दांत से कीड़ा निकालने के लिए पुराने समय से तरह-तरह के नुस्खे अपनाये जाते रहे हैं, उसी में एक है फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले। फिटकरी के अंदर मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण के कारण इसका इस्तेमाल अक्सर दांत में लगने वाले बैक्टीरिया से संबंधित रोगों के इलाज में किया जाता रहा है। इस लेख में हम जानेंगे फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले वह फिटकरी का इस्तेमाल कितने प्रकार से दातों का कीड़ा निकालने के लिए किया जा सकता है।
फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले
फिटकरी से दांत का कीड़ा निकालने के लिए हमें फिटकरी के पाउडर की आवश्यकता होगी। इसके बाद नीचे बताए गए तरीकों का इस्तेमाल करके, हम फिटकरी के पाउडर से दांत के कीड़े को जड़ से खत्म कर सकते हैं। आईए जानते हैं वह कौन से तरीके हैं? और कैसे इस्तेमाल किए जाते हैं? ज्यादातर मामले में फिटकरी पाउडर को सीधे तौर पर इस्तेमाल करने से भी राहत मिल जाती है। परंतु उसमें कुछ और चीजों को मिला देने से जल्दी राहत मिल सकती है। यह चीजे हमारे घर में आसानी से उपलब्ध होती हैं, आईए जानते हैं वह कौन सी चीज हैं जिन्हें इस्तेमाल करके फिटकरी से दांत का कीड़ा निकाला जा सकता है।
फिटकरी पाउडर और काला नमक (सेंधा नमक)
फिटकरी जिसे पोटाश एलम कहा जाता है इसके अंदर पोटेशियम, एल्यूमिनियम और सल्फेट पाया जाता है। यदि फिटकरी के पाउडर को सेंधा नमक के साथ मिला करके इसको दांतों पर लगाया जाए तो यह दांत के कीड़ों को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। दरअसल सेंधा नमक में सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन पाया जाता है। जिसमें से मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड दातों की ऊपरी सतह एनेमल (Enamel) पर जमे हुए प्लॉक को हटाने में मदद करता है,
जिससे बैक्टीरिया संक्रमण नहीं फैला पाता। इसके साथ सोडियम क्लोराइड मसूड़े की सूजन को भी कम करता है। सेंधा नमक में मौजूद मैग्नीशियम मसूड़े को मजबूत करता है, वहीं पोटेशियम दातों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद करता है, जिससे हमें ठंडा या गर्म चीजों के सेवन करने से होने वाले दर्द को बचाता है। सेंधा नमक में मौजूद कैल्शियम दांतों की मजबूती में अहम भूमिका निभाता है, और आयरन मसूड़े में खून के प्रवाह को बनाए रखता है।
इस वजह से फिटकरी से दांत का कीड़ा निकालने के लिए, सेंधा नमक के पाउडर का साथ में इस्तेमाल किया जाता है। इस मिश्रण को दिन में दो बार ब्रश या उंगलियों की मदद से कैविटी वाली जगह पर लगाना है, मुंह में बनने वाली लार को थूकते रहे, तत्पश्चात 5 मिनट के बाद मुंह को साफ पानी से कुल्ला कर लें।
यहाँ फिटकरी (Potash Alum) और सेंधा नमक (Rock Salt) में पाए जाने वाले मुख्य रासायनिक यौगिकों का नाम तालिका रूप में दिया गया है:
फिटकरी (Potash Alum) | सेंधा नमक (Rock Salt) |
पोटैशियम (Potassium, K) | सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride, NaCl) |
एल्यूमिनियम (Aluminium, Al) | मैग्नीशियम (Magnesium, Mg) |
सल्फेट (Sulfate, SO4) | पोटैशियम (Potassium, K) |
जल (Water, H2O) | कैल्शियम (Calcium, Ca) |
लोहा (Iron, Fe) |
हल्दी और फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले
हल्दी और फिटकरी से दांत का कीड़ा निकालने के लिए समान अनुपात में दोनों पाउडर को मिक्स कर लेना है। इसके बाद कैविटी वाली जगह पर उंगली से या ब्रश की मदद से लगाए। यह हल्दी से युक्त खास मिश्रण में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण वाला करक्यूमिन नमक रासायनिक तत्व पाया जाता है। जो दांत में फैलने वाले संक्रमण को रोकने में अहम भूमिका निभाता है, इसके साथ हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन को भी कम करता है,
जिससे मसूड़े मौजूद होते हैं। इसके साथ मसूड़े से संबंधित पीरियडोंटाइटिस जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है। करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है, जिसकी वजह से मुंह में बनने वाली नई कोशिकाओं को नुकसान होने से भी बचाता है। इस खास मिश्रण को दिन में दो बार इस्तेमाल में लिया जा सकता है मुंह में बनने वाली लार को थूकते रहे लगभग 10 मिनट बाद साफ पानी से कुल्ला करें।
यहाँ हल्दी (Turmeric) में पाए जाने वाले मुख्य रासायनिक यौगिकों का नाम तालिका रूप में दिया गया है:
रासायनिक यौगिक (Chemical Compound) | मुख्य कार्य (Main Function) |
कर्क्यूमिन (Curcumin) | एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक |
डेमेथॉक्सी कर्क्यूमिन (Demethoxycurcumin) | एंटीऑक्सीडेंट |
बिस्डेमेथॉक्सी कर्क्यूमिन (Bisdemethoxycurcumin) | एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी |
टरमरोन (Turmerone) | एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी |
एटलांटोन (Atlantone) | एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी |
जिंजरोन (Gingerol) | एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी |
नींबू और फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले
नींबू और फिटकरी से दांत का कीड़ा निकालने के लिए फिटकरी के पाउडर में नींबू का रस मिलाकर के, कैविटी वाली जगह पर दिन में दो से तीन बार लगाने से आराम मिल सकता है। दरअसल नींबू में विटामिन-सी पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह मसूड़े को स्वस्थ रखने में खास मदद करता है। अक्सर विटामिन सी की कमी से हमें स्कर्वी नामक रोग भी हो जाता है।
नींबू का रस कोलेजन के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है, जिससे मसूड़े मजबूत होते हैं। नींबू में साइट्रिक एसिड पाया जाता है यह एक प्रकार से दांतों का क्लीनिंग एजेंट माना जाता है, नींबू में पाए जाने वाला सिट्रिक एसिड दांतों पर जमने वाले प्लांक को हटाता है। इसके साथ-साथ दातों के दाग धब्बे को भी साफ करता है जिससे हमारे दांत चमकदार होते हैं। समय समय पर हमें दातों की देखभाल करते रहनी चाहिए नहीं तो पायरिया होने की भी आशंका होती है। इसको दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल करें इसके बाद साफ पानी से कुल्ला कर लें।
नींबू (Lemon) में पाए जाने वाले मुख्य रासायनिक यौगिकों का नाम और उनके कार्य तालिका रूप में दिया गया है:
रासायनिक यौगिक (Chemical Compound) | मुख्य कार्य (Main Function) |
साइट्रिक एसिड (Citric Acid) | एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, दांतों की सफेदी |
एस्कॉर्बिक एसिड (Ascorbic Acid, Vitamin C) | एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी, कोलाजेन उत्पादन |
फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) | एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी |
लिमोनीन (Limonene) | एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल |
पेक्टिन (Pectin) | एंटीऑक्सीडेंट, पाचन सहायक |
सरसों का तेल और फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले
फिटकरी के पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से दांत के कीड़े जल्दी खत्म हो सकते हैं। दरअसल सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो एक एंटीइन्फ्लेमेटरी है जिसकी वजह से मसूड़े में होने वाली सूजन को रोकता है। इसके साथ इसमें सेलेनियम भी पाया जाता है जो दातों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस नुस्खे को दिन में एक से दो बार इस्तेमाल में ला सकते हैं।
सरसों के तेल (Mustard Oil) में पाए जाने वाले मुख्य रासायनिक यौगिकों का नाम और उनके कार्य तालिका रूप में दिया गया है:
रासायनिक यौगिक (Chemical Compound) | मुख्य कार्य (Main Function) |
इरुसिक एसिड (Erucic Acid) | एंटीइंफ्लेमेटरी, दर्द निवारक |
ओलेइक एसिड (Oleic Acid) | मॉइस्चराइजिंग, एंटीऑक्सीडेंट |
लिनोलिक एसिड (Linoleic Acid) | सूजनरोधी, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी |
अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (Alpha-Linolenic Acid) | एंटीइंफ्लेमेटरी, हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी |
गामा-लिनोलेनिक एसिड (Gamma-Linolenic Acid) | एंटीइंफ्लेमेटरी, त्वचा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी |
साइनिग्रिन (Sinigrin) | एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल |
ग्लूकोसिनोलेट्स (Glucosinolates) | एंटीबैक्टीरियल, एंटी-कार्सिनोजेनिक |
फाइटोस्टेरोल्स (Phytosterols) | कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक |
फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले
फिटकरी पाउडर से दांत का कीड़ा निकालने के लिए साधारण रूप से सिर्फ फिटकरी के पाउडर को कैविटी वाली जगह पर ब्रश या उंगली की मदद से धीमे-धीमे लगे इसके बाद साफ पानी से कुल्ला कर ले इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार कर सकते हैं यदि उंगली से लगाना संभव नहीं है तो एक चम्मच फिटकरी पाउडर को एक गिलास पानी में अच्छे से घोल लें इसके बाद इस पानी से गल्ला करें।
ऐसा करने से हमें दांत में होने वाले दर्द से भी आराम मिलता है यदि परेशानी अधिक समय से है तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। फिटकरी के अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए अन्यथा यह दातों को नुकसान भी पहुंचा सकती है, तथा कुछ मात्रा में मसूड़े को भी प्रभावित करती है। यदि आप फिटकरी के अलावा कुछ और अचूक तरीके आजमाना चाहते हैं तो इस लेख में पढ़ें दांत में कीड़ा लगने का घरेलू उपाय।
दांत में कीड़ा पड़ने के शुरुआती लक्षण
दांत में कीड़ा पड़ने की शुरुआती दिनों में हमें हल्के दर्द और ठंडा या गरम खाने पर दांतों में संवेदनशीलता का एहसास होता है इसके साथ हमें दांतों में गड्ढे भी दिखाई देने लग जाते हैं जो दिखने में काले रंग का होता है इसके साथ कभी-कभी मसूड़े में दर्द और सूजन भी हो जाती है इस परिस्थिति में संक्रमण दातों से होते हुए मसूड़े तक फैल जाता है दांत में कीड़ा पड़ने के शुरुआती दोनों में मुंह से बदबू आने की समस्या भी देखी जा सकती है जिन लोगों को डायबिटीज होता है उन्हें दांतों में कीड़ा लगने पर ज्यादा कठिनाई हो सकती है।
दांतों में कीड़ा लगने से कैसे रोके
दांतों में कीड़ा लगने से रोकने के लिए अपने दांतों की नियमित सफाई पर खास ध्यान रखना चाहिए, हमें प्रतिदिन कम से कम दो बार ब्रश जरूर करना चाहिए। रात में सोने से पहले खाना खाने के बाद ब्रश जरूर करना चाहिए। यदि हम ब्रश नहीं कर सकते तो माउथवॉश से मुंह को धूल लेना चाहिए, जिसके अंदर फ्लोराइड की उचित मात्रा होनी चाहिए।
फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा होने से भी दांतों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए सही माउथवॉश चुनने के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। हमें अधिक मीठा खाने से बचना चाहिए क्योंकि मुंह के अंदर मौजूद बैक्टीरिया मीठे को प्लॉक के रूप में बदल देते हैं जो हमारे दांतों में चिपका रहता है यही मुख्य कारण दातों में कीड़ा लगने का होता है।
- प्रतिदिन खाना खाने के बाद ब्रश करें।
- सोने से पहले ब्रश जरूर करें।
- फ्लोराइड से युक्त माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
- प्रत्येक 6 महीने के बाद दांतों के डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
- छोटे बच्चों को खाना खिलाने के बाद कुल्ला जरूर कराए।
- दांतों के बीच फंसे भोजन के टुकड़े को टूथपिक की मदद से निकाले।
- सप्ताह में एक बार नीम की दातुन जरूर करें।
- सप्ताह में एक बार फिटकरी और सेंधा नमक के मिश्रण से दातों की मसाज जरूर करें।
- यदि दांतों पर क्राउन लगा है तो समय-समय पर डॉक्टर को दिखाते रहें।
- छोटे बच्चों मे ब्रश करने की आदत डालें।
- सप्ताह में एक बार थोड़ा सा ठोस पदार्थ का खाने का प्रयास करना चाहिए जिससे दातों की एक्सरसाइज होती रहे यह सिर्फ बच्चों और युवाओं के लिए है।
- अधिक उम्र होने पर दांत अपने आप गिरने लगते हैं ऐसे में आपको दांतों के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
दांतों में लगने वाला कीड़ा कितने दिन में ठीक होता है
साधारण तौर पर शुरुआती दिनों में दांतों में लगने वाला कीड़ा 7 से 10 दिन के अंदर ठीक हो जाता है। परंतु यदि स्थिति अधिक खराब है तो इससे ज्यादा समय भी लग सकता है, यदि आपको बहुत अधिक समय से दांतों में कीड़ा लगने की समस्या है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, अधिक देर होने पर यह संक्रमण आसपास के स्वास्थ्य दातों में भी फैल सकता है।
फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले -निष्कर्ष
हमने इस लेख (फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले) में कई तरीकों के बारे में जाना जिनके इस्तेमाल से हम दांत के कीड़े को हटा सकते हैं परंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि दांत में कीड़े अधिक समय से लग रहे हैं तो जितना जल्दी हो सके नजदीक की दांतों के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि मुंह में होने वाला संक्रमण यदि समय पर ठीक नहीं होता है तो यह बहुत तेजी से फैलता है प्रत्येक स्वस्थ मनुष्य को दिन में दो बार ब्रश जरूर करना चाहिए।
मेडिको सूत्र (MedicoSutra) पर आने के लिए दिल से धन्यवाद, हम आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं
कृपया अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।