी ये गांठें मल त्याग के दौरान बाहर आ सकती हैं और फिर अपने आप अंदर चली जाती हैं, या फिर उन्हें अंदर धकेलना पड़ सकता है।

 

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मल त्याग के बाद भी भारीपन महसूस होना (Feeling of Fullness)

कुछ महिलाओं को ऐसा महसूस होता है कि मल त्याग के बाद भी उनका पेट पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है और गुदा में कुछ अटका हुआ सा महसूस हो रहा है। यह आंतरिक बवासीर के कारण हो सकता है।

इन लक्षणों के अलावा, यदि आपको पाचन तंत्र मजबूत करना चाहती हैं, तो हमारा यह लेख जरूर पढ़ें, क्योंकि कमजोर पाचन बवासीर का एक बड़ा कारण है।

महिलाओं में बवासीर के कारण (Causes of Piles in Women)

महिलाओं में बवासीर के कुछ सामान्य कारणों के अलावा कुछ विशेष कारण भी हैं, जो उन्हें इस समस्या के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं।

  • गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान बढ़ता गर्भाशय श्रोणि (Pelvis) क्षेत्र की नसों पर दबाव डालता है, जिससे बवासीर होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • प्रसव (Childbirth): प्रसव के दौरान जोर लगाने से गुदा क्षेत्र की नसों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे अक्सर प्रसव के बाद महिलाओं को बवासीर की शिकायत हो जाती है।
  • मासिक धर्म (Menstruation): कुछ महिलाओं को पीरियड्स से ठीक पहले या उसके दौरान बवासीर के लक्षण बढ़े हुए महसूस होते हैं। हार्मोनल परिवर्तनों के कारण ऐसा हो सकता है।
  • कब्ज (Constipation): यह बवासीर का सबसे बड़ा कारण है। कड़े मल को बाहर निकालने के लिए अत्यधिक जोर लगाना गुदा की नसों को नुकसान पहुंचाता है। कब्ज से बचने के लिए जानें कैसे करें आंतों की सफाई
  •  वजन बढ़ना (Weight Gain): अधिक वजन होने से भी पेल्विक एरिया पर दबाव बढ़ता है।
  • भारी वजन उठाना (Heavy Lifting): नियमित रूप से भारी सामान उठाना, जैसे जिम में वेट ट्रेनिंग या घर के काम, भी दबाव बढ़ा सकते हैं।
महिला बवासीर के लक्षण, कारण और 10 घरेलू इलाज ; Piles in Women Early Signs
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बवासीर में जरूरी पोषण और आहार (Essential Nutrition for Piles)

बवासीर के उपचार और बचाव में आहार की अहम भूमिका होती है। मुख्य लक्ष्य कब्ज से बचना और मल को मुलायम रखना है। यहाँ कुछ जरूरी पोषक तत्व और आहार बताए गए हैं:

फाइबर (Fiber):

फाइबर मल को नरम और भारी बनाता है, जिससे उसे पास करना आसान हो जाता है।

   स्रोत: साबुत अनाज (जैसे ओट्स, दलिया), सेब, नाशपाती, ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, अलसी के बीज।

दैनिक लक्ष्य: प्रतिदिन 25-30 ग्राम फाइबर का सेवन लक्ष्य रखें।

आयरन (Iron):

अगर बवासीर से लगातार खून बह रहा है, तो शरीर में आयरन की कमी (एनीमिया) हो सकती है।

स्रोत: हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक), चुकंदर, मुर्गे की कलेजी, दालें, अनार।

ध्यान रखें: आयरन कब्ज पैदा कर सकता है, इसलिए इसके साथ भरपूर फाइबर और पानी लें।

विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉइड्स (Vitamin C & Bioflavonoids):

ये रक्त वाहिकाओं की दीवारों को मजबूत बनाते हैं और सूजन कम करते हैं।

   स्रोत: संतरा, नींबू, आंवला, कीवी, बेरीज, ब्रोकोली।

 

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जिंक (Zinc):

जिंक घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है और ऊतकों की मरम्मत में मदद करता है।

  स्रोत: कद्दू के बीज, काजू, छोले, दही।

पर्याप्त पानी (Adequate Water):

यह सबसे महत्वपूर्ण है। फाइबर के साथ पर्याप्त पानी न पीने से स्थिति और खराब हो सकती है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। अगर आप वजन कम करने का हेल्दी तरीका ढूंढ रही हैं, तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि स्वस्थ वजन बवासीर के जोखिम को कम करता है।

शोध-आधारित साक्ष्य (Research-Based Evidence)

बवासीर के उपचार और प्रबंधन पर लगातार शोध हो रहे हैं। एक प्रमुख शोध के अनुसार, उच्च फाइबर युक्त आहार का सेवन बवासीर के लक्षणों और रक्तस्राव की घटनाओं को काफी हद तक कम कर सकता है।

शोध का निष्कर्ष: “फाइबर सप्लीमेंटेशन बवासीर रोग के समग्र जोखिम और रक्तस्राव की घटनाओं में 50% तक की कमी ला सकता है। बवासीर के लक्षणों, जैसे दर्द और खुजली में भी सुधार देखा गया है।”

शोध लिंक: आप इस शोध के बारे में अधिक जानकारी यहाँ पढ़ सकती हैं: National Center for Biotechnology Information – Dietary fiber and hemorrhoids 

यह शोध इस बात की पुष्टि करता है कि केवल आहार में बदलाव लाकर ही महिला बवासीर के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

महिला बवासीर के लिए घरेलू उपाय (10 Effective Home Remedies for Piles in Women)

अगर आप महिला बवासीर के लक्षण का सामना कर रही हैं, तो ये 10 घरेलू उपाय आपको तुरंत आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, अगर लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।

  1. सिट्ज़ बाथ (Sitz Bath): गुनगुने पानी से भरे टब में 15-20 मिनट तक बैठें। ऐसा दिन में 2-3 बार करने से गुदा क्षेत्र की सफाई होती है, रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और दर्द व सूजन में आराम मिलता है।
  2. एलोवेरा (Aloe Vera): एलोवेरा के प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और उपचार गुण बवासीर में बहुत फायदेमंद होते हैं। शुद्ध एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं।
  3. नारियल तेल (Coconut Oil): नारियल तेल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खुजली और सूजन कम करते हैं। बाहरी बवासीर पर इसे लगाया जा सकता है।
  4. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar): बाहरी बवासीर पर सीधे लगाने से यह सूजन कम करता है, लेकिन अगर जलन हो तो इसे तुरंत पानी से धो लें। (सावधानी के साथ प्रयोग करें)।
  5. सूखे मेवे और बीज (Nuts and Seeds): अखरोट, बादाम और अलसी के बीज फाइबर के बेहतरीन स्रोत हैं। अलसी के बीज को पीसकर दही या स्मूदी में मिलाकर लें।
  6. त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder): आयुर्वेद में त्रिफला को पाचन और कब्ज निवारक के रूप में जाना जाता है। रात को गुनगुने पानी या दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लें।
  7. आइस पैक (Ice Pack): सूजन और दर्द वाले स्थान पर 10-15 मिनट के लिए आइस पैक रखें। इससे नसें सिकुड़ती हैं और दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
  8. विच हेज़ल (Witch Hazel): यह एक प्राकृतिक कसैला (Astringent) पदार्थ है जो सूजन और रक्तस्राव को कम करने में मदद करता है। विच हेज़ल युक्त टॉवलेट पेपर या लोशन का इस्तेमाल करें।
  9. रेशेदार फल (Fibrous Fruits): पपीता, अमरूद और केला नियमित रूप से खाएं। ये मल को मुलायम बनाने में मदद करते हैं। केले के और भी फायदे जानने के लिए केले का पाउडर खाने के फायदे पर हमारा लेख पढ़ें।
  10. नियमित व्यायाम (Regular Exercise): तेज चलना, योग (जैसे पवनमुक्तासन) और कार्डियो व्यायाम पाचन को दुरुस्त रखते हैं और कब्ज से बचाते हैं। भारी वजन उठाने वाले व्यायाम से परहेज करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या गर्भावस्था में बवासीर होना सामान्य है?

हां, गर्भावस्था में बवासीर एक आम समस्या है। गर्भाशय के दबाव और हार्मोनल बदलावों के कारण ऐसा होता है। प्रसव के बाद अक्सर यह ठीक हो जाती है।

क्या बवासीर कैंसर का कारण बन सकती है?

नहीं, बवासीर कैंसर का कारण नहीं बनती। हालांकि, मल में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी लक्षण हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

बवासीर में कौन से व्यायाम फायदेमंद हैं?

हल्के-फुल्के व्यायाम जैसे टहलना, योग (जैसे पवनमुक्तासन), और केगल एक्सरसाइज फायदेमंद होते हैं। भारी वजन उठाने वाले व्यायाम से बचें।

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए?

मिर्च-मसालेदार भोजन, तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड, अधिक चाय-कॉफी और शराब के सेवन से परहेज करें। ये चीजें कब्ज और जलन को बढ़ा सकती हैं।

बवासीर की दवा कब लेनी चाहिए?

अगर घरेलू उपायों से 2-3 दिन में आराम न मिले, लक्षण गंभीर हों, या खून अधिक आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर क्रीम, ओटीसी दवाएं या अन्य उपचार बता सकते हैं।

 

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क्या बवासीर अपने आप ठीक हो जाती है?

हल्की बवासीर आहार और जीवनशैली में बदलाव से अपने आप ठीक हो सकती है। लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सकीय उपचार की जरूरत पड़ सकती है।

बवासीर में खुजली से कैसे छुटकारा पाएं?

गुदा क्षेत्र को साफ और सूखा रखें। खुजली वाली जगह को न खुजाएं। डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटी-इच क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं।

ऑपरेशन कब जरूरी होता है?

जब दवाओं और अन्य उपचारों से आराम न मिले, बवासीर की गांठ बहुत बड़ी हो जाए, या लगातार खून बहने लगे, तो ऑपरेशन की सलाह दी जा सकती है।

क्या वजन कम करने से बवासीर में आराम मिलता है?

हां, अगर आपका वजन अधिक है, तो वजन कम करने का हेल्दी तरीका और 10 आसान घरेलू उपाय अपनाकर आप श्रोणि क्षेत्र पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकती हैं, जिससे महिला बवासीर के लक्षण में आराम मिलेगा।

क्या तनाव बवासीर को प्रभावित करता है?

हां, तनाव आपके पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और कब्ज पैदा कर सकता है, जो बवासीर का एक कारण है।मानसिक तनाव कैसे दूर करें इस पर ध्यान देना भी समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

महिला बवासीर के लक्षण – निष्कर्ष (Conclusion)

महिला बवासीर के लक्षण एक दर्दनाक और असहज करने वाली स्थिति हैं, लेकिन इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। इस लेख में बताए गए लक्षणों को पहचानकर, संतुलित आहार लेकर और सरल घरेलू उपायों को अपनाकर आप इस समस्या (महिला बवासीर के लक्षण) पर काबू पा सकती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शर्म या झिझक को त्याग कर समय रहते डॉक्टर से सलाह लें। आपका स्वास्थ्य ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। अगर आपको मानसिक तनाव भी है, जो कि इस समस्या को बढ़ा सकता है, तो इसे दूर करने के तरीके भी जानें।

 

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अस्वीकरण: यह लेख (महिला बवासीर के लक्षण, कारण और 10 घरेलू इलाज) सामान्य जानकारी के लिए है और यह किसी योग्य चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको बवासीर के गंभीर लक्षण नजर आते हैं, तो कृपया किसी विशेषज्ञ से सीधे संपर्क करें।

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