बहुत से लोगों को पता भी नहीं होता कि वह कुपोषण के शिकार है इसलिए आपको इसके लक्षण और कुपोषण से बचने का प्रमुख उपाय क्या है इसके बारे में पता होना चाहिए। यह स्वस्थ जीवन जीने के लिए अति आवश्यक है कुपोषण का शिकार हो जाने की वजह से व्यक्ति का विकास रुक जाता है। जिससे उसे बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है यह कठिनाइयां शारीरिक, मानसिक और अन्य प्रकार की भी हो सकती हैं।
कुपोषण क्या है (Kuposhan kya hai)
हर एक मनुष्य को प्रतिदिन कुछ निश्चित मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स, विटामिन, वसा तथा अन्य आवश्यक तत्वों की आवश्यकता होती है उनकी पूर्ति न हो पाने की वजह से मनुष्य कुपोषण का शिकार हो जाता है।
कुपोषण से होने वाले रोग और उनके लक्षण (Kuposhan se hone wale rog)
कुपोषण से होने वाले रोग कई प्रकार के हो सकते हैं कभी-कभी एक आवश्यक तत्व की कमी से कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं ऐसे में हमें भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से आपको उपचार जरूर कर लेना चाहिए।
1. क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor)
क्वाशिओरकोर कुपोषण से ग्रसित व्यक्तियों में सबसे पहले दिखाई देने वाला रोग है क्वाशिओरकोर रोग के होने के पीछे का मुख्य कारण यह है कि हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी अधिक मात्रा में होती है। जिसकी वजह से हमें शारीरिक कमजोरी थकावट का एहसास होता है कुछ परिस्थितियों में इसकी कमी से बाल और नाखून भी कमजोर होने लग जाते हैं।
- इसकी कमी को दूर करने के लिए हमें ऐसे भोजन करने चाहिए जिसके अंदर प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है जैसे कि दूध, दाल, मीट, सोयाबीन इत्यादि।
2. मरास्मस (Marasmus)
मरास्मस भी कुपोषण से प्रभावित इंसानों में सर्वप्रथम दिखाई देने वाला रोग माना जाता है। इसकी कमी से हमें अपने दैनिक कार्यों को करने में थकावट महसूस होने लगती है और हमेशा कमजोरी का एहसास होता रहता है। मरास्मस में भूख का लगना कम हो जाता है जिससे शरीर का संतुलन काफी हद तक खराब हो जाता है। मरास्मस (Marasmus) छोटे बच्चों में होने की वजह से उनका विकास रुक जाता है जिससे उनका कर छोटा और शरीर दुबला पतला हो जाता है।
- मरास्मस कमी को दूर करने के लिए हमें अपने भोजन में उच्च कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जैसे की आलू, दूध, चावल, दाल, मूंगफली, तिल, सूजी, गेहूं इत्यादि।
3. पेलैग्रा
कुपोषण के कारण होने वाला रोग पेलैग्रा विटामिन B3 निएसिन के कारण होता है। पेलैग्रा की वजह से हमारी त्वचा पर लालिमा दिखाई देने लग जाती है इसके साथ शरीर में दुर्बलता और अन्य प्रकार की आंतरिक समस्याएं हो सकती हैं जैसे सर दर्द, मुंह में छाले, पेट में दर्द, पाचन संबंधी समस्याएं तथा बुढ़ापा के लक्षण तेजी से दिखाई देना।
- पेलैग्रा की समस्या को दूर करने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में मूंग दाल खस्ता धनिया हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
4. स्कर्वी
स्कर्वी का रोग मुख्य रूप से हमारे शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण होता है। स्कर्वी की वजह से हमारी त्वचा में सुजन देखी जाती है तथा शारीरिक कमजोरी भी हो जाती है। स्कर्वी की कमी से मुंह में छाले, कमजोरी, बुखार, मसूड़े से खून आना, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना, त्वचा की चमक का रंग फीका पड़ना इत्यादि देखने को मिलता है।
- इसकी कमी को दूर करने के लिए हमें खट्टे फल जैसे कि नींबू, ऑवला, संतरा, मौसंबी तथा सब्जियों में मिर्च, टमाटर इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
5. रिकेट्स
कुपोषण के कारण होने वाले रोग में रिकेट्स विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से होता है इसकी वजह से हमारी हड्डियों में दर्द कमजोरी तथा मांसपेशियों में भी कमजोरी होती है रिकेट्स की बीमारी से हमें शारीरिक गतिविधि करने में कमजोरी महसूस होती है पैरों में दर्द होता है तथा खान की इच्छा खत्म हो जाती है और अन्य प्रकार के शारीरिक कमजोरी हो जाती हैं
- इसकी कमी को दूर करने के लिए हमें प्रत्येक दिन सूर्योदय के समय सूर्य की किरणों में रहना चाहिए तथा दूध, पालक, मूंग दाल, पनीर व अन्य ऐसे खाद्य पदार्थ जिनके अंदर कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है उन्हें अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।
6. बेरीबेरी
कुपोषण के के कारण होने वाला रोग बेरीबेरी विटामिन B1 थायमीन के कमी के कारण से होता है। इसकी वजह से हमारी मांसपेशियों की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है जिसकी वजह से कमजोरी का एहसास होता है, और हृदय से संबंधित समस्याएं भी हो जाती हैं जिससे दिल की धड़कन और शरीर में खून के प्रवाह में परिवर्तन आता है। कुपोषण से संबंधित रोग बेरीबेरी की वजह से हमें सांस लेने में कठिनाई, मानसिक तनाव, और डिप्रेशन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
- इसकी कमी को पूरा करने के लिए हमें अंडा, आम, ताम्बूल ( पान) इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
7. नाइट ब्लाइंडनेस
नाइट ब्लाइंडनेस कुपोषण की वजह से होने वाला ऐसा रोग है जो विटामिन ए की कमी से होता है। नाइट ब्लाइंडनेस की बीमारी में हमारे देखने की क्षमता रात के हल्के उजाले में कम हो जाती है, जिससे स्थाई अंधापन भी हो जाता है। ऐसे लोगों को वाहन चलाने में तथा पढ़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
- नाइट ब्लाइंडनेस रोग को दूर करने के लिए मुख्य रूप से गाजर पालक से एम आम इत्यादि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
8. आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया
कुपोषण के द्वारा होने वाला रोग आईरन डिफिशिएंसी एनीमिया मुख्य रूप से आयरन की कमी की वजह से होता है इसकी वजह से हमारे शरीर में खून की कमी होने लग जाती है इसकी वजह से थोड़े से काम करने पर थकान चक्कर आना सर में दर्द होना बाहरी त्वचा का पीला पादना और हाथों तथा पैरों में ठंड लगना इत्यादि प्रमुख लक्षण है
- आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया को दूर करने के लिए मुख्य रूप से पालक, तिल, सोया और रेड मीट खाना चाहिए।
9. आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑर्डर
कुपोषण में होने वाला रोग आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑर्डर मुख्य रूप से आयोडीन की कमी से होता है। इसके कारण हमें मानसिक समस्या तथा याददाश्त से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ता है, आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑर्डर में थायराइड से संबंधित समस्याएं मुख्य रूप से होती हैं जिसके कारण हमारे शरीर का वजन या तो बहुत तेजी से बढ़ता है या बहुत तेजी से कम हो जाता है। आयोडीन की कमी की वजह से हमारे त्वचा में सूजन तथा खुजली जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- कुपोषण के कारण होने वाली आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए हमें मुख्य रूप से आयोडीन से भरपूर नमक, समुद्री भोजन का सेवन करना चाहिए।
10. जिंक डिफिशिएंसी
कुपोषण के कारण होने वाला रोग जिंक डिफिशिएंसी मुख्य रूप से शरीर में जिंक की कमी की वजह से होता है। इसकी वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा त्वचा से संबंधित समस्याएं देखने को मिलती हैं। जिसमें मुख्य रूप से त्वचा में सूजन तथा दर्द का होना शामिल है, जिंक की कमी से बुढ़ापन दिखाई देने लगता है और सांस लेने में भी कठिनाई होती है।
- जिंक की कमी को दूर करने के लिए हमें मुख्य रूप से मांस डाल बीस तथा गोखरू को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
11. कॉपर डिफिशिएंसी
कुपोषण के कारण कॉपर डिफिशिएंसी का रोग मुख्य रूप से कॉपर की कमी की वजह से होता है। जिसकी वजह से हमारे शरीर के रक्त प्रवाह में कमी आती है, तथा बालों से संबंधित समस्या होती है कॉपर की कमी से त्वचा में खुजली, बालों का झड़ना तथा दातों से संबंधित समस्याएं भी होती हैं। इसके साथ-साथ पेट दर्द और मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है।
- कॉपर की कमी को दूर करने के लिए हमें मुख्य रूप से किशमिश, काजू और गोभी का इस्तेमाल अपने डाइट में करना चाहिए।
12. राइबोफ्लेविन डिफिशिएंसी (विटामिन B2)
राइबोफ्लेविन डिफिशिएंसी मुख्य रूप से विटामिन बी 2 के कमी की वजह से होती है। विटामिन B2 की कमी से हमारे चेहरे तथा आंखों में सूजन देखने को मिलती है, इसके साथ-साथ यह हमारी त्वचा को भी रुखा बना देता है और नींद ना आने जैसी समस्या का कारण बनता है। खांसी, सिर दर्द, शारीरिक थकान तथा ब्लड प्रेशर का बढ़ना भी विटामिन बी 2 की कमी की वजह से होता है।
- विटामिन B2 की कमी को दूर करने के लिए हमें दूध, दही, अंडा इत्यादि का सेवन अपने आहार में सम्मिलित करना चाहिए।
13. विटामिन B6 डिफिशिएंसी
कुपोषण की वजह से विटामिन B6 डिफिशिएंसी हमारे शरीर में न्यूरॉन्स से संबंधित समस्याओं को जन्म देती है। तथा यह मेटाबॉलिज्म में भी समस्या उत्पन्न करता है विटामिन B6 की कमी से मानसिक समस्या, डिप्रेशन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
- विटामिन B6 की कमी को दूर करने के लिए हमें अपने आहार में केला, अखरोट, मूंगफली और अंडा शामिल करना चाहिए।
14. विटामिन B12 डिफिशिएंसी
विटामिन B12 की कमी कुपोषण के कारण हो जाने पर हमारे शरीर में एनीमिया तथा मस्तिष्क से संबंधित समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिससे हमारे याद करने की क्षमता, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है, विटामिन B12 की कमी से हमारे शरीर में दर्द, पाचन तंत्र संबंधित समस्या तथा याददाश्त कम होने की समस्या हो जाती है।
- विटामिन बी12 की कमी को दूर करने के लिए मुख्य रूप से दूध से बने पदार्थ उपयोगी साबित होते हैं जैसे दूध, पनीर, दही इत्यादि, आप अपने आहार में मीट भी शामिल कर सकते हैं।
15. फोलेट डिफिशिएंसी
सही आहार न मिल पाने की वजह से हमारे शरीर में होने वाली फोलेट डिफिशिएंसी के कारण मानसिक समस्या, गर्भावस्था में बाधा तथा आत्मविश्वास की कमी को बढ़ावा देता है। शरीर में फोलेट की कमाई की वजह से दिल की समस्या तथा छोटे बच्चों में बार-बार बीमार होने की समस्या देखी जाती है।
- फोलेट की कमी को दूर करने के लिए हरी सब्जी, अंडा तथा खजूर उपयोगी साबित हो सकते हैं।
16. विटामिन के डिफिशिएंसी
कुपोषण की वजह से हमारे शरीर में यदि विटामिन के की कमी हो जाती है, तो इससे हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर की चमक फीकी पड़ जाती है। यह रक्तस्राव को बढ़ावा देता है और त्वचा को भी खराब करने लग जाता है, विटामिन के की कमी से बालों का कमजोर होना भी शुरू हो जाता है।
- विटामिन के डिफिशिएंसी को कम करने के लिए पालक, गोभी, स्ट्रॉबेरी और कीवी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
कुपोषण से बचने का प्रमुख उपाय
कुपोषण से बचने के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने खाने पीने के तरीके को सही प्रकार से समझना होगा जिससे उसे प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके। इसके लिए हम नीचे कुछ आवश्यक तत्वों के बारे में तथा उनकी कमी से दिखने वाले लक्षण कैसे दिखते हैं इसके बारे में बात करेंगे, साथ में हम यह भी जानेंगे कि कुपोषण से बचने का प्रमुख उपाय में इन तत्वों की कमी को दूर करने के लिए हमें अपने आहार में कौन सी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे हम कुपोषण से बचे रहें।
क्र. | विकार का नाम | आवश्यक तत्व कमी | स्रोत भोजन |
---|---|---|---|
1 | क्वाशिओरकोर | प्रोटीन | दूध, पुल्से, मांस |
2 | मैरास्मस | प्रोटीन और कैलोरीज | दूध, दाल, सूजी, तिल, मूँगफली |
3 | पेलैग्रा | विटामिन बी3 (निएसिन) | मूंगदाल, मैच्छ, खस्ता धनिया |
4 | स्कर्वी | विटामिन सी | आम, नींबू, गोभी, टमाटर |
5 | रिकेट्स | विटामिन डी, कैल्शियम | सूरज की किरणें, दूध, पालक, मूँगदाल |
6 | बेरीबेरी | विटामिन बी1 (थायमीन) | चौल, अंडे, मैंगो, ताम्बूल |
7 | नाइट ब्लाइंडनेस | विटामिन ए | गाजर, पालक, सेसेम सीड्स, आम |
8 | आयरन डेफिशेंस एनीमिया | आयरन | लाल मांस, पालक, तिल, सोया |
9 | आयोडीन डेफिशेंस डिसऑर्डर्स | आयोडीन | नमक, सीफ़ूड, सीवीएम, तिल |
10 | जिंक डेफिशेंस | जिंक | गोखरू, मांस, दालें, बीन्स |
11 | कॉपर डेफिशेंस | कॉपर | किशमिश, बैजनाक, काजू, गोभी |
12 | विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) डेफिशेंस | विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) | दूध, दही, मैट, अंडे |
13 | विटामिन बी6 डेफिशेंस | विटामिन बी6 | बनाना, अखरोट, मूँगफली, अंडे |
14 | विटामिन बी12 डेफिशेंस | विटामिन बी12 | मांस, दूध, पानीर, श्रीराम |
15 | फोलेट डेफिशेंस | फोलेट | हरा सब्जी, अंडे, टिडी, खजूर |
16 | विटामिन के डेफिशेंस | विटामिन के | पालक, गोभी, स्ट्रॉबेरी, कीवी |
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