टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं; जानें 5 जादुई हर्बल चाय जो टाइफाइड के दौरान पी सकते हैं

टाइफाइड से ग्रसित मरीज को कभी-कभी चाय पीने की तलब उठती है ऐसे में सवाल यह उठता है कि टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं ज्यादातर विशेषज्ञ की माने तो टाइफाइड में चाय की थोड़ी सी मात्रा पीने से कोई विशेष नुकसान नहीं होता, लेकिन वही अगर आप कैफीन से भरपूर चाय की अत्यधिक मात्रा को का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको अनेक प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती है। 

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं

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टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं (Typhoid mein chai pina chahiye ya nahi) 

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं इसका सीधा जवाब है हां, आप चाय पी सकते हैं लेकिन चाय की मात्रा बहुत सीमित होनी चाहिए विशेषज्ञ की की माने तो टाइफाइड से ग्रसित मरीजों को प्रतिदिन पीने वाली चाय को पीने के बजाय उन्हें हर्बल चाय पीने की सलाह दी जाती है जो स्वास्थ्य के नजरिए से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है हर्बल चाय प्रकृति में मौजूद औषधि गुना वाले पौधों के इस्तेमाल से बनाई जाती है जो हमारे लिए फायदेमंद होती है।

टाइफाइड में कौन सी हर्बल चाय पीना चाहिए

टाइफाइड मैं हर्बल चाय का पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है हर्बल चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मिनरल्स और न्यूट्रिशन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं इसके साथ वह हमारे शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करते हैं जिससे हम रोगों से जल्दी छुटकारा पा जाते हैं टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं इसके आधार पर

यहां पर पांच प्रकार की हर्बल चाय के बारे में बताया गया है जैसे कि पुदीना की चाय, अदरक और नींबू की चाय, कैमोमाइल की चाय, लैवेंडर की चाय, गुड़हल की चाय, ग्रीन टी, तुलसी की चाय इत्यादि है जो टाइफाइड के मैरिज डॉक्टर से पूछ करके पी सकते हैं।

टाइफाइड में किसकी चाय पीना चाहिए

यहां नीचे कुछ हर्बल चाय के बारे में बताया गया है जो मरीज के विभिन्न परिस्थितियों के ऊपर निर्भर करता है प्रत्येक मरीज की शारीरिक क्षमता, स्वास्थ्य और किए जाने वाला उपचार अलग-अलग होता है। इसलिए किसी भी प्रकार की हर्बल चाय को अपने डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह जरूर ले।

टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के द्वारा होने वाला एक प्रकार का घातक बुखार है, यदि किसी व्यक्ति को टाइफाइड हो जाता है तो उसे डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह और उपचार करवाना चाहिए, अपने आहार में किसी भी प्रकार का बदलाव करने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

1. पुदीना चाय (Peppermint Tea)

टाइफाइड के मरीज यदि पुदीने की चाय पीते हैं तो उसमें मौजूद मेंथॉल पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है इसके साथ यह पेट दर्द को भी काम करने में मददगार साबित हो सकता है पुदीना चाय के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन जैसे कि विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई, और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पुदीने में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे अनेक मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारी शरीर के संपूर्ण विकास और अलग-अलग तरह के कार्य विधि में सहयोग करते हैं।

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं

पुदीना चाय बनाने की विधि

  1. पुदीने की पत्तियों को तैयार करें (Preparation of Mint Leaves): सबसे पहले पुदीने की ताज़ी पत्तियों को अच्छी तरह से साफ पानी से धो लें ताकि उन पर लगी धूल या गंदगी निकल जाए। धोने के बाद, उन्हें हल्का-सा कुचल (Crush) लें। ऐसा करने से पुदीने का सार और स्वाद चाय में बेहतर तरीके से घुल जाता है।

  2. पानी को उबालें (Boil the Water): एक सॉसपैन या बर्तन में एक कप पानी लें और उसे मध्यम आंच पर गर्म करना शुरू करें। अगर आप अदरक का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे कूटकर अभी पानी में डाल दें।

  3. पुदीने की पत्तियाँ डालें (Add the Mint Leaves): जब पानी में उबाल आने लगे, तो इसमें तैयार की हुई पुदीने की पत्तियाँ डाल दें। अगर आप सामान्य चाय पत्ती का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे भी इसी चरण में डालें।

  4. हल्की आंच पर उबलने दें (Let it Simmer): अब आंच को धीमा कर दें और पैन को ढक दें। इसे लगभग 4 से 5 मिनट तक हल्की आंच पर उबलने दें। इससे पुदीने के सारे गुण पानी में अच्छे से समा जाते हैं। ज़्यादा देर तक उबालने से चाय का स्वाद कड़वा हो सकता है।

  5. छानकर परोसें (Strain and Serve): ७ मिनट के बाद गैस बंद कर दें। अब एक कप में एक छन्नी का इस्तेमाल करके चाय को छान लें, ताकि पुदीने की पत्तियाँ और चाय पत्ती अलग हो जाएँ।

  6. स्वाद अनुसार मिठास मिलाएँ (Add Sweetener): अब इस सुगंधित और गर्म चाय में स्वादानुसार शहद या गुड़ मिलाएँ। ध्यान रहे, शहद को कभी भी बहुत गर्म चाय में न मिलाएँ, इससे उसके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। चाय को थोड़ा ठंडा होने दें, फिर शहद मिलाएँ। नींबू का रस भी इस चरण में डाला जा सकता है।

2. अदरक और नींबू की चाय (Ginger-Lemon  Herbal Tea)

अदरक और नींबू की चाय ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में तथा बड़े हुए वजन को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होता है अदरक और नींबू की चाय के पीने से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है अदरक के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता पाई जाती है जो मरीज के शरीर के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होती है।

अदरक और नींबू की चाय में कुछ मिनरल जैसे कि पोटेशियम मैग्नीशियम और फास्फोरस पाए जाते हैं, टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं यह इस बात से और बेहतर समझ में आएगा कि नींबू और अदरक की चाय में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जो हमारे शरीर में वायरस के द्वारा होने वाले संक्रमण को कम करने में मदद करता है।

अदरक और नींबू की चाय बनाने की विधि  

टाइफाइड में पीने वाली चाय बनाने के लिए एक चम्मच कटे हुए अदरक, और एक चम्मच नींबू के रस को एक कप पानी में मिला करके बनाया जाता है। इसके लिए आप सबसे पहले पानी को गर्म करें जब पानी गर्म हो जाए तो उसमें अदरक और नींबू के रस को मिला ले और दो से तीन मिनट तक गर्म होने दें इसके बाद चाय को छान करके पिया जा सकता है।

3. कैमोमाइल चाय (Chamomile Tea)

कैमोमाइल चाय पीने के अनेक फायदे होते हैं यह नींद की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत दिला सकती है कैमोमाइल चाय पीने से स्ट्रेस कम होता है और पेट दर्द तथा गैस संबंधी समस्या से भी आराम मिलता है, यदि कोई मरिज कैमोमाइल चाय को पीता है तो इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

कैमोमाइल चाय के अंदर मौजूद Chamazulene  एक पावरफुल एंटी-इन्फ्लेमेटरी कारक है जो शरीर में उत्पन्न हुए दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है, इसके अंदर टेरपेनॉइड भी पाया जाता है जो एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंट्री माइक्रोबॉयल गुना से भरपूर होता है वही कैमोमाइल चाय में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं यह चाय आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी अहम भूमिका निभाती है, कैमोमाइल चाय पीने से पहले मरीज को अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए कुछ लोगों को यह चाय नुकसान पहुंचा सकती है।

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं

कैमोमाइल चाय बनाने की विधि

कैमोमाइल चाय सदियों से अपने शांतिदायक और औषधीय गुणों के लिए पसंद की जाती रही है। यह सिर्फ एक हर्बल टी नहीं, बल्कि तनाव कम करने, अनिद्रा दूर करने, पाचन में सुधार लाने और Immunity बढ़ाने का एक प्राकृतिक नुस्खा है। इसके हल्के, फ्लोरल और सुखदायक स्वाद का आनंद लेने के लिए इसे घर पर बनाना बेहद आसान है। आइए जानते हैं कैमोमाइल चाय बनाने की पूरी विधि, सही तरीका और इसके लाजवाब फायदे।

आवश्यक सामग्री (Ingredients for Chamomile Tea):

  • 1 कप (लगभग 250 ml) ताज़ा पीने का पानी

  • 1-2 चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल (Dried Chamomile Flowers)। अगर ताज़े फूल उपलब्ध हैं तो उनका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • स्वादानुसार शहद (Honey) – वैकल्पिक

  • स्वादानुसार नींबू का रस या एक स्लाइस – वैकल्पिक

  • दालचीनी का एक छोटा सा टुकड़ा – वैकल्पिक (स्वाद बढ़ाने के लिए)

कैमोमाइल चाय बनाने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका (Step-by-Step Recipe):

  1. पानी गर्म करें (Heat the Water):
    एक बर्तन या केतली में एक कप पानी लें और उसे मध्यम आंच पर गर्म करना शुरू करें। ध्यान रखें: कैमोमाइल चाय के लिए पानी को पूर्ण रूप से उबालना (Violent Boil) जरूरी नहीं है। बस इतना गर्म करें कि उसमें हल्के-हल्के बुलबुले उठने लगें (लगभग 90-95°C)। जोर से उबलते पानी से कैमोमाइल के नाजुक फूलों का स्वाद और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

  2. कैमोमाइल फूल डालें और उबालें (Add Chamomile and Steep):

    • जैसे ही पानी में हल्के बुलबुले आने लगें, गैस की आंच को धीमा कर दें।

    • अब इसमें 1-2 चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल डाल दें।

    • बर्तन को ढककर इसे लगभग 5 से 7 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें। इस प्रक्रिया को “स्टेपिंग” (Steeping) कहते हैं। ऐसा करने से कैमोमाइल फूलों का पूरा सार, स्वाद और गुण पानी में अच्छी तरह से घुल जाता है।

  3. छानकर परोसें (Strain and Serve):

    • 5-7 मिनट के बाद गैस बंद कर दें।

    • एक कप के ऊपर एक छन्नी (Strainer) रखकर चाय को छान लें, ताकि कैमोमाइल के फूल अलग हो जाएं और आपको साफ चाय मिल सके।

  4. स्वादानुसार सजाएँ (Customize Your Flavor):

    • अब इस सुगंधित और सुनहरे रंग की चाय में स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर मीठा कर सकते हैं। शहद के पोषक तत्व बरकरार रखने के लिए चाय को पीने लायक गर्म (बहुत ज्यादा गर्म नहीं) होने पर ही शहद मिलाएं।

    • अगर आपको थोड़ा टेंगी स्वाद पसंद है, तो इसमें नींबू की कुछ बूंदें निचोड़ सकते हैं।

    • दालचीनी का टुकड़ा डालने से चाय का स्वाद और सुगंध दोनों बढ़ जाते हैं।

4. लैवेंडर चाय (Lavender Tea)

लैवेंडर की चाय उन मरीजों को अधिक फायदा पहुंचा सकती है जिन्हें माइग्रेन, स्ट्रेस तथा गले में इरिटेशन जैसी समस्या होती है। इसके अलावा लैवेंडर की चाय इनसोम्निया के मरीजों को भी विशेष रूप से लाभ पहुंचती है, लैवेंडर की चाय पीने से नींद ना आने की समस्या दूर करने में मदद मिलती है।

लैवेंडर के अंदर लेनेलाल (Linalool) नामक एक प्राकृतिक रिलैक्सेंट (Natural Relaxant) है यह मानसिक तनाव और बेचैनी को कम करने में मदद करता है। लैवेंडर की चाय को अपने डाइट में शामिल करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए।

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं

लैवेंडर चाय बनाने की विधि

लैवेंडर चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक सुगंधित चिकित्सा (Aromatherapy) का अनुभव है। अपनी मनमोहक खुशबू और शांतिदायक गुणों के कारण, यह चाय तनाव और चिंता को कम करने, अनिद्रा को दूर भगाने और सिरदर्द से राहत दिलाने में अद्भुत काम करती है। इसके हल्के फ्लोरल और थोड़े एर्थी स्वाद का आनंद लेना चाहते हैं? घर पर परफेक्ट लैवेंडर चाय बनाना बेहद आसान है। आइए जानते हैं इसकी पूरी विधि, महत्वपूर्ण टिप्स और स्वास्थ्य लाभ।

आवश्यक सामग्री (Ingredients for Lavender Tea):

  • 1 कप (लगभग 250 ml) ताज़ा पीने का पानी

  • 1-1.5 चम्मच सूखे लैवेंडर के फूल (Dried Lavender Buds)। सुनिश्चित करें कि लैवेंडर खाने योग्य (Culinary Grade) है।

  • स्वादानुसार शहद या मेपल सिरप – वैकल्पिक (मिठास के लिए)

  • नींबू का एक स्लाइस या कुछ बूँदें नींबू का रस – वैकल्पिक

  • कैमोमाइल या पुदीने की कुछ पत्तियाँ – वैकल्पिक (फ्लेवर को बढ़ाने के लिए)

लैवेंडर चाय बनाने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका (Step-by-Step Recipe): 

  1. पानी को सही तापमान पर गर्म करें (Heat Water to the Right Temperature):

    • एक बर्तन या केतली में एक कप पानी लें और उसे मध्यम आंच पर गर्म करना शुरू करें।

    • लैवेंडर एक नाजुक जड़ी-बूटी है, इसलिए इसे उबलते हुए पानी में नहीं डालना चाहिए। बेहतर होगा कि पानी को पूरी तरह से उबालने के बजाय, उसे हल्का गर्म करें जब उसमें छोटे-छोटे बुलबुले दिखाई देने लगें (लगभग 90-95°C)। इससे लैवेंडर का सार और सुगंध बरकरार रहती है।

  2. लैवेंडर के फूल डालें और उबालें (Add Lavender and Steep):

    • जैसे ही पानी सही तापमान पर पहुँच जाए, इसमें 1 से 1.5 चम्मच सूखे लैवेंडर के फूल डाल दें।

    • बर्तन को ढककर इसे 5 से 10 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें। यह समय आपकी पसंद पर निर्भर करता है। अगर आपको हल्की सुगंध और स्वाद चाहिए, तो 5 मिनट काफी है। अगर आप चाय का स्वाद और सुगंध ज्यादा गहरा चाहते हैं, तो इसे 10 मिनट तक उबलने दें। ध्यान रहे, ज्यादा देर तक उबालने से चाय का स्वाद थोड़ा कड़वा हो सकता है।

  3. छानकर परोसें (Strain and Serve):

    • तय समय के बाद गैस बंद कर दें।

    • एक कप के ऊपर एक बारीक छन्नी (Strainer) रखकर चाय को अच्छी तरह छान लें, ताकि लैवेंडर के सारे फूल अलग हो जाएँ और आपको एक साफ, सुगंधित चाय मिल सके।

  4. स्वादानुसार फ्लेवर मिलाएँ (Customize Your Cup):

    • इस सुगंधित चाय में स्वाद के अनुसार शहद या कोई अन्य प्राकृतिक स्वीटनर मिलाकर मीठा कर सकते हैं।

    • नींबू का रस डालने से चाय का फ्लोरल स्वाद और भी निखर जाता है और एक ताज़गी भरा अहसास होता है।

    • अगर आप एक हाइब्रिड टी का अनुभव चाहते हैं, तो लैवेंडर के साथ ही कैमोमाइल या पुदीने की कुछ पत्तियाँ भी डाल सकते हैं। इससे स्वाद का एक नया डायमेंशन मिलेगा।

आपकी शानदार और स्वास्थ्यवर्धक लैवेंडर चाय तैयार है! इसका आनंद सोने से पहले एक शांतिदायक रूटीन के तौर पर जरूर लें, खासकर तनावभरे दिन के बाद। यह चाय आपके दिमाग और शरीर को गहरी शांति और रिलैक्सेशन का अहसास कराएगी।

सावधानी: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं तथा किसी विशेष स्वास्थ्य स्थिति से ग्रसित लोग लैवेंडर चाय पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

5. गुड़हल की चाय (Gudhal Tea)

हर्बल चाह हमें गुड़हल की चाय भी मानी जाती है इस चाय को पीने से विटामिन मिनरल्स मिलते हैं गुड़हल में मौजूद एंथोसाइएनिन एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर की सुरक्षा करने में मदद करता है। टाइफाइड के मरीज को गुड़हल की चाय पीने की सलाह नहीं दी जाती है गुड़हल की चाय पीने से पहले आपको अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

गुड़हल की चाय बनाने की विधि

गुड़हल की चाय बनाने के लिए आपको गुड़हल के ताजे फूल और एक कप पानी की जरूरत पड़ेगी सबसे पहले पानी को हल्की आंच पर गर्म करें जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें गुड़हल के फूल को डालकर 5 से 10 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें इसके बाद छान करके इसे पिया जा सकता है गुड़हल की चाय उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह से पीना चाहिए।

टाइफाइड में परहेज

टाइफाइड के मरीजों को हमेशा साफ और सादा खाना खाने की सलाह दी जाती है, और आसपास की सफाई का उचित ध्यान रखना चाहिए, टाइफाइड के मरीजों को तलब पर नियंत्रण रखना चाहिए टाइफाइड के मरीजों को चटपटी चीजों से परहेज करना चाहिए। मीट, मांस और अंडे जैसी चीजों का सेवन ना करना भी अच्छा माना जाता है।

टाइफाइड के मरीजों को अधिक मात्रा में चाय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि चाय के अंदर मौजूद कैफीन की मात्रा शरीर में अधिक होने पर उलझन और अनिद्रा जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। कैफीन की अधिक मात्रा पाचन से संबंधित समस्या भी उत्पन्न कर सकती है जिससे बनने वाला मल कठोर हो जाता है (और पढ़ें:- मल को मुलायम कैसे करें)

टाइफाइड को जल्दी ठीक करने के लिए सलाह

  • टाइफाइड बैक्टीरिया के द्वारा होने वाला एक संक्रमण है जिसके लिए उचित देखभाल बहुत आवश्यक है अन्यथा यह गंभीर रूप से नुकसानदायक साबित हो सकता है।
  • टाइफाइड के मरीजों को डॉक्टर के संपर्क में हमेशा बने रहना चाहिए।
  • एंटीबायोटिक का सही समय और सही तरीके से डॉक्टर के  परामर्श से जरूर खाना चाहिए।
  • पीने वाले पानी को हमेशा साफ रखें कोशिश करें कि पानी पीने से पहले उसे उबलने जिससे उसके अंदर मौजूद बैक्टीरिया और विषैला तत्व खत्म हो जाए।
  • सादा खाना, खाना चाहिए आप साधारण रूप से बने हुए भोजन को ग्रहण कर सकते हैं जिसमें तेल की मात्रा कम होनी चाहिए।
  • आप अपने हाथों को समय-समय पर धुलेटी रहे क्योंकि टाइफाइड के बैक्टीरिया हाथों से होते हुए आपके अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं।

टाइफाइड के मरीजों को कच्चे भोज्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए यह आपको और बीमार कर सकता है क्योंकि कच्चे पदार्थ में बैक्टीरिया आसानी से अलग नहीं होते जो यदि यह बैक्टीरिया टाइफाइड के मरीज के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो उसके कमजोर प्रतीक्षा तंत्र की वजह से और अधिक बीमारी पैदा कर सकते हैं।

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं -निष्कर्ष

टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं इस बात का सही जवाब आपको विशेषज्ञ डॉक्टर से अवश्य लेना चाहिए वैसे तो साधारण चाय को थोड़ी सी मात्रा में पीने से कोई विशेष नुकसान नहीं होता लेकिन यदि आप इसकी अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह निश्चित रूप से आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है इसलिए यदि किसी टाइफाइड से ग्रसित मरीज को इस बात का संसार है कि टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं तो उसे अपने डॉक्टर से जाकर के व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना चाहिए और अपने खाने-पीने के तौर तरीकों के बारे में भी सलाह लेनी चाहिए।

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