कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय; कहीं 1 गलती बहरा ना करें, जानें लक्षण और कान की देखभाल के उपाय

कान में फुंसी ज्यादातर मामलों में बाहरी हिस्से पर होती हैं, ऐसे में कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय मददगार साबित हो सकते हैं यदि फुंसी बाहर से दिखाई नहीं देती है तब आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यहां कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय के बारे में बताया गया है जिसे सावधानीपूर्वक विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद आप इसे प्रयोग में ला करके देख सकते हैं। 

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय
कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय (kan me funsi hone per gharelu upay) 

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय जो आपकी मदद करेंगे वह है; आक के पीले पत्ते, सरसों का तेल, लहसुन, सेम की पत्ती, दालचीनी, गिलोय, प्याज, और नीम के पत्ते इत्यादि का इस्तेमाल नीचे बचाए गए तरीकों से कर सकते हैं, यह तरीका कान में फुंसी होने के साथ-साथ कान के फोड़े को ठीक कर सकते हैं। 

आक के पीले पत्ते

यदि कान की फुंसी बाहर से दिखाई दे रही हो और उसका रंग गहरा लाल या गहरा पीला हो तब ऐसे में आक के पत्तों के इस्तेमाल से उसे ठीक किया जा सकता है, इसके लिए आपको आक के पीले पत्तों को तोड़कर साफ पानी से धुलने के बाद पत्ते को थोड़ी सी मात्रा के घी में डुबो करके उसका रस निकाल ले और फिर इस रस को फुंसी पर लगाए,

ऐसा करने से कान की फुंसी और कान का फोड़ा ठीक हो जाता है। आक के पत्तों का इस्तेमाल करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसका दूध आपकी आंखों में नहीं पड़ना चाहिए वर्ना इससे अंधापन हो सकता है।

रतनजोत

रतनजोत का प्रयोग कान की फुंसी को ठीक करने के लिए सबसे पहले रत्नजोत को सरसों के तेल में धीमी आंच पर पका लेना है, इसके बाद इसे छान करके ठंडा कर लें जब यह ठंडा हो जाए तब इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कान की फुंसी पर लगाए। 

लहसुन

लहसुन की कलियों का इस्तेमाल कान की फुंसी (pimple in ear) और फोड़े को ठीक करने में पुराने समय से किया जा रहा है, इसके लिए लहसुन की दो कलियों को कुचल करके सरसों के तेल में धीमी आंच पर पका ले जब यह पूरी तरीके से पक जाए तब इसे छान करके ठंडा कर लें और इसे कान में डालें, दरअसल लहसुन में एंटी बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जिसकी वजह से यह फोड़े और फुंसी में पनपने वाले बैक्टीरिया को करने का काम करता है।

सेम की पत्तियां

सेम की पत्ती का रस कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय के तौर पर किया जा सकता है, इसके लिए सेम की पत्तियों को साफ पानी से धुल कर उसका रस निकाल ले, निकालने के बाद रस को थोड़ा सा गर्म कर लें जितना सहन किया जा सके, इसके बाद दो से तीन बूंद थोड़े समय अंतराल के बाद कान में डालते रहें ऐसा करने से कान की फुंसी का मवाद बाहर निकल जाता है, और कान की फुंसी जल्दी ठीक हो सकती है।

गिलोय

गिलोय का इस्तेमाल कान कान में फुंसी होने पर किया जा सकता है, इसके लिए सबसे पहले गिलोय को पानी में घिसकर के पेस्ट बना लें इसके बाद उसे हल्की आंच पर गुनगुना कर लें, जब थोड़ा सा ठंडा हो जाए जितना सहन किया जा सकता है, तब इसे फुंसी के ऊपर लगाए ऐसा करने से फुंसी की वजह से कान में होने वाला दर्द से भी आराम मिल सकता है।

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय
कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय

दालचीनी

दालचीनी के तेल का इस्तेमाल कान में होने वाले फुंसी और फोड़े से आराम दिला सकता है इसके लिए एक से दो बुद्ध दालचीनी का तेल कान में दिन में दो बार या डॉक्टर की सलाह अनुसार डाल सकते हैं।

प्याज का रस

प्याज का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में किया जाता है उनमें से एक कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय के तौर पर भी किया जा सकता है, इसके लिए प्याज को बारिक काट लें, अब उसे हल्की आज पर भून लें भूनने के बाद प्याज का रस निचोड़ करके कान में डालें, ऐसा करने से आपको कान की फुंसी से जल्दी आराम मिल सकता है। वहीं प्याज के रस का इस्तेमाल बालों को काला करने के लिए भी किया जाता है।

नीम का पत्ता

कान की फुंसी को ठीक करने के लिए नीम के थोड़े से पत्तों को पानी में डाल करके अच्छे प्रकार से उबाल लें, इसके बाद जब पानी ठंडा हो जाए तब उसे छान करके कान में बूंद-बूंद करके डालें, इस प्रक्रिया को आप दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं ऐसा करने से कान में मौजूद अन्य हानिकारक बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं। नीम का पत्ता अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के काम में आता रहा है जिसका पूरा इस्तेमाल प्राचीन काल में आयुर्वेदाचार्य के द्वारा किया जाता था और आज भी किया जाता है।

हल्दी और फिटकरी

कान में फुंसी होने पर हल्दी और फिटकरी के चूर्ण को समान अनुपात में मिलाकर के उसका सरसों के तेल में पेस्ट बना लें, इसके बाद उसे सहन करने योग्य जितना गर्म करके कान में फुंसी पर लगाए, ऐसा करने से कान की फुंसी जल्दी ठीक हो सकती है।

कान में फुंसी होने का लक्षण (kan me funsi hone ke lakshan kya hai)

कान में फुंसी होने पर शुरुआत में हल्का-हल्का दर्द होता है यदि फुंसी बाहर से दिखाई देती है तो वह शुरुआत में लाल होती है, इसके बाद धीमे-धीमे उसमे मवाद भरने लगता है और वह पीली पड़ जाती है, जिसके फूटने से कान के बाहर मवाद बहती है। कभी-कभी यह बड़े जख्म का रूप ले लेता है जिसकी वजह से कान में असहनीय दर्द होता है, यदि कान की फुंसी से मवाद का बहाना शुरू हो जाता है, तो ऐसे में आपको अपने पास के डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

कान में फुंसी क्यों होती है

कान में फुंसी होने का मुख्य कारण कान में जमा मैल और गंदगी है, इसके अलावा बुखार होने पर, मलेरिया होने पर या किसी प्रकार का बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर भी कान में फुंसी हो जाती है। कभी-कभी मौसम के बदलने की वजह से भी कान में फुंसी निकल आती है दरअसल कान हमारे शरीर का बाहरी हिस्सा होता है मौसम के बदलने पर तापमान तेजी से परिवर्तित होता है, जिसकी वजह से कान गरम और ठंडा का अनुभव करता है तत्पश्चात कान में दर्द लालिमा या फुंसी हो सकती है।

कान में फुंसी का इलाज

कान में फुंसी का घरेलू इलाज शुरुआती दौर में किया जा सकता है, लेकिन यदि फुंसी अधिक बड़ी हो तो दर्द होने की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए, अन्यथा यह फुंसी कान में एक बड़े फोड़े का रूप ले सकती है। विशेषज्ञ डॉक्टर कान में फुंसी का इलाज दवा की मदद से जल्दी कर सकता है, इसके साथ यदि जरूरत महसूस होती है तो डॉक्टर कान में फुंसी का इलाज ऑपरेशन से भी कर सकता है।

कान की सफाई कैसे करें

कान की सफाई करने के लिए आपको प्रतिदिन नहाने के बाद किसी साफ गीले कपड़े की मदद से कान के थोड़े से अंदर तक साफ करना चाहिए, या फिर रुई के टुकड़े को पानी में भिगोकर के गर्दन को झुका करके हल्का-हल्का साफ करना चाहिए, ध्यान रहे कान में पानी अधिक नहीं जाना चाहिए, इससे कुछ समय के लिए आपको कम सुनाई दे सकता है।

कान में पानी चले जाने की स्थिति में जिस तरफ कान में पानी गया हो उस हिस्से को करवट लेते हुए नीचे की तरफ रखें, कुछ समय बाद पानी अपने आप निकल जाएगा। यदि पानी अपने से नहीं निकलता है, तब आप सूखी रूई को धीमे-धीमे कान में डालें रूई पानी के संपर्क में आते ही उसे सोख लेगी।

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय
कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय

कान की देखभाल कैसे करें (kan ki dekhbhal kaise kare)

कान की देखभाल करने के लिए आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए जैसे की; कान में बार-बार उंगली करने से बचे, दूसरे का एयरफोन ना लगाए, कान को माचिस की तिल्ली से साफ ना करें, धूल ना जमने दें, इसके साथ नीचे कान की देखभाल करने के लिए कुछ तरीके बताए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए;

  • कान को स्वस्थ रखने के लिए अधिक शोरगुल से दूर रहना चाहिए
  • कान की सफाई करते वक्त साफ कपड़े का इस्तेमाल करें
  • किसी अपरिचित का एयरफोन या फिर दूसरे का एयरफोन लगाने से बचें
  • माचिस की तिल्ली या फिर किसी लकड़ी की मदद से कान को साफ करने का प्रयास न करें
  • कान से मवाद बहने और दर्द होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • नहाते वक्त कान में अपनी जान से रोके
  • अधिक ठंडी वाली जगह पर कान को ढक करके रखें
  • सोते वक्त कम ऊंचाई वाली तकिया का इस्तेमाल करें
  • प्रतिदिन कान के पिछले हिस्से को भी साफ करना चाहिए
  • यदि शरीर में कहीं पर भी फंगल का संक्रमण है तो कान को बार-बार छूने से बचना चाहिए।
  • एयर फोन में आवाज तेज ना रखें

कान से जुड़ा हुआ एक फैक्ट

ज्यादातर लोगों को लगता है कि कान का काम सिर्फ सुनना होता है, परंतु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कान का पहला काम हमारे शरीर को नियंत्रित करना होता है, दरअसल कान के अंदर मौजूद लिक्विड हमारे शरीर को बैलेंस रखने का कार्य करता है जिसकी वजह से हम सीधे खड़े रह पाते हैं।

यदि आप चाहे तो इस बात का प्रयोग भी कर सकते हैं, इसके लिए आपको अपनी गर्दन को गोल-गोल घूमना है जिससे कान में मौजूद लिक्विड इधर-उधर फैल जाएगा, इसके बाद आप अचानक से गर्दन को घुमाना रोक दें आप अनुभव करेंगे की आपका शरीर आपके नियंत्रण में नहीं है, परंतु ऐसा करते वक्त अपने आसपास किसी को जरूर रखें जिससे यदि आप गिरे तो चोट लगने से बचाया जा सके।

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय
कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय

कान में फुंसी होने पर घरेलू उपाय -निष्कर्ष

मेडिको सूत्र ( Medico Sutra) टीम ने कानपुर के कई मशहूर ई एन टी (ENT) डॉक्टर से इंटरव्यू लिया जिसमें से कुछ आयुर्वेदाचार्य भी थे। उनके अनुसार कान हमारे शरीर का एक जरूरी हिस्सा होता है इसकी देखभाल भी हमें सावधानी पूर्वक करनी चाहिए कान में फुंसी होना, मवाद बहना, कम सुनाई देना, दर्द होना इत्यादि जैसे लक्षण दिखने पर ई एन टी (ENT) वाले डॉक्टर से संपर्क जरुर करना चाहिए।

यदि संक्रमण अधिक फैल गया तो यह कान के पर्दे को भी प्रभावित कर सकता है इसलिए लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आपके लिए अच्छा रहेगा।

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